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Trump Tarrif War: ट्रंप के खिलाफ खड़ा हुआ 27 देशों का समूह, अमेरिका पर लगाएगा 25 फीसदी जवाबी टैरिफ

EU ने सोमवार को कुछ अमेरिकी सामान पर 25 प्रतिशत जवाबी टैरिफ लगाने का प्रस्ताव दिया है। एजेंसी ने दस्तावेजों के हवाले से बताया है कि कुछ सामान पर टैरिफ 16 मई से प्रभावी हो जाएगा।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया 

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले हफ्ते 180 से ज़्यादा देशों पर टैरिफ लगाने की घोषणा की। ट्रंप के इस फैसले का जवाब देते हुए चीन ने भी अमेरिका पर टैरिफ लगाया, जिसके बाद से टैरिफ वॉर शुरू हो गया। अब अमेरिका ने चीन पर 50% अतिरिक्त टैरिफ लगाने की धमकी दी है। इस बीच EU यानी यूरोपीय संघ ने कई अमेरिकी सामानों पर जवाबी टैरिफ लगाने की तैयारी की है।

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समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, EU ने सोमवार को कुछ अमेरिकी सामान पर 25 प्रतिशत जवाबी टैरिफ लगाने का प्रस्ताव दिया है। एजेंसी ने दस्तावेजों के हवाले से बताया है कि कुछ सामान पर टैरिफ 16 मई से प्रभावी हो जाएगा। जबकि, कुछ अन्य पर भी इस साल से लागू होगा। इनमें हीरे, अंडे, डेंटल फ्लॉस, पोल्ट्री समेत कई चीजें शामिल हैं। खबरें हैं कि सदस्य देशों की तरफ से आपत्ति जताए जाने के बाद इस लिस्ट में से कुछ चीजों को हटाया गया है। यूरोपीय संघ ने सोमवार को इस बात पर सहमति व्यक्त की कि डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए टैरिफ को हटाने के लिए जवाबी कार्रवाई की जगह बातचीत को प्राथमिकता दी जाएगी।

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उधर, चीनी उत्पादों के आयात पर अतिरिक्त 50 प्रतिशत शुल्क लगाने की अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की धमकी के बाद चीन ने अपने अधिकारों और हितों की रक्षा के लिए दृढ़तापूर्वक जवाबी कदम उठाने की योजना बनाई है। चीन के वाणिज्य मंत्रालय द्वारा जारी बयान में कहा गया कि अमेरिका द्वारा चीन पर तथाकथित जवाबी शुल्क लगाए जाने का कदम पूरी तरह से निराधार है और यह एकतरफा धमकाने का चलन है। चीन ने जवाबी शुल्क लगाया है तथा मंत्रालय ने संकेत दिया कि और भी शुल्क लगाए जा सकते हैं।

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मंत्रालय ने कहा, चीन द्वारा उठाए गए जवाबी कदमों का उद्देश्य अपनी संप्रभुता, सुरक्षा एवं विकास संबंधी हितों की रक्षा करना और सामान्य अंतरराष्ट्रीय व्यापार व्यवस्था को बनाए रखना है। ये कदम पूरी तरह से वैध हैं। उसने कहा, चीन पर शुल्क बढ़ाने की अमेरिकी धमकी एक बड़ी गलती है और यह अमेरिका की ‘ब्लैकमेल’ करने की प्रकृति को एक बार फिर उजागर करती है। चीन इसे कभी स्वीकार नहीं करेगा। यदि अमेरिका अपना यह तरीका अपनाने पर अड़ा रहा तो चीन अंत तक लड़ेगा।

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