संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष मानवाधिकार निकाय के लिए इजराइल और फिलिस्तीनी क्षेत्रों में मानवाधिकारों पर ध्यान देने वाले तीन स्वतंत्र विशेषज्ञों की एक टीम ने कहा है कि वे इस्तीफा दे रहे हैं और उन्होंने इसकी वजह व्यक्तिगत कारण और बदलाव की जरूरत को बताया है।
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संयुक्त राष्ट्र समर्थित मानवाधिकार परिषद ने इस टीम का गठन किया था। उसने ही सोमवार को टीम के सदस्यों द्वारा इस्तीफे देने की जानकारी दी। यह ऐलान ऐसे समय में किया गया है, जब फिलिस्तीनी क्षेत्रों में हिंसा जारी है और सात अक्टूबर के हमलों के पीछे हमास और अन्य चरमपंथियों के खिलाफ इजराइली सैन्य अभियान में कमी आने का कोई संकेत नहीं है।
इजराइल सरकार ने बार-बार विशेषज्ञों की टीम की आलोचना की है, जिसे कब्जे वाले फिलिस्तीनी क्षेत्र और इजराइल पर जांच आयोग के रूप में जाना जाता है। इजराइली सरकार ने क्षेत्र की यात्रा करने की अनुमित देने या टीम के साथ सहयोग करने के अनुरोधों को अस्वीकार किया।
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संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार की पूर्व प्रमुख नवी पिल्लै ने परिषद के अध्यक्ष को लिखे पत्र में कहा कि वह "उम्र, चिकित्सा संबंधी समस्याओं और कई अन्य प्रतिबद्धताओं के बोझ" के कारण इस्तीफा दे रही हैं जो तीन नवंबर से प्रभावी होगा।
टीम के सदस्य क्रिस सिडोटी ने कहा कि पिल्लै की सेवानिवृत्ति “आयोग के पुनर्गठन के लिए उपयुक्त समय” है और “इस पुनर्गठन को सुगम बनाने के लिए” वह भी त्यागपत्र दे रहे हैं जो उसी तिथि यानी तीन नवंबर से ही प्रभावी होगा।
तीसरे सदस्य मिलन कोठारी ने अपने इस्तीफे की घोषणा करते हुए पत्र में पद छोड़ने का कोई कारण नहीं बताया। उनका इस्तीफा 31 अक्टूबर से प्रभावी होगा।
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