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दुनियाः अमेरिकी ट्रेजरी विभाग में चीनी हैकर्स ने की सेंधमारी और उत्तर कोरिया बना रहा चार हजार टन वजनी युद्धपोत

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने मंगलवार को ढाका में भारतीय उच्चायोग जाकर पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि दी। वेनेजुएला की शीर्ष अदालत ने टिकटॉक पर 1 करोड़ डॉलर का जुर्माना लगाया है।

अमेरिकी ट्रेजरी विभाग में चीनी हैकर्स ने की सेंधमारी और उत्तर कोरिया बना रहा चार हजार टन वजनी युद्धपोत
अमेरिकी ट्रेजरी विभाग में चीनी हैकर्स ने की सेंधमारी और उत्तर कोरिया बना रहा चार हजार टन वजनी युद्धपोत फोटोः IANS

अमेरिकी ट्रेजरी विभाग में चीनी हैकर्स ने की सेंधमारी

अमेरिकी ट्रेजरी विभाग ने साइबर सुरक्षा उल्लंघन की पुष्टि की है जिसकी वजह से चीनी हैकर्स कर्मचारियों के वर्कस्टेशन और अवर्गीकृत दस्तावेजों तक पहुंच बनाने में सफल रहे। हालांकि विभाग ने यह नहीं बताया कि कितने वर्कस्टेशन तक पहुंच बनाई गई या हैकर्स ने किस तरह के दस्तावेज हासिल किए। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सांसदों को लिखे पत्र में, अमेरिकी ट्रेजरी विभाग ने कहा कि 'इस समय ऐसा कोई सबूत नहीं है जो यह बताता हो कि खतरा पैदा करने वाले व्यक्ति की पहुंच अब भी ट्रेजरी की जानकारी तक बनी हुई है।'

पत्र में कहा गया, 'इस पूरे मामले की बड़ी साइबर सुरक्षा घटना' के रूप में जांच की जा रही है। ट्रेजरी हमारे सिस्टम और उसके पास मौजूद डाटा के खिलाफ सभी खतरों को बहुत गंभीरता से लेता है।' विभाग के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, "पिछले चार वर्षों में, ट्रेजरी ने अपनी साइबर सुरक्षा को काफी मजबूत किया है और हम अपने वित्तीय सिस्टम की सुरक्षा के लिए निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के भागीदारों के साथ मिलकर काम करना जारी रखेंगे।" रिपोर्ट में कहा गया कि यह घुसपैठ तब हुई जब हैकर्स थर्ड-पार्टी सॉफ्टेवयर सर्विस प्रोवाइडर बियॉन्डट्रस्ट से छेड़छाड़ कर रिमोट टेक्निकल सपोर्ट सर्विस को सुरक्षित करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली कुंजी (की) तक पहुंच बनाने में कामयाब रहे।

ट्रेजरी विभाग के अनुसार, उसे नवीनतम समस्या के बारे में 8 दिसंबर को पता चला जब बियॉन्डट्रस्ट ने बताया कि हैकरों ने एक कुंजी (की) चुरा ली है। प्रभावित सेवा को ऑफलाइन कर दिया गया है। एफबीआई, साइबर सुरक्षा और इंफ्रास्ट्रक्चर सुरक्षा एजेंसी (सीआईएसए) और अन्य संबंधित प्राधिकरणों की भागीदारी में जांच चल रही है। हालांकि चीन ने सभी आरोपों से इनकार कर दिया है। बीजिंग में, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने हैकिंग के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अमेरिका के पास सबूत नहीं हैं। माओ निंग ने कहा, "हमने बार-बार ऐसे निराधार आरोपों पर अपनी स्थिति बताई है, जिनमें सबूत नहीं हैं। चीन लगातार सभी तरह की हैकिंग का विरोध करता है, और हम राजनीतिक उद्देश्यों के लिए चीन के खिलाफ झूठी जानकारी के प्रसार का और भी अधिक विरोध करते हैं।"

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उत्तर कोरिया बना रहा चार हजार टन वजनी युद्धपोत, खतरनाक मिसाइलों से होगा लैस

उत्तर कोरिया ने एक चार हजार टन वजनी फ्रिगेट का निर्माण शुरू किया है। यह वर्टिकल लॉन्चिंग सिस्टम से लैस है। दक्षिण कोरिया की सेना के अनुसार, प्योंगयांग अपने परमाणु और मिसाइल हथियारों को आगे बढ़ाना चाहता है। समाचार एजेंसी योनहाप की रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर कोरिया की सरकारी मीडिया ने किम जोंग-उन की एक शिपयार्ड का दौरा करने के दौरान की तस्वीरें शेयर की थीं, जहां नए युद्धपोत का निर्माण किया जा रहा है। इसके एक दिन बाद यह आकलन सामने आया है। उत्तर कोरिया के पश्चिमी बंदरगाह शहर का जिक्र करते हुए एक सैन्य अधिकारी ने कहा, "उत्तर कोरिया नैम्फो में 4 हजार टन का फ्रिगेट बना रहा है। जहाज के आकार से, यह अनुमान लगाया जा रहा है कि यह (जहाज से जमीन पर मार करने वाली) मिसाइल ले जाने में सक्षम है।"

