पाकिस्तान में जारी सियासी खींचतान के बीच विपक्षी दलों ने प्रधानमंत्री इमरान खान को ही देश के लिए 'सुरक्षा खतरा' घोषित कर दिया है। डॉन की रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के अध्यक्ष शहबाज शरीफ ने एक बयान में कहा कि खान ने सत्ता में बने रहने की बेताब कोशिश में पाकिस्तान को मुश्किलों में डाल दिया है।
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पाक संसद में विपक्षी के नेता शहबाज शरीफ ने जोर देकर कहा कि अपनी हताशा में इमरान खान पाकिस्तान के राजनयिक संबंधों को नुकसान पहुंचा रहे थे, इसलिए यह जरूरी था कि उन्हें इन विनाशकारी भाषणों को देने से प्रतिबंधित किया जाना चाहिए। शरीफ ने कहा, "पत्र नहीं दिखाने का मतलब है कि कोई पत्र नहीं है। इमरान नियाजी एक बार फिर एक नया झूठ बोल रहे हैं जैसा कि वह आमतौर पर करते हैं। इमरान के भ्रष्टाचार के झूठे आख्यान के बाद, रियासत-ए-मदीना की छवि बनाने के बारे में झूठ, यह साजिश पत्र उनके डूबते जहाज को बचाने के लिए नया झूठ था।"
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एक संवाददाता सम्मेलन में बोलते हुए पीएमएल-एन के ख्वाजा आसिफ ने 'खतरे के पत्र' के पीछे अमेरिका को देश के रूप में नामित करने के लिए इमरान खान को फटकार लगाई। उन्होंने कहा, "इसमें कोई संदेह नहीं है कि अमेरिका हमारे लिए समस्याएं पैदा कर सकता है।" उन्होंने कहा कि देश पाकिस्तान के लिए वित्तीय संकट पैदा कर सकता है और यहां तक कि उसके लिए तेल खरीदना मुश्किल भी कर सकता है। उन्होंने कहा कि खान देश के अस्तित्व और अर्थव्यवस्था के लिए 'खतरनाक' हो गए हैं।
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वहीं, पीपीपी अध्यक्ष बिलावल भुट्टो-जरदारी ने एक टीवी चैनल से कहा कि उन्होंने 'पूर्व प्रधानमंत्री का भाषण' नहीं देखा। उन्होंने आरोप लगाया कि इमरान खान ने देश को अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष का गुलाम बनाया, कश्मीर नीति को नुकसान पहुंचाया और चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे को भी धक्का पहुंचाया।
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