अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइक वाल्ट्ज ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की से अपील की कि वह अपने रुख में लचीलापन लाएं और अमेरिका के साथ खनिज सौदे पर फिर से बातचीत शुरू करें। वाल्ट्ज ने फॉक्स न्यूज से कहा, "उन्हें इस पर गंभीरता से सोचकर समझौते पर हस्ताक्षर करना चाहिए।" समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, प्रस्तावित समझौते में कथित तौर पर यूक्रेनी प्राकृतिक संसाधनों का 50 प्रतिशत हिस्से की मांग की गई है। यह समझौता पहले अमेरिकी ट्रेजरी सचिव स्कॉट बेसेंट ने म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन में पेश किया था। माना जाता है कि बेसेंट ने मुलाकात के दौरान जेलेंस्की से कहा, "आपको सच में इस पर हस्ताक्षर करने की जरूरत है।" हालांकि, कीव ने अब तक अमेरिकी प्रस्ताव को ठुकराया है। जेलेंकी ने बुधवार को कहा, "मैं अपना देश नहीं बेच सकता।"
यूक्रेनी राष्ट्रपति ने कहा, "कुल मिलाकर संयुक्त राज्य अमेरिका ने हमें हथियारों के लिए लगभग 67 बिलियन डॉलर दिए और हमें बजटीय सहायता के रूप में 31.5 बिलियन डॉलर मिले।" उन्होंने आगे कहा, "कोई यह नहीं कह सकता कि 'हमें खनिजों के रूप में 500 बिलियन डॉलर वापस दे दो।" इसके बावजूद यूक्रेनी नेता ने कहा कि कीव इस समर्थन के लिए आभारी है और ऐसे समझौते पर बातचीत करने के लिए तैयार है, जिसमें उनके देश के लिए अमेरिकी सुरक्षा गारंटी शामिल हो। यूक्रेन और रूस के लिए अमेरिका के विशेष दूत कीथ केलॉग के साथ कीव में बैठक के बाद, ज़ेलेंस्की ने गुरुवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपनी बातचीत को 'उत्पादक' बताया। उन्होंने लिखा, "यूक्रेन अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ एक मजबूत प्रभावी निवेश और सुरक्षा समझौते के लिए तैयार है। हमने परिणाम प्राप्त करने के लिए सबसे तेज़ और सबसे रचनात्मक तरीका प्रस्तावित किया है।"
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भारतीय-अमेरिकी काश पटेल को अमेरिका की शीर्ष जांच एजेंसी, संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) का निदेशक नियुक्त किया गया है। वह इस पद पर पहुंचने वाले पहले भारतीय मूल के व्यक्ति हैं। अपनी नियुक्ति के बाद उन्होंने अमेरिका के दुश्मनों को सख्त चेतावनी देते हुए कहा, “हम इस ग्रह के हर कोने में तुम्हारा पीछा करेंगे।” पटेल को अमेरिकी सीनेट ने 51-49 के मामूली बहुमत से एफबीआई निदेशक के रूप में मंजूरी दी। हालांकि, उनके नामांकन का डेमोक्रेट्स ने कड़ा विरोध किया। यहां तक कि दो रिपब्लिकन सीनेटर, लिसा मुर्कोव्स्की और सुसान कोलिन्स ने भी उनके खिलाफ वोट दिया। सीनेटर कोलिन्स ने कहा कि पटेल ने एफबीआई की निष्पक्षता पर सवाल उठाए हैं, जिससे उनकी नेतृत्व क्षमता पर संदेह होता है।
पटेल ने क्रिस्टोफर रे की जगह यह पद संभाला है, जो दो साल पहले ही इस्तीफा दे चुके थे। एफबीआई निदेशक का कार्यकाल 10 साल का होता है, लेकिन उनके दो पूर्ववर्तियों का कार्यकाल समय से पहले समाप्त हो गया था। इससे पहले, 2017 में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जेम्स कॉमी को उनके कार्यकाल के चार साल बाद ही हटा दिया था। निदेशक पद संभालने के बाद पटेल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर अपनी पहली पोस्ट की। उन्होंने कहा, “एफबीआई की एक महान विरासत है, लेकिन हाल के वर्षों में न्याय प्रणाली के राजनीतिकरण ने जनता का भरोसा कमजोर किया है। यह अब खत्म होगा।” उन्होंने एफबीआई को पारदर्शी और जवाबदेह बनाने की बात कही और कहा कि उनका लक्ष्य जनता का विश्वास वापस पाना है।
पटेल के नामांकन को लेकर काफी विवाद हुआ। उनके आलोचकों का कहना है कि उन्होंने एफबीआई को लेकर कई राजनीतिक बयान दिए हैं, जो इस एजेंसी की निष्पक्षता के लिए खतरा हो सकते हैं। हालांकि, ट्रंप समर्थकों और कई रिपब्लिकन नेताओं ने उनका समर्थन किया। काश पटेल एक वकील रह चुके हैं और पहले पब्लिक डिफेंडर के रूप में काम कर चुके हैं। ट्रंप प्रशासन में उन्होंने रक्षा विभाग के चीफ ऑफ स्टाफ और राष्ट्रीय खुफिया विभाग के उप निदेशक जैसे महत्वपूर्ण पदों पर काम किया था। उनकी नियुक्ति ट्रंप के लिए भी अहम मानी जा रही है, क्योंकि वह अपने दूसरे कार्यकाल के लिए कई बड़े बदलाव कर रहे हैं। पटेल ने अपने बयान में कहा कि एफबीआई में सुधार लाने और इसे एक मजबूत संगठन बनाने के लिए वह पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा, “मेरा मिशन स्पष्ट है– अच्छे पुलिसकर्मियों को उनका काम करने देना और एफबीआई में विश्वास बहाल करना।”
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पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में बारातियों से भरे एक वाहन (वैन) के नाले में गिरने से आठ लोगों की मौत हो गई। पुलिस ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। यह घटना गुरुवार देर रात लाहौर से करीब 50 किलोमीटर दूर कसूर में हुई। अधिकारियों के अनुसार, वाहन में महिलाओं समेत 10 लोग सवार थे, जो लाहौर में एक विवाह समारोह से लौट रहे थे।
उन्होंने कहा कि लौटने के दौरान तेज गति के कारण वाहन सड़क से फिसलकर नाले में गिर गया। वाहन में दो परिवारों के सदस्य सवार थे। बचाव दल ने मौके पर पहुंचकर आठ शव बरामद किए और दो घायल यात्रियों को अस्पताल पहुंचाया। उन्होंने बताया कि घायलों की हालत गंभीर है। वाहन के सड़क से फिसलकर नाले में गिरने से पहले ही चालक ने गाड़ी से छलांग लगा दी। हालांकि, पुलिस ने भागने की कोशिश कर रहे चालक को गिरफ्तार कर लिया है।
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यूक्रेन पर रूस के हमले की तीसरी वर्षगांठ से कुछ दिन पहले यूक्रेनवासी उतने ही उदास और तनावग्रस्त हैं, जितने मॉस्को द्वारा युद्ध शुरू करने से ठीक पहले थे। अब, वे केवल अपने पुराने दुश्मन के बारे में चिंतित नहीं हैं। यूक्रेन के लिए चौंकाने वाला नया खतरा उसके एक समय के सबसे अच्छे सहयोगी, अमेरिका से है, जिसका समर्थन कमजोर पड़ता दिख रहा है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप दोनों देशों के बीच लड़ाई को रोकने का संकल्प जताते हुए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के स्वर में स्वर मिलाते दिख रहे हैं।
