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कोरोना महामारी के बीच जैविक हमला कर सकते हैं आतंकी, संयुक्त राष्ट के महासचिव ने दी चेतावनी

कोरोना वायरस महामारी से लगभग पूरी दुनिया त्रस्त है। फिलहाल सारे देश इस वायरस से लड़ने में लगे हैं। ऐसे में आतंकी कोरोना वायरस महामारी का फायदा उठाते हुए जैविक हमला कर सकते हैं।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया 

कोरोना वायरस महामारी से लगभग पूरी दुनिया त्रस्त है। फिलहाल सारे देश इस वायरस से लड़ने में लगे हैं। ऐसे में आतंकी कोरोना वायरस महामारी का फायदा उठाते हुए जैविक हमला कर सकते हैं। दरअसल संयुक्त राष्ट के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने चेतावनी देते हुए कहा है कि कोरोना वायरस महामारी का फायदा उठाते हुए आतंकी जैविक हमलों को अंजाम दे सकते हैं। बीते गुरुवार को यूएन महासचिव ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की बैठक को संबोधित करते हुए ये बाते कहीं हैं। गुटेरेस ने वीडियो कॉन्फ्रैंसिंग के जरिए यूएनएससी की बैठक को संबोधित किया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा, ‘कोरोना वायरस की महामारी से लड़ने में कमजोरी और तैयारी न होने के चलते आतंकवादियों को एक मौका मिल गया है और जैविक हमले होने का खतरा और बढ़ गया है। आतंकवादी संगठन इस मौके का फायदा उठा सकते हैं क्योंकि इस समय दुनिया के सभी देशों का ध्यान इस महामारी से लड़ने में है।’

Published: 10 Apr 2020, 3:00 PM IST

गुटेरेस ने आगे कहा कि जैविक हमलों की वजह से हिंसा बढ़ सकती है और इस महामारी के खिलाफ जारी लड़ाई में हमारे प्रयासों के लिए मुश्किल पैदा हो सकती है। उन्होंने कहा, 'इस महामारी से जंग के दौरान हम यह भी देख रहे हैं कि स्वास्थ्य सुविधाओं की पहुंच को लेकर भेदभाव, मीडिया पर प्रतिबंध लगाए जाने और अभिव्यक्ति की आजादी को लेकर अधिनायकवाद को हावी होते हुए देख रहे हैं। कोरोना महामारी की वजह से शरणार्थियों और वंचितों के सामने मानवाधिकारों का संकट भी खड़ा हो सकता है।’

Published: 10 Apr 2020, 3:00 PM IST

एंटोनियो गुटेरेस ने कोरोना वायरस को बहुत बड़ा संकट बताते हुए इसे पूरी पीढ़ी की लड़ाई करार दिया है। उन्होंने कहा, ‘कोरोना वायरस पहली ऐसी महामारी है, जिसके परिणाम लंबे समय तक होंगे। इस महामारी ने अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए भी बड़ा खतरा पैदा कर दिया है।’ उन्होंने कहा कि इस महामारी की वजह से सामाजिक तनाव और हिंसा बढ़ सकती है। इसने बीमारियों से लड़ने की हमारी क्षमता को कम कर दिया है। यह बीमारी दुनिया पर एक स्वास्थ्य संकट है। इसके दुष्परिणाम दूरगामी होंगे। उन्होंने बैठक में मौजूद सभी प्रतिनिधियों से कोरोना वायरस की वजह से पैदा हुए संकट को मिलकर सुलझाने की प्रतिबद्धता जाहिर की।

Published: 10 Apr 2020, 3:00 PM IST

बता दें कि अब तक कोविड-19 से पूरी दुनिया में 16 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हैं। वहीं 95 हजार से ज्यादा की मौत हो चुकी है। मौत के कुल 90,938 मामलों में से आधे से ज्यादा बुरी तरह प्रभावित इटली, स्पेन और अमेरिका से आए हैं। इटली में सबसे ज्यादा मौत हुई है जहां 18,279 लोगों ने दम तोड़ा है। इसके बाद स्पेन में 15,238 लोगों ने दम तोड़ा है। अमेरिका में संक्रमितों की तादाद सबसे ज्यादा है, जहां इस बीमारी ने 14,830 लोगों की जान ले ली। फ्रांस में 10,869 लोगों की मौत कोरोना वायरस से हुई है।

Published: 10 Apr 2020, 3:00 PM IST

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Published: 10 Apr 2020, 3:00 PM IST