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संयुक्त राष्ट्र ने 68 कंपनियों को काली सूची में डाला, 7 कंपनियों को किया गया बाहर

सूची में डाली गई नयी कंपनियों में जर्मनी की भवन निर्माण सामग्री निर्माता कंपनी हीडलबर्ग मैटेरियल्स, पुर्तगाली रेल प्रणाली प्रदाता स्टेकॉन्फर और स्पेन की परिवहन इंजीनियरिंग कंपनी इनेको शामिल हैं।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया 

संयुक्त राष्ट्र ने इजराइल के कब्जे वाले वेस्ट बैंक में इजराइली बस्तियों के साथ व्यापारिक संबंधों के जरिये फलस्तीनियों के मानवाधिकारों के उल्लंघन में संलिप्तता को लेकर 68 और कंपनियों को शुक्रवार को काली सूची में डाल दिया।

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काली सूची में उन कंपनियों को शामिल किया गया है, जो वेस्ट बैंक में ज्यादातर लोगों की ओर से अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत अवैध मानी जानी वाली इजराइली बस्तियों को सहयोग और सहायता प्रदान करती हैं। इनमें निर्माण सामग्री और खुदाई मशीनों की आपूर्ति करने वाली कंपनियों से लेकर सुरक्षा, यात्रा और वित्तीय सेवाएं प्रदान करने वाली कंपनियां शामिल हैं।

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‘डेटाबेस ऑफ कंपनी’ नाम की इस सूची में अब कुल 158 कंपनियां हैं, जिनमें से ज्यादातर इजराइल की हैं। वहीं, अन्य कंपनियां अमेरिका, कनाडा, चीन, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, स्पेन, पुर्तगाल, नीदरलैंड और लक्जमबर्ग जैसे देशों से ताल्लुक रखती हैं।

शुक्रवार को सूची में 68 नयी कंपनियों को शामिल किया गया, जबकि सात को बाहर कर दिया गया। इस दौर के मूल्यांकन में कुल 215 व्यावसायिक उद्यम शामिल किए गए थे।

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सूची में डाली गई नयी कंपनियों में जर्मनी की भवन निर्माण सामग्री निर्माता कंपनी हीडलबर्ग मैटेरियल्स, पुर्तगाली रेल प्रणाली प्रदाता स्टेकॉन्फर और स्पेन की परिवहन इंजीनियरिंग कंपनी इनेको शामिल हैं।

संयुक्त राष्ट्र के प्रमुख मानवाधिकार निकाय ने इस सूची को बनाने के लिए लगभग एक दशक पहले एक प्रस्ताव पारित किया था और तब से इजराइल इसकी तीखी आलोचना करता रहा है। यह संशोधन ऐसे समय में इजराइल को और अलग-थलग कर सकता है, जब उसके कुछ यूरोपीय सहयोगियों ने गाजा पट्टी में जारी युद्ध के बीच एक स्वतंत्र फलस्तीनी राष्ट्र को मान्यता दे दी है।

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