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दुनिया की खबरें: अब पाकिस्तानी पर होगी कार्रवाई? और चीन ने भारत और पाकिस्तान से संयम बरतने की अपनी अपील दोहराई

पीएम मोदी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और तीनों सेनाओं के अध्यक्ष के साथ हाई लेवल मीटिंग की। इसमें सीडीएस अनिल चौहान और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल भी मौजूद थे।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया 

पहलगाम आतंकी हमले के बाद पूरा देश आतंकियों के आका पाकिस्तान पर कार्रवाई की मांग पर अड़ा है। इस बीच पीएम मोदी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और तीनों सेनाओं के अध्यक्ष के साथ हाई लेवल मीटिंग की। इसमें सीडीएस अनिल चौहान और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल भी मौजूद थे। सूत्रों के मुताबिक करीब डेढ़ घंटे चली इस बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए। पीएम मोदी ने सेना को खुली छूट दे दी है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद को करारा जवाब देना हमारा दृढ़ राष्ट्रीय संकल्प है।

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चीन ने भारत और पाकिस्तान से संयम बरतने की अपनी अपील दोहराई

चीन ने मंगलवार को भारत और पाकिस्तान से संयम बरतने की अपनी अपील दोहराते हुए कहा कि उनका सामंजस्यपूर्ण सह-अस्तित्व क्षेत्र में शांति, स्थिरता और विकास के लिए महत्वपूर्ण है।

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गुओ जियाकुन ने यहां प्रेस वार्ता में कहा कि भारत और पाकिस्तान, दोनों ही दक्षिण एशिया में महत्वपूर्ण देश हैं।

गुओ ने यह टिप्पणी पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ने की पृष्ठभूमि में, नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर दोनों देशों के सैनिकों के बीच गोलीबारी के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए की।

पिछले सप्ताह मंगलवार को जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे।

गुओ ने कहा, ‘‘क्षेत्र में शांति, स्थिरता और विकास के लिए उनका (भारत और पाकिस्तान) सामंजस्यपूर्ण सह-अस्तित्व महत्वपूर्ण है।’’

उन्होंने कहा कि दोनों देशों के पड़ोसी के रूप में चीन दोनों पक्षों से संयम बरतने, बातचीत और परामर्श के माध्यम से मतभेदों को दूर करने तथा संयुक्त रूप से क्षेत्र को शांतिपूर्ण और स्थिर रखने का आह्वान करता है।

गुओ ने भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव पर, सोमवार को इसी तरह की टिप्पणी की थी और कहा कि वह दोनों पड़ोसियों के बीच मौजूदा तनाव को ‘‘घटाने’’ के सभी उपायों का स्वागत करते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘भारत और पाकिस्तान के साझा पड़ोसी के रूप में चीन को उम्मीद है कि दोनों पक्ष संयम बरतेंगे, एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करेंगे, बातचीत और परामर्श के माध्यम से मतभेदों को दूर करेंगे और संयुक्त रूप से क्षेत्रीय शांति और स्थिरता बनाए रखेंगे।’’

चीन ने आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की, लेकिन दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव पर उसकी पहली प्रतिक्रिया उस वक्त आई, जब पाकिस्तान के उपप्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने रविवार को चीन के शीर्ष राजनयिक वांग यी को फोन किया और बीजिंग से समर्थन मांगा।

चीन के सरकारी अखबार ‘ग्लोबल टाइम्स’ की रिपोर्ट के अनुसार, वांग ने डार के अनुरोध पर उनसे फोन पर बात की।

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रूस ने चीन को एस-400 वायु रक्षा मिसाइल प्रणालियों की आपूर्ति की

रूस ने चीन को अत्याधुनिक एस-400 वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली की आपूर्ति की है जिसमें “आश्चर्यजनक बातें” हैं। लेकिन चीन अब भी कुछ बातों को लेकर परेशान है। स्थानीय समाचार पोर्टल ‘एबीएन 24’ ने यह जानकारी दी।

रूसी ‘एस-400 ट्रायम्फ’ वायु रक्षा प्रणाली को अपनी श्रेणी में दुनिया की सर्वश्रेष्ठ प्रणालियों के तौर पर प्रतिष्ठा प्राप्त है। उसे उनकी अच्छी विशेषताओं और विभिन्न प्रकार के हवाई लक्ष्यों को रोकने की क्षमता के लिए जाना जाता है।

चीन ने 2014 में कई ‘एस-400 ट्रायम्फ’ खरीदने के लिए रूस के साथ अरबों डॉलर के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए थे।

कई वर्षों बाद, उस सौदे के बारे में रोचक विवरण सामने आए।

तब ‘एबीएन 24’ ने कहा कि इस सौदे ने दुनिया भर का ध्यान आकर्षित किया और इसे चीनी-रूसी सैन्य सहयोग का एक महत्वपूर्ण प्रतीक माना गया। इसे चीन द्वारा अपनी राष्ट्रीय वायु रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम भी माना गया।

