
बांग्लादेश में जैसे-जैसे चुनाव की सुगबुगाहट तेज हो रही है, वैसे-वैसे हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। यूनुस की सरकार के आने के बाद से देश में अराजकता की स्थिति बनी हुई है। आए दिन अलग-अलग जगहों से हिंसा की तस्वीरें सामने आ रही हैं। इस बीच अवामी लीग ने देशभर में विरोध मार्च का ऐलान कर दिया है।
हाल ही में इंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्यूनल बांग्लादेश ने पूर्व पीएम शेख हसीना को मौत की सजा सुनाई है। इसे लेकर हसीना की पार्टी अवामी लीग ने 30 नवंबर तक देशभर में आंदोलन और “प्रतिरोध मार्च” की घोषणा की है।
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बता दें, आईसीटी ने हसीना और तत्कालीन गृह मंत्री असदुज्जमां खान कमाल को उनकी गैर-मौजूदगी में मानवता के खिलाफ अपराध करने के आरोप में मौत की सजा सुनाई थी।
अवामी लीग ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा, "ट्रिब्यूनल का फैसला मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार की एक राजनीतिक साजिश का हिस्सा है ताकि हसीना और पार्टी को अगले साल फरवरी में होने वाले चुनाव से बाहर रखा जा सके।" अवामी पार्टी ने यूनुस की सरकार से इस्तीफे की मांग की और 30 नवंबर तक सभी जिलों और उपजिलों में विरोध प्रदर्शन और प्रतिरोध मार्च निकालने का ऐलान किया।
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अवामी लीग ने यह भी बताया कि उनकी पार्टी सरकार के खिलाफ साजिशों का मुकाबला करने के लिए जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं, नेताओं और स्टेकहोल्डर्स के साथ बातचीत कर रही है।
पार्टी की ओर से कहा गया, “बांग्लादेश में बनावटी चुनाव की इजाजत नहीं दी जाएगी। इसका किसी भी कीमत पर विरोध किया जाएगा, और जल्द ही देश भर में एक कड़े आंदोलन की घोषणा की जाएगी।”
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बता दें, आगामी बांग्लादेश चुनाव के लिए अवामी पार्टी को बैन कर दिया गया है। इसे लेकर हसीना के बेटे सजीब वाजेद ने पहले ही कहा था कि अगर उनकी पार्टी के ऊपर लगे बैन को हटाया नहीं गया, तो बांग्लादेश में 2026 में होने वाले चुनाव को अवामी लीग ब्लॉक करेगा। अगर ऐसा होता है तो बांग्लादेश में स्थिति पहले से भी ज्यादा खराब हो जाएगी।
यूनुस की वापसी के बाद से बांग्लादेश में आईएसआई और पाकिस्तान की गतिविधियां काफी सक्रिय हो चुकी हैं। ईरान के तर्ज पर यूनुस सरकार आईआरए बनाने की तैयारी में आईएसआई के साथ मिलकर काम कर रही है। इस तरह के हालात रहे, तो बांग्लादेश में अराजकता की स्थिति और भयावह हो सकती है।
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