दुनिया

दुनियाः बांग्लादेश सचिवालय में भीषण आग लगी, अहम दस्तावेज जले और चीन ने भारत सीमा के पास बांध बनाने को दी मंजूरी

दक्षिण कोरिया के भ्रष्टाचार निरोधक जांच निकाय ने राष्ट्रपति यून सुक योल को मार्शल लॉ लागू करने के मामले में इस वीकेंड पूछताछ के लिए बुलाया है। पाकिस्तान में पंजाब के लाहौर शहर में शहीद उधम सिंह की 125वीं जयंती मनाई गई और इस अवसर पर केक काटा गया।

बांग्लादेश सचिवालय में भीषण आग लगी, अहम दस्तावेज जले और चीन ने भारत सीमा के पास बांध बनाने को दी मंजूरी
बांग्लादेश सचिवालय में भीषण आग लगी, अहम दस्तावेज जले और चीन ने भारत सीमा के पास बांध बनाने को दी मंजूरी फोटोः IANS

बांग्लादेश सचिवालय में भीषण आग लगी, अहम दस्तावेज जले

बांग्लादेश की राजधानी ढाका में सचिवालय की एक प्रमुख इमारत में गुरुवार को भीषण आग लग गई, जिससे कई सरकारी दस्तावेज नष्ट हो गए। अधिकारियों को आशंका है कि सरकारी दस्तावेजों को नुकसान पहुंचाने की मंशा से ही घटना को अंजाम दिया गया और इस संबंध में एक उच्च स्तरीय जांच समिति गठित की गई है। बांग्लादेश सचिवालय की इमारत संख्या सात में आग लगी और करीब छह घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया गया। अधिकारियों के अनुसार, नौ मंजिला इमारत में सात मंत्रालय मौजूद हैं। उच्च सुरक्षा वाले परिसर में आज सुबह आग लगी।

हालांकि, आग की घटना में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। अग्निशमन सेवा के प्रमुख ब्रिगेडियर जनरल जाहेद कमाल ने संवाददाताओं को बताया, ‘‘कल (बुधवार) आधी रात के बाद इमारत में तीन स्थानों पर एक साथ आग लग गई।’’ उन्होंने संकेत दिया कि आग संभवत: दुर्घटनावश नहीं लगी। अधिकारियों ने बताया कि आग के कारण बिजली आपूर्ति बाधित हो गई, जिससे इमारत के अलावा अन्य मंत्रालयों को भी अपना सामान्य कामकाज रोकना पड़ा जबकि सुरक्षा एजेंसियों ने परिसर के अंदर प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया, जिससे कई कर्मचारी परिसर में प्रवेश नहीं कर पाए।

अंतरिम सरकार के सलाहकार आसिफ महमूद सजीब भुइयां ने कहा, ‘‘षड्यंत्रकारियों ने अपनी गतिविधियां बंद नहीं की हैं।’’ उन्होंने कहा कि जिन दस्तावेजों को नुकसान पहुंचा है, उनमें अपदस्थ आवामी लीग शासन के दौरान हुए लाखों डॉलर के भ्रष्टाचार को उजागर करने वाले कागजात और सबूत शामिल हैं। भुइयां ने कहा, ‘‘अगर कोई भी हमें (भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई में) विफल करने में संलिप्त पाया गया तो उसे (दंडात्मक कार्रवाई से) बचने का जरा सा भी मौका नहीं दिया जाएगा।’’ इस बीच, अधिकारियों ने वरिष्ठ नौकरशाहों, अग्निशमन सेवा और पुलिस अधिकारियों वाली सात सदस्यीय जांच समिति का गठन किया।

Published: undefined

चीन ने भारत सीमा के पास ब्रह्मपुत्र नदी पर बांध निर्माण को मंजूरी दी

चीन ने भारतीय सीमा के नजदीक तिब्बत में ब्रह्मपुत्र नदी पर दुनिया के सबसे बड़े बांध के निर्माण को मंजूरी दे दी है जिससे भारत और बांग्लादेश में चिंता बढ़ गई है। इस बांध परियोजना को दुनिया की सबसे बड़ी बुनियादी ढांचा परियोजना बताया जा रहा है जिसकी लागत 137 अरब अमेरिकी डॉलर है। सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने बुधवार को एक आधिकारिक बयान के हवाले से बताया कि चीन सरकार ने यारलुंग जांग्बो नदी (ब्रह्मपुत्र का तिब्बती नाम) के निचले इलाकों में एक जलविद्युत परियोजना के निर्माण को मंजूरी दे दी है।

