दुनिया

'परवेज मुशर्रफ का शव घसीटकर चौराहे पर लाओ और 3 दिन तक वहीं टांगो', पाकिस्तानी अदालत ने ऐसा क्यों कहा था?

पाकिस्तानी कोर्ट ने परवेज मुशर्रफ को फांसी की सजा देते हुए अधिकारियों को निर्देश दिया था कि वे भगोड़े (मुशर्रफ) को पकड़कर कानून के मुताबिक, सजा दें और अगर ऐसा न हो और वह मर जाए तो उसके शव को घसीटकर चौराहे पर लाएं और तीन दिन तक उसे वहां लटकाएं।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया 

पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ नहीं रहे। उन्होंने दुबई के अस्पताल में 79 साल की उम्र में आखिरी सांस ली। उनके निधन के बाद उनसे जुड़ी यादों और घटनाओं को लोग साझा कर रहे हैं। पाकिस्तान में संविधान के विपरीत जाकर आपातकाल लगाने के मामले में पूर्व सैन्य तानाशाह परवेज मुशर्रफ को साल 2019 में मौत की सजा दी गई थी।

Published: 05 Feb 2023, 2:04 PM IST

पाकिस्तान की अदालत ने परवेज मुशर्रफ को फांसी की सजा देते हुए कड़े शब्दों का इस्तेलमा किया था। अदालत ने अधिकारियों को निर्देश दिया था कि वे भगोड़े (मुशर्रफ) को पकड़कर कानून के मुताबिक, सजा दें और अगर ऐसा न हो और वह मर जाए तो उसके शव को घसीटकर चौराहे पर लाएं और तीन दिन तक उसे वहां लटकाएं। विशेष अदालत की तीन न्यायाधीशों की पीठ ने एक के मुकाबले दो के बहुमत से पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ को मौत की सजा सुनाई थी। पीठ के अध्यक्ष पेशावर हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति वकार अहमद सेठ और सदस्य लाहौर हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति शाहिद करीम ने मौत की सजा के पक्ष में फैसला दिया था, जबकि सिंध हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति नजर अकबर ने असहमति जताई थी।

Published: 05 Feb 2023, 2:04 PM IST

पाकिस्तान की अदालत ने अपने फैसले में कहा था कि वह तमाम वर्दी वाले भी इस मामले में बराबर के भागीदार हैं, जिन्होंने उस समय मुशर्रफ का साथ दिया था, उन्हें सुरक्षा दी थी।  अदालत द्वारा दिए गए फैसले में कहा गया था, "उस वक्त की कोर कमांडरों की कमेटी और वो तमाम वर्दीधारी अधिकारी भी दोषी (मुशर्रफ) द्वारा लिए गए फैसलों में बराबर के शरीक हैं जिन्होंने उसे (मुशर्रफ को) उस वक्त हर समय सुरक्षा प्रदान की थी।"

Published: 05 Feb 2023, 2:04 PM IST

पाकिस्ता की अदालत ने अदालत ने अपने फैसले में कहा था, "हम कानून लागू करने वाली संस्थाओं को निर्देश देते हैं कि वे भगोड़े/दोषी को पकड़ने में अपनी पूरी क्षमता का इस्तेमाल करें और यह सुनिश्चित करें कि दोषी को कानून के मुताबिक सजा दी जाए और, अगर उनकी मौत हो जाती है तो उनकी लाश को घसीटकर इस्लामाबाद में डी चौक पर लाया जाए और तीन दिन तक उसे वहीं लटकाया जाए।"

जब पाकिस्तान की अदालत ने फैसला सुनाया था, तभी मुशर्रफ दुबई में ही थे। उन्होंने फैसले को गलत बताते हुए कहा था कि उनके खिलाफ निजी प्रतिशोध की भावना से फैसला किया गया।

Published: 05 Feb 2023, 2:04 PM IST

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia

Published: 05 Feb 2023, 2:04 PM IST