कोरोना वायरस के कहर से चीन कराह रह है। इस वायरस से चीन में अब तक 1100 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं करीब 42,000 लोग इस वायरस के संक्रमण से ग्रस्त हैं। वहीं अब कोरोना वायरस को लेकर चीनी सरकार पर सवाल भी उठने लगे हैं। हालांकि कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए चीन की सरकार कई कदम उठा रही है लेकिन पारदर्शिता ना होने की वजह से उसकी भूमिका को लेकर भी सवाल खड़े होने लगे हैं।
अमेरिकी सांसद टॉम कॉटन ने कोरोना वायरस के फैलने के लिए चीन की कम्युनिस्ट पार्टी को जिम्मेदार ठहराया है। अमेरिकी सांसद ने कहा कि यह वायरस मानव निर्मित जैव हथियार हो सकता है जो संभवत: 'वुहान इंस्टिट्यूट ऑफ वायरलॉजी' से लीक हुआ है। टॉम कॉटन ने चीनी प्रशासन को अपने दावे को गलत साबित करने की चुनौती भी दे डाली है।
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कोरोना वायरस की उत्पत्ति से लेकर संक्रमण फैलने तक चीन की भूमिका कहीं ना कहीं संदिग्ध रही है। चीन ने शुरुआत में दावा किया कि कोरोना वायरस चीन के वुहान शहर की फिश मार्केट से निकला है लेकिन तमाम सबूत इस दावे को नकारते हैं। चीनी अधिकारी अभी तक खुद वायरस की उत्पत्ति को लेकर आश्वस्त नहीं है जिसकी वजह से अमेरिकी सांसद कॉटन समेत कई वैज्ञानिक ऐसा संदेह जता रहे हैं। कुछ दिनों पहले ही चीन जीन एडिटिंग को लेकर सवालों के घेरे में आ गया था।
लोग ये भी शक जता रहे हैं कि चीन वायरस से हुई मौतों के आंकड़ों को भी छिपा रहा है। 'The Epoch Times' के मुताबिक, चीन के वुहान में इतनी लाशें आ रही हैं कि शवदाह गृहों में मजदूर दिन-रात काम कर रहे हैं।
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इसके अलावा, सोशल मीडिया पर तमाम ऐसे वीडियो भी वायरल हुए हैं जिनसे पता चलता है कि स्थिति चीन के नियंत्रण से बाहर होती जा रही है। कई अधिकारी सार्वजनिक स्थलों पर बड़े पैमाने पर स्प्रे कर रहे हैं तो संक्रमण के शक में तमाम लोगों को एक अलग कैंप में भेज दिया जा रहा है। इन कैंपों में पर्याप्त मेडिकल सुविधाएं भी नहीं दी जा रही हैं।
एक वायरल वीडियो में चीनी स्वास्थ्य अधिकारी संक्रमण फैलने के डर से एक महिला और उसके पार्टनर को बिल्कुल बंद डिब्बे में लॉक करते दिख रहे हैं तो दूसरे वीडियो में कुछ अधिकारी अपार्टमेंट से जबरन लोगों को घसीटकर ले जाते दिख रहे हैं।
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अमेरिकी सांसद टॉम कॉटन को इन वजहों से भी चीन की मंशा पर शक हो रहा है। अमेरिका सैन्य नेताओं के सामने दिए भाषण में उन्होंने वुहान की प्रयोगशाला को सुपर लैबोरेटरी कहा। उनका मानना है कि ये वायरस इसी लैब में जैव हथियार बनाने के लिए हो रहे किसी प्रयोग का हिस्सा है।
अमेरिकी सांसद ने कहा, शुरुआती 40 मामलों में से 14 का सीफूड मार्केट से कोई लेना-देना नहीं था। मैं ये कहना चाहूंगा कि वुहान चीन की इकलौती जैवसुरक्षा से लैस लेवल 4 की सुपर लैब है जहां दुनिया के खतरनाक वायरसों पर भी काम किया जाता है, और हां इसमें कोरोना वायरस भी शामिल हो सकता है।
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टॉम कॉटन ने ट्वीट किया, चीन ने 6 करोड़ लोगों को अलग-थलग कर उन्हें कैद करके रख दिया गया है, ये आबादी हमारे वेस्ट कोस्ट की आबादी से भी ज्यादा है। उन्होंने स्कूल बंद कर दिए हैं, हॉन्ग कॉन्ग ने मुख्यभूमि चीन के लिए यात्रा पर रोक लगा दी है। अब हमें भी चीन और अमेरिका के बीच सभी कॉमर्शल फ्लाइट्स को बंद कर देना चाहिए।
अमेरिकी सांसद ने कहा, डॉ. ली ने अपने देश और दुनिया को कोराना वायरस से बचाने की कोशिश की लेकिन चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ने उन्हें चुप करा दिया। अब उनके हाथ डॉक्टर के खून से रंग गए हैं। हमें चीन की कम्युनिस्ट पार्टी पर पारदर्शिता बरतने को लेकर दबाव डालना चाहिए ताकि इस खतरनाक बीमारी के बारे में सबसे पहले आगाह करने वाले डॉक्टर ली को सच्ची श्रद्धांजलि दी जा सके।
हालांकि, चीनी अधिकारियों ने अमेरिकी सांसद के दावे को पूरी तरह से खारिज कर दिया है। अमेरिका में चीनी राजदूत कुई टियानकई ने टॉम कॉटन के सुझाव को 'क्रेजी' कहा हालांकि उन्होंने ये बात भी स्वीकार की कि उनकी सरकार को ये नहीं मालूम है कि वायरस की उत्पत्ति कहां हुई।
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