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जिम्बाब्वे में अल नीनो के कारण भयंकर सूखे का कहर, नेशनल पार्क में अब तक 100 हाथियों की मौत

आईएफएडब्ल्यू ने कहा कि जिम्बाब्वे में हाथियों की मौत को जलवायु परिवर्तन के कारण क्षेत्र के प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण को प्रभावित करने वाली गहरी और जटिल चुनौतियों के लक्षण के रूप में देखा जाना चाहिए।

जिम्बाब्वे में अल नीनो के कारण भयंकर सूखे का कहर, अब तक 100 हाथियों की मौत
जिम्बाब्वे में अल नीनो के कारण भयंकर सूखे का कहर, अब तक 100 हाथियों की मौत फोटोः IANS

अंतरराष्ट्रीय पशु कल्याण और संरक्षण समूह इंटरनेशनल फंड फॉर एनिमल वेलफेयर (आईएफएडब्ल्यू) ने बताया है कि जिम्बाब्वे के सबसे बड़े गेम रिजर्व ह्वांगे नेशनल पार्क में अल नीनो के कारण पड़े सूखे की वजह से कम से कम 100 हाथियों की मौत हो गई है। साथ ही समूह ने कहा कि जल्द ही बारिश नहीं हुई तो यह संख्या और बढ़ेगी।

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आईएफएडब्ल्यू ने एक बयान में कहा, ''अल नीनो के कारण जिम्बाब्वे में गर्मियों में बारिश पांच सप्ताह देर से हो रही है, जिसकी वजह से जिम्बाब्वे के सबसे बड़े संरक्षित क्षेत्र ह्वांगे नेशनल पार्क में दर्जनों हाथियों की पहले ही मौत हो चुकी है, जो लगभग 45,000 हाथियों का घर है।'' न्यूज एजेंसी शिन्हुआ ने आईएफएडब्ल्यू के हवाले से कहा, "पानी की कमी के कारण कम से कम 100 हाथियों के मरने की खबर है।"

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आईएफएडब्ल्यू ने कहा कि पार्क में 104 सौर ऊर्जा संचालित बोरहोल अधिक तापमान से निपटने के लिए अपर्याप्त हैं, जिससे मौजूदा वॉटरहोल सूख रहे हैं। वन्यजीवों को भोजन और पानी की तलाश में लंबी दूरी तक चलने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। आईएफएडब्ल्यू ने कहा कि हाथी जैसे पानी पर निर्भर स्तनधारी सबसे अधिक प्रभावित हैं और अगर जल्द ही बारिश नहीं हुई तो इन्हें और अन्य वन्यजीव प्रजातियों को संकट का सामना करना पड़ेगा।

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आईएफएडब्ल्यू के अनुसार, 2019 में जिम्बाब्वे में सूखे से 200 से अधिक हाथियों की मौत हो चुकी है। अब यह घटना बार-बार हो रही है। आईएफएडब्ल्यू ने कहा कि जिम्बाब्वे में हाथियों की मौत को जलवायु परिवर्तन के कारण क्षेत्र के प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण को प्रभावित करने वाली गहरी और जटिल चुनौतियों के लक्षण के रूप में देखा जाना चाहिए।

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