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ट्रंप ने UNGA में भारत-चीन को यूक्रेन युद्ध के लिए बताया जिम्मेदार, भारत-पाकिस्तान जंग रुकवाने का फिर किया दावा

ट्रंप ने दावा किया कि उन्होंने 7 जंग रुकवाई है। ट्रंप ने कहा कि उन्होंने कंबोडिया और थाईलैंड, कोसोवो और सर्बिया, कांगो और रवांडा, पाकिस्तान और भारत, इजरायल और ईरान, मिस्र और इथियोपिया, आर्मेनिया और अजरबैजान जंग को खत्म कराया है।

ट्रंप ने UNGA में भारत-चीन को यूक्रेन युद्ध के लिए बताया जिम्मेदार, भारत-पाकिस्तान जंग रुकवाने का फिर किया दावा
ट्रंप ने UNGA में भारत-चीन को यूक्रेन युद्ध के लिए बताया जिम्मेदार, भारत-पाकिस्तान जंग रुकवाने का फिर किया दावा फोटोः सोशल मीडिया

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) को संबोधित करते हुए एक बार फिर भारत-पाकिस्तान समेत दुनिया में सात जंगों को रुकवाने का दावा किया है। इसके साथ ही ट्रंप ने भारत और चीन को यूक्रेन युद्ध के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए मुख्य वित्तपोषक करार दिया है। इसके अलावा ट्रंप ने अपने संबोधन में रूस, यूरोप और फिलस्तीन को मान्यता देने वाले देशों के साथ ही संयुक्त राष्ट्र पर भी करारा हमला किया है।

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भारत-पाक समेत 7 जंग रुकवाने का दावा

डोनाल्ड ट्रंप ने भाषण की शुरुआत अपने कार्यकाल के पहले आठ महीनों की 'सबसे बड़ी उपलब्धियों' से की। उन्होंने कई कारण गिनाए कि क्यों उन्हें लगता है कि अमेरिका अपने स्वर्णिम युग में है। ट्रंप ने दावा किया कि उन्होंने 7 जंग रुकवाई है। ट्रंप ने कहा कि उन्होंने कंबोडिया और थाईलैंड, कोसोवो और सर्बिया, कांगो और रवांडा, पाकिस्तान और भारत, इजरायल और ईरान, मिस्र और इथियोपिया, आर्मेनिया और अजरबैजान जंग को खत्म कराया है। ट्रंप ने कहा, "हर कोई कहता है कि मुझे इन कामयाबियों के लिए नोबेल शांति पुरस्कार मिलना चाहिए, लेकिन मेरे लिए, असली पुरस्कार यह है कि लाखों लोग अब जंग में नहीं मारे जा रहे हैं। मुझे इनाम की नहीं, बल्कि जान बचाने की परवाह है।”

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चीन-भारत यूक्रेन युद्ध के लिए जिम्मेदार

संयुक्त राष्ट्र महासभा के 80वें सत्र को संबोधित करते हुए ट्रंप ने कहा, "चीन और भारत रूसी तेल ख़रीदकर यूक्रेन में युद्ध को वित्तपोषित करने वाले मुख्य देश हैं। लेकिन, नाटो देशों ने भी रूसी ऊर्जा और रूसी ऊर्जा उत्पादों पर ज़्यादा रोक नहीं लगाई है, जैसा कि आप जानते हैं, मुझे लगभग दो हफ़्ते पहले पता चला, और मैं इससे खुश नहीं था। वे अपने ही ख़िलाफ़ युद्ध को वित्तपोषित कर रहे हैं। अगर रूस युद्ध समाप्त करने के लिए कोई समझौता करने को तैयार नहीं होता, तो अमेरिका उस पर कड़े टैरिफ़ लगाने के लिए पूरी तरह तैयार है, जिससे, मेरा मानना है, बहुत जल्द ही रक्तपात रुक जाएगा।“ यूरोपीय देशों को फटकार लगाते हुए ट्रंप ने कहा कि उन्हें भी ऐसे ही उपाय अपनाकर अमेरिका से जुड़ना चाहिए।

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ईरान युद्ध को सही ठहराया

अपने दूसरे कार्यकाल में पहली बार संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए ट्रंप ने इजरायल और ईरान युद्ध का भी जिक्र किया। उन्होंने ईरान के 12 दिनी युद्ध का जिक्र करते हुए कहा, "वहां हमने 'ऑपरेशन मिडनाइट हैमर' के जरिए ईरानी परमाणु संयंत्रों को तबाह कर दिया। मेरा मानना है कि किसी भी खतरनाक देश के पास परमाणु हथियार नहीं होने चाहिए। ये भी कहना चाहूंगा कि जैसे हमने किया वैसे कोई और नहीं कर सकता था।"

फिलिस्तीन को मान्यता देने वाले देशों पर निशाना

फिलिस्तीन को मान्यता देने वाले देशों को निशाने पर लेते हुए ट्रंप ने कहा, "कुछ लोग एकतरफा तरीके से फिलिस्तीन को मान्यता देना चाह रहे हैं। लेकिन ऐसा करने का मतलब हमास को इनाम देना होगा। हमास ने बार-बार शांति की कोशिशों को ठुकराया है। हमें एक साथ आना होगा और गाजा में तत्काल युद्ध रुकवाना होगा। हमें बंधकों को वापस लाना होगा। हम सभी 20 बंधकों को वापस चाहते हैं। हम दो और चार नहीं चाहते।"

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संयुक्त राष्ट्र की कड़ी आलोचना

ट्रंप ने संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष अधिकारियों और 150 से अधिक वैश्विक नेताओं के सामने इस अंतरराष्ट्रीय संगठन की कड़ी आलोचना की। ट्रंप ने कहा कि जिन विभिन्न युद्धों को उन्होंने रुकवाया है, उनके बारे में संयुक्त राष्ट्र ने उनसे संपर्क नहीं किया। ट्रंप ने कहा, ‘‘मैंने हमेशा कहा है कि संयुक्त राष्ट्र में अपार क्षमता है, लेकिन यह उस क्षमता के आसपास भी नहीं पहुंच पा रहा है। अधिकतर मामलों में, कम से कम अभी तो, वे बस एक बेहद कड़े शब्दों वाला पत्र लिखते हैं और फिर उस पर अमल नहीं करते। ये खोखले शब्द हैं और खोखले शब्दों से युद्ध हल नहीं होते।’’ ट्रंप ने यह दावा भी किया कि अमेरिका को पहले से कहीं ज्यादा ‘सम्मान’ मिला है।

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