हालांकि, चीनी इंटरनेट सेवा सोहू के विश्लेषकों ने कहा है कि चीन को दिए गए एस-400 सिस्टम का आज शायद ही कहीं कोई उल्लेख है।

इसके अलावा, वे शायद ही कभी चीनी सेना की सार्वजनिक रिपोर्टों में दिखाई देते हैं, और उनकी तैनाती और उपयोग के बारे में वस्तुतः कोई खबर नहीं है।

इसके अलावा, चीनी सेना की सार्वजनिक रिपोर्टों में बमुश्किल इसकी चर्चा हैं और उनकी तैनाती और उपयोग के बारे में भी कोई खबर नहीं है।

चीनी पत्रकारों का कहना है कि चीन रूसी वायु रक्षा प्रणालियों पर बहुत अधिक निर्भर है। उन्हें एक शक्तिशाली चीनी वायु रक्षा प्रणाली बनाने की कुंजी माना जाता था क्योंकि ये प्रणालियां वास्तव में उत्कृष्ट हथियार हैं।

हालांकि चीनी पत्रकारों की बातों में एक तथ्य को ध्यान में नहीं लिया गया है। रूस ने एस -400 में कुछ आश्चर्यजनक बनाकर अपने हितों का ख्याल रखा है।

चीन का मानना है कि रूस ने चीन को अपने उपकरण का बहुत ही सामान्य संस्करण दिया है तथा कुछ उन्नत कार्यप्रणालियों (क्षमताओं) को रोक लिया है।

चीन इस बात से आश्चर्यचकित है कि ‘‘स्पष्टतः, एस-400 के निर्यात संस्करण प्रमुख प्रौद्योगिकियों तक सीमित हो सकते हैं।’’

चीनी पत्रकारों के अनुसार, रूस इस प्रकार अपने तकनीकी रहस्यों को नकल होने से बचा रहा है और विदेशी सेनाओं की अपने सशस्त्र बलों के साथ प्रतिस्पर्धा करने की क्षमता को भी सीमित कर रहा है।

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स्पेन, पुर्तगाल में बिजली लगभग पूरी तरह बहाल; अंधेरा छाने की वजह पर अब भी रहस्य

स्पेन और पुर्तगाल में मंगलवार को बिजली लगभग पूरी तरह बहाल कर दी गई। हालांकि यूरोप के सबसे गंभीर ‘ब्लैकआउट’ के कारणों को लेकर कई सवाल बने हुए हैं, जिसके कारण उड़ानें रोक दी गईं, मेट्रो प्रणाली ठप हो गई, मोबाइल संचार बाधित हो गया और इबेरियन प्रायद्वीप में एटीएम निष्क्रिय रहे।

स्पेन के विद्युत संचालक ‘रेड इलेक्ट्रिका’ ने कहा कि सुबह 7 बजे तक बिजली की 99 प्रतिशत से अधिक आपूर्ति बहाल कर दी गई। पुर्तगाल के ग्रिड संचालक ‘आरईएन’ ने मंगलवार सुबह कहा कि कल देर रात से सभी 89 बिजली उपकेंद्र फिर से क्रियाशील हो गए हैं और सभी 64 लाख उपभोक्ताओं को बिजली आपूर्ति बहाल कर दी गई है।

मंगलवार सुबह तक जनजीवन सामान्य तरीके से पटरी पर दौड़ने लगा। स्पेन में स्कूल और दफ्तर पुन: खुल गए, राजधानी के मुख्य मार्गों पर यातायात सुचारू हो गया और काफी समय के बाद सार्वजनिक परिवहन सेवाएं भी पुन: शुरू हो गईं।

स्पेन के अधिकारियों ने ‘ब्लैकआउट’ के कारणों को लेकर कोई नया स्पष्टीकरण नहीं दिया है।

स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज ने सोमवार रात को राष्ट्र के नाम अपने टेलीविजन संदेश में कहा कि इस दक्षिण यूरोपीय देश के पावर ग्रिड में मात्र पांच सेकंड में 15 गीगावाट बिजली का नुकसान हुआ, जो उसकी राष्ट्रीय मांग के 60 प्रतिशत के बराबर है।

सांचेज ने कहा, ‘‘हमारी व्यवस्था कभी भी पूरी तरह धराशायी नहीं हुई।’’

उन्होंने कहा कि देश में सबकुछ ठप पड़ जाने के इतने घंटे बाद भी अधिकारी अभी यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि आखिर हुआ क्या था।

इबेरियन प्रायद्वीप या यूरोप में बिजली आपूर्ति इस तरह व्यापक रूप से पहले अवरुद्ध नहीं हुई।

पुर्तगाल के राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा केंद्र ने एक बयान में कहा कि इस बात का कोई संकेत नहीं है कि बिजली की यह कटौती साइबर हमले के कारण हुई थी।

यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष एंतोनियो कोस्टा ने भी कहा कि सोमवार शाम तक किसी साइबर हमले का कोई संकेत नहीं है।

यूरोपीय आयोग की कार्यकारी उपाध्यक्ष टेरेसा रिबेरा ने भी ब्रसेल्स में पत्रकारों को यही संकेत दिया और कहा कि बिजली संकट ‘‘हाल के दिनों में यूरोप में दर्ज सबसे गंभीर घटनाओं में से एक’’ है। रिबेरा यूरोपीय आयोग की स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने के संबंध में काम करने वाली इकाई की प्रभारी भी हैं।

बिजली संकट सोमवार दोपहर में शुरू हुआ। मैड्रिड और लिस्बन में कार्यालय बंद हो गए और यातायात बाधित हो गया, वहीं बार्सिलोना में कुछ नागरिकों ने यातायात को नियंत्रित किया। दोनों देशों में ट्रेन सेवाएं बंद हो गईं।

स्पेन में आपातकालीन सेवाओं और रेल कर्मचारियों ने बिजली कट जाने के कारण पटरियों पर रुकी हुईं 100 से अधिक ट्रेनों से लगभग 35,000 लोगों को निकाला।

स्पेन के सबसे बड़े रेलवे स्टेशनों पर, यात्रियों की भीड़ मंगलवार सुबह ट्रेनों में चढ़ने या सोमवार को रद्द या बाधित यात्राओं के लिए टिकट फिर से बुक करने तथा घर लौटने के लिए इंतजार कर रही थी।

मैड्रिड के एटोचा स्टेशन पर, सैकड़ों लोग ताजा जानकारी के इंतजार में स्क्रीन के पास खड़े रहे। कई लोगों ने रात स्टेशन पर बिताई थी और उन्हें रेड क्रॉस की ओर से रात करीब 1 बजे कंबल बांटे गए। बार्सिलोना के सेंट्स स्टेशन पर भी कुछ ऐसा ही नजारा था।

इस सप्ताह चल रहा मैड्रिड ओपन टेनिस टूर्नामेंट भी बिजली कटौती की वजह से अब तक प्रभावित है। यह सोमवार को स्थगित हो गया था। मंगलवार सुबह 11 बजे तक मैड्रिड में मेट्रो सेवाएं पूरी तरह बहाल कर दी गईं।

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पाकिस्तान के बलूचिस्तान में गोलियों से छलनी 7 शव बरामद

पाकिस्तान के अशांत बलूचिस्तान प्रांत के ज़ियारत जिले में मंगलवार को सात स्थानीय लोगों के गोलियों से छलनी शव मिले। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।

ज़ियारत के उपायुक्त ज़काउल्लाह दुर्रानी ने बताया कि ये शव सुबह चोटीयार इलाके में मिले।

एक अन्य पुलिस अधिकारी ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि सभी सात लोगों की हत्या एक ही समय की गई।

शव मिलने के तुरंत बाद, उग्र लोगों की भीड़ घटनास्थल पर एकत्र हो गई और राजमार्ग पर धरने पर बैठ गई जिससे यातायात बाधित हुआ।

दुर्रानी ने कहा, “हम पर्दशनकारियों से बात कर रहे हैं ताकि चोटीयार और ज़ियारत को जोड़ने वाला राजमार्ग खाली कराया जा सके।”

उन्होंने कहा कि शवों को पोस्टमार्टम के लिए जिला मुख्यालय अस्पताल भेजा गया है।बलूचिस्तान प्रांत में अज्ञात और गोलियों से छलनी शव मिलना कोई नयी बात नही है।

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चीन में रेस्तरां में आग लगने से 22 लोगों की मौत

चीन के लिओनिंग प्रांत के लिओयांग शहर में मंगलवार दोपहर एक रेस्तरां में आग लगने से 22 लोगों की मौत हो गई, जबकि तीन अन्य घायल हो गए।

सरकारी समाचार एजेंसी ‘शिन्हुआ’ की खबर के मुताबिक, रेस्तरां में आग दोपहर करीब 12.25 बजे लगी। फिलहाल इसकी वजह नहीं बताई गई है। हालांकि, घटना से जुड़ी तस्वीरों में रेस्तरां की खिड़कियों से आग की भीषण लपटें बाहर निकलती देखी जा सकती हैं।

खबर के अनुसार, चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने घायलों के समुचित इलाज के निर्देश दिए हैं।यह चीन में इस महीने आग लगने की दूसरी बड़ी घटना है।

इससे पहले, नौ अप्रैल को उत्तरी चीन के हेबेई प्रांत की लोंघुआ काउंटी में एक नर्सिंग होम में आग लगने से 20 बुजुर्गों की मौत हो गई थी। नर्सिंग होम में आग लगने के दौरान इमारत में कुल 39 बुजुर्ग मौजूद थे।

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