ट्रंप ने दावा किया था कि यूक्रेन का नेतृत्व एक ‘तानाशाह’ कर रहा है जिसने रूस के साथ युद्ध शुरू किया। इसके बाद यूक्रेनी लोग जेलेंस्की के प्रति समर्थन जता रहे हैं, जिन्होंने रूस की ‘गलत सूचनाओं’ को बढ़ावा देने के लिए ट्रंप की सार्वजनिक रूप से आलोचना की थी। कीव की 25 वर्षीय तकनीकी कर्मचारी कैटरीना करौश ने कहा, ‘‘हां, वह एक आदर्श राष्ट्रपति नहीं हैं, लेकिन वह तानाशाह भी नहीं हैं।’’
लंबे समय से चली आ रहीं चुनौतियों के बावजूद, यूक्रेन के लोगों ने अमेरिका से भारी सैन्य समर्थन के साथ रूस को अपने देश पर कब्जा करने से रोका हुआ है, भले ही इसका लगभग पांचवां हिस्सा अब रूस के नियंत्रण में है। लेकिन तीन साल के युद्ध के बाद, नागरिक और सैनिक दोनों ही थक चुके हैं। हजारों लोग मारे गए या घायल हुए हैं, हजारों लापता हैं और लाखों लोग देश छोड़कर चले गए हैं।
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भारत और पाकिस्तान ने हाल ही में नियंत्रण रेखा पर हुई गोलीबारी की घटनाओं पर चर्चा के लिए जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर शुक्रवार को फ्लैग मीटिंग की। ब्रिगेडियर स्तर की फ्लैग मीटिंग जिले के चकन दा बाग स्थित नियंत्रण रेखा क्रॉसिंग प्वाइंट पर हुई। अधिकारियों के मुताबिक एलओसी पर हाल में हुई गोलीबारी और एक आईईडी विस्फोट की घटनाओं के मद्देनजर तनाव कम करने के लिए फ्लैग मीटिंग आयोजित की गई थी। आईईडी विस्फोट में एक कैप्टन समेत दो जवानों की मौत हुई थी। अधिकारियों ने बताया, "दोनों पक्षों ने माना कि सीमाओं पर शांति और सौहार्द बनाए रखना जरूरी है। बैठक करीब 75 मिनट तक चली और सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई। बैठक के दौरान दोनों पक्षों ने सीमाओं पर शांति के व्यापक हित में संघर्ष विराम समझौते का सम्मान करने पर सहमति जताई।"
भारत और पाकिस्तान की सेनाओं ने 2021 में संघर्ष विराम की घोषणा की थी। इस संघर्ष विराम समझौते के कारण, नियंत्रण रेखा पर तनाव काफी कम हद तक कम हो गया। हालांकि पिछले दिनों कुछ चिंताजनक घटनाएं हुईं। 11 फरवरी को नियंत्रण रेखा के अखनूर सेक्टर में दो भारतीय सेना के जवानों की शहादत के अलावा पुंछ और राजौरी जिलों में नियंत्रण रेखा के पार पाकिस्तान की ओर से की गई गोलीबारी में दो अन्य जवान घायल हो गए थे। पुंछ सेक्टर में सीमा पार से की गई गोलीबारी का भारतीय सेना ने मुंहतोड़ जवाब दिया गया। रिपोर्ट्स के मुताबिक पाकिस्तान की तरफ भी कुछ लोग हताहत हुए हैं।
सेना और सुरक्षा बल एलओसी और भीतरी इलाकों में कड़ी चौकसी बरत रहे हैं, क्योंकि जम्मू-कश्मीर में बर्फबारी कम होने के कारण इस सर्दी में घुसपैठ के पारंपरिक रास्ते खुले रहे हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर पर दो सुरक्षा समीक्षा बैठकों की अध्यक्षता की। उन बैठकों के दौरान, उन्होंने सुरक्षा बलों को शून्य घुसपैठ और आतंकवादियों के प्रति शून्य सहिष्णुता सुनिश्चित करने के आदेश दिए। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने भी हाल ही में दो सुरक्षा बैठकों की अध्यक्षता की, एक श्रीनगर में और दूसरी जम्मू में। उपराज्यपाल ने पुलिस और सुरक्षा बलों से आतंकवादियों, उनके ओवर-ग्राउंड वर्कर्स (ओजीडब्ल्यू) और समर्थकों को निशाना बनाकर आतंकी नेटवर्क को खत्म करने को कहा।
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