यह बांध हिमालय की एक विशाल घाटी में बनाया जाएगा, जहां ब्रह्मपुत्र नदी एक विशाल ‘यू-टर्न’ लेकर अरुणाचल प्रदेश और फिर बांग्लादेश में बहती है। हांगकांग के ‘साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट’ ने गुरुवार को बताया कि बांध में कुल निवेश 137 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक हो सकता है। इस बांध के आगे चीन का थ्री गॉर्जेस बांध सहित धरती पर कोई भी अन्य एकल बुनियादी ढांचा परियोजना छोटी पड़ जाएगी। भारत में इस बात को लेकर चिंता उत्पन्न हो गई है कि इस बांध से चीन को जल प्रवाह को नियंत्रित करने का अधिकार तो मिलेगा ही, साथ ही इसके आकार और पैमाने को देखते हुए यह चीन को शत्रुता के समय सीमावर्ती क्षेत्रों में भारी मात्रा में पानी छोड़ने में भी सक्षम बना देगा। भारत भी अरुणाचल प्रदेश में ब्रह्मपुत्र पर बांध बना रहा है।

Published: undefined

मॉर्शल लॉ मामलाः दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति यून पूछताछ के लिए तलब

दक्षिण कोरिया के भ्रष्टाचार निरोधक जांच निकाय ने राष्ट्रपति यून सुक योल को मार्शल लॉ लागू करने के मामले में इस वीकेंड पूछताछ के लिए बुलाया है। उच्च पदस्थ अधिकारियों के लिए भ्रष्टाचार जांच कार्यालय (सीआईओ) ने यून को रविवार सुबह 10 बजे सोल के दक्षिण में ग्वाचेन स्थित अपने कार्यालय में पेश होने का आदेश देते हुए समन जारी किया। यह सीआईओ का तीसरा समन था, इससे पहले यून ने दो समन को नजरअंदाज किया था, जिनमें से एक क्रिसमस के दिन पूछताछ के लिए था। योनहाप समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, सीआईओ ने पुलिस और रक्षा मंत्रालय की जांच इकाई के साथ मिलकर उन आरोपों की तफ्तीश की है,जिनमें कहा गया है कि यून ने मार्शल लॉ घोषित करके विद्रोह को उकसाया और अपनी शक्ति का दुरुपयोग किया।

बता दें राष्ट्रपति यून ने 03 दिसंबर की रात को दक्षिण कोरिया में आपातकालीन मार्शल लॉ की घोषणा की, लेकिन बुधवार को संसद द्वारा इसके खिलाफ मतदान किए जाने के बाद इसे निरस्त कर दिया गया। मार्शल लॉ कुछ घंटों के लिए ही लागू रहा। हालांकि चंद घटों के लिए लागू हुए मार्शल लॉ ने देश की राजनीति को हिला कर रख दिया। नेशनल असेंबली ने 14 दिसंबर को राष्ट्रपति यून सुक-योल के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पारित किया था। यह प्रस्ताव 03 दिसंबर की रात को मार्शल लॉ लागू करने के लिए उनके खिलाफ लाया गया था। अब सभी की निगाहें संवैधानिक न्यायालय पर टिकी हैं, जो राष्ट्रपति यून सूक योल के महाभियोग पर अंतिम फैसला लेगा। यून की जगह प्रधानमंत्री हान डक-सू ने कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में कार्यभार संभाल रहे हैं।

Published: undefined

अमेरिका-ताइवान सैन्य सहयोग पर भड़का चीन

चीन के एक सैन्य प्रवक्ता ने गुरुवार को ताइवान को अमेरिका द्वारा हथियारों बेचेन की निंदा की। उन्होंने 'ताइवान स्वतंत्रता' की किसी भी अलगाववादी साजिश और विदेशी हस्तक्षेप को कुचलने का वादा किया। राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता झांग शियाओगांग से एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ताइवान द्वारा अमेरिका से खरीदे गए एक नए प्रकार के युद्धक टैंकों के आगमन की रिपोर्ट पर टिप्पणी करने को कहा गया था। झांग ने कहा, "हम अमेरिकी पक्ष से 'एक-चीन सिद्धांत' और 'तीन चीन-