अमेरिका के एक संघीय न्यायाधीश ने हार्वर्ड विश्वविद्यालय आने वाले विदेशी छात्रों के अमेरिका में प्रवेश पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए प्रतिबंध पर अस्थायी रोक लगा दी है।
ट्रंप प्रशासन द्वारा बुधवार को जारी इस घोषणा के कारण देश के सबसे पुराने और सबसे धनी कॉलेज के एक चौथाई छात्रों पर असर पड़ सकता है, जिनमें से अधिकतर हार्वर्ड के शोध और छात्रवृत्ति कार्यक्रम का हिस्सा होते हैं।
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इससे कुछ समय पहले हार्वर्ड ने संघीय न्यायाधीश से ट्रंप के आदेश पर रोक लगाने का अनुरोध करते हुए एक याचिका दायर की थी। संस्थान ने इसे व्हाइट हाउस (अमेरिका के राष्ट्रपति का आधिकारिक आवास एवं कार्यालय) की मांगों को अस्वीकार करने के कारण हार्वर्ड के खिलाफ प्रतिशोध की भावना से किया गया कार्य कहा।
बृहस्पतिवार को दायर एक संशोधित मुकदमे में हार्वर्ड ने कहा कि राष्ट्रपति पिछले अदालती आदेश को दरकिनार करने का प्रयास कर रहे हैं।
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बता दें, बुधवार को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हार्वर्ड के अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए अमेरिका में प्रवेश को रोकने के लिए एक निर्देश पर हस्ताक्षर किए। बोस्टन में एक संघीय न्यायाधीश द्वारा विदेशी छात्रों को होस्ट करने के लिए हार्वर्ड के प्रमाणन को वापस लेने पर रोक लगाने के बाद यह हार्वर्ड के विदेशी नामांकन को कम करने के प्रशासन के नवीनतम प्रयास को चिह्नित करता है। हार्वर्ड के साथ गतिरोध ऐसे समय में हुआ है जब प्रशासन ने देश भर में छात्र वीजा की जांच कड़ी कर दी है।
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प्रशासन द्वारा अपना फैसला वापस लेने से पहले देश भर के हजारों छात्रों ने इस वसंत में अचानक अमेरिका में रहने की अनुमति खो दी थी, और विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने पिछले हफ़्ते घोषणा की थी कि अमेरिका चीन के छात्रों के वीजा को रद्द करेगा। हार्वर्ड के अंतरराष्ट्रीय छात्रों का भविष्य तब से अधर में लटका हुआ है, जब से 22 मई को होमलैंड सुरक्षा विभाग ने विदेशी छात्रों के नामांकन पर रोक लगाने का कदम उठाया था।
पीटीआई के इनपुट के साथ
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