हालांकि, अधिकारी ने कहा कि उत्तर कोरिया को इस पोत का निर्माण पूरा करने में कई साल लग सकते हैं। पोत को परिचालन के लिए तैनात करने में 10 साल से ज्यादा का समय लग सकता है। उत्तर कोरिया का अब तक का सबसे बड़ा जहाज 1,500 टन का फ्रिगेट है, जो जहाज से जहाज पर मार करने वाली मिसाइल से लैस है। इसमें वर्टिकल लॉन्चिंग सिस्टम नहीं है। वर्टिकल लॉन्चिंग सिस्टम (वीएलएस) पनडुब्बियों और जहाजों पर मिसाइलों को रखने और दागने की उन्नत प्रणाली है।

पीपुल्स पावर पार्टी के प्रतिनिधि यू योंग-वियन ने कहा कि यह युद्धपोत 5,000 टन वजनी युद्धपोत है, जो रूसी युद्धपोत के बजाय चीनी युद्धपोत जैसा दिखता है। उन्होंने कहा कि उत्तर कोरिया ने सितंबर में किम के निरीक्षण के दौरान ली गई तस्वीर में इस युद्धपोत के निचले हिस्से का पहली बार अनावरण किया था। शिपयार्ड के दौरे के दौरान किम ने कहा कि नौसेना बल को मजबूत करना देश की समुद्री संप्रभुता की दृढ़ता से रक्षा करने और वर्तमान में युद्ध की तैयारियों को बढ़ाने के लिए सबसे महत्वपूर्ण मामला है। यू योंग-वियन ने कहा कि इस फ्रिगेट को अभी युद्धक प्रणाली से सुसज्जित किया जाना बाकी है, लेकिन उन्होंने चिंता जताई कि जहाज से सतह पर मिसाइल दागने की इसकी क्षमताओं के कारण यह एक नए खतरे के रूप में उभर सकता है।

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बांग्लादेश में भारतीय उच्चायोग जाकर यूनुस ने मनमोहन सिंह को दी श्रद्धांजलि

बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस ने मंगलवार को पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की। डॉ. सिंह का 26 दिसंबर को 92 वर्ष की आयु में नई दिल्ली में निधन हुआ। प्रोफेसर यूनुस ने ढाका स्थित भारतीय उच्चायोग का दौरा किया और दिवंगत प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित की। उन्होंने उच्चायोग में शोक पुस्तिका में एक शोक संदेश भी लिखा। भारतीय उच्चायुक्त प्रणय कुमार वर्मा ने सुबह 11:30 बजे बारीधारा स्थित उच्चायोग में मुख्य सलाहकार की मेजबानी की। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रोफेसर यूनुस ने उच्चायुक्त से संक्षिप्त बातचीत की और अपने पुराने मित्र मनमोहन सिंह के साथ अपनी यादें साझा कीं। उन्होंने दिवंगत भारतीय प्रधानमंत्री के साथ अपनी दोस्ती को याद करते हुए कहा, 'वह कितने सरल थे! कितने बुद्धिमान थे!' उन्होंने यह भी कहा कि सिंह ने भारत को वैश्विक आर्थिक दिग्गज बनाने में बड़ी भूमिका निभाई।

इससे पहले शुक्रवार को अपने संदेश में मुख्य सलाहकार ने डॉ. सिंह को अत्यंत विनम्र व्यक्ति, दूरदर्शी नेता और एक राजनेता बताया, जो भारत के लोगों के कल्याण को सुनिश्चित करने के लिए अपनी अटूट प्रतिबद्धता के लिए जाने जाते थे। मुख्य सलाहकार ने कहा कि दिवंगत प्रधानमंत्री को भारत के आर्थिक परिवर्तन में उनके योगदान के लिए याद किया जाएगा। प्रोफेसर यूनुस ने कहा कि डॉ. सिंह के नेतृत्व ने न केवल भारत के भविष्य को आकार दिया, बल्कि बांग्लादेश और भारत के बीच मैत्री और पारस्परिक रूप से लाभकारी सहयोग के बंधन को मजबूत करने में भी योगदान दिया। क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देने में डॉ. मनमोहन सिंह की भूमिका का उल्लेख करते हुए मुख्य सलाहकार ने दिवंगत नेता के नजरिए और क्षेत्रीय शांति, समृद्धि , दक्षिण एशियाई सहयोग को आगे बढ़ाने में उनकी भूमिका पर भी प्रकाश डाला। प्रोफेसर यूनुस ने दक्षिण एशियाई देशों से डॉ सिंह के विचारों की समृद्ध विरासत को आगे बढ़ाने के लिए मिलकर काम करने का आग्रह किया।

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वेनेजुएला ने टिकटॉक के खिलाफ 1 करोड़ डॉलर का जुर्माना लगाया

टिकटॉक और विवादों का पुराना नाता है। कई देशों में इस चीनी एप के खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं। इस लिस्ट में अब वेनेजुएला का नाम भी जुड़ गया है जहां कि शीर्ष अदालत ने टिकटॉक पर 1 करोड़ डॉलर का जुर्माना लगाया है। आरोप है कि इस प्लेटफॉर्म पर खतरनाक चैलेंज के वायरल होने के कारण तीन किशोरों की मौत हो गई और 200 से अधिक अन्य लोग अस्पताल में भर्ती हो गए। सुप्रीम ट्रिब्यूनल ऑफ जस्टिस ने टिकटॉक पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि यह, युवा यूजर्स को टारगेट करने वाले हानिकारक कंटेंट के प्रसार को रोकने के उपायों को लागू करने में नाकाम रहा।

अदालत ने यह भी आदेश दिया कि चीन की बाइटडांस के स्वामित्व वाली टिकटॉक को आठ दिनों के भीतर वेनेजुएला में एक कार्यालय स्थापित करना चाहिए और जुर्माना तुरंत भरना चाहिए नहीं तो उसे अतिरिक्त दंड का सामना करना होगा। वेनेजुएला इस धनराशि का उपयोग 'टिकटॉक पीड़ितों के लिए एक कोष बनाने के लिए करेगा, जिसका उद्देश्य यूजर्स की मनोवैज्ञानिक, भावनात्मक और शारीरिक नुकसान की भरपाई करना है, खासकर बच्चे और किशोर यूजर्स के लिए।"

अधिकारियों का दावा है कि टिकटॉक पर खतरनाक चैलेंज में कई युवकों ने भाग लिया जिसमें रासायनिक पदार्थों का सेवन शामिल था। हालांकि प्लेटफॉर्म पर आत्म-क्षति और खतरनाक व्यवहार के खिलाफ नीतियां हैं लेकिन आलोचकों का तर्क है कि इन सुरक्षा उपायों को सही से लागू नहीं किया जाता है, जिससे खतरनाक वीडियो वायरल हो जाते हैं। वायरल चैलेंज टिकटॉक की वैश्विक सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता आया है। इसमें अक्सर डांस, चुटकुले या खेल शामिल होते हैं। वेनेजुएला का मामला बताता है कि कि कैसे एक फॉरमेट को खतरनाक जोखिम में तब्दील किया जा सकता है, खासतौर से युवा यूजर्स के लिए।

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गाजा में इजरायली हमलों से आम जनजीवन हुआ तबाहः संयुक्त राष्ट्र

मानव सेवा के लिए काम करने वाली संयुक्त राष्ट्र की एजेंसियों ने कहा है कि इजरायल की स्वास्थ्य देखभाल और आपातकालीन सेवाओं पर हमला, मानवीय मदद तक पहुंच को मुश्किल बना रहा है और गाजा में नागरिकों पर हमले उनके जीवन के जरूरी साधनों को नष्ट कर रहे हैं। मानवीय मामलों के समन्वय के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (ओसीएचए) ने सोमवार को यह चेतावनी जारी की। इससे पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के महानिदेशक टेड्रोस अदनोम घेब्रेयेसस ने बताया था कि उत्तरी गाजा के कमल अदवान अस्पताल पर इजरायली हमले और शुक्रवार को अस्पताल के निदेशक हुसाम अबू सफिया को हिरासत में लेने के बाद संकट बढ़ गया है।

एक्स पर एक पोस्ट में घेब्रेयेसस ने कहा कि गंभीर मरीजों को अब बंद पड़े इंडोनेशियाई अस्पताल में ले जाया गया है। अभी यह पता नहीं है कि सफिया को कहां ले जाया गया है। डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक ने उनकी तुरंत रिहाई की मांग की है। घेब्रेयेसस ने कहा, "उत्तरी गाजा में हो रही अराजकता के बीच डब्ल्यूएचओ और उसके साझेदारों ने सोमवार को इंडोनेशियाई अस्पताल में जरूरी दवाइयां, स्वच्छता सामग्री, खाना-पानी पहुंचाया और 10 गंभीर मरीजों को अल-शिफा अस्पताल में भेजा।" उन्होंने बताया कि स्थानांतरण के दौरान चार मरीजों को हिरासत में ले लिया गया। हम इजराइल से यह सुनिश्चित करने का अनुरोध करते हैं कि उनकी स्वास्थ्य देखभाल की जरूरतों और अधिकारों का सम्मान किया जाए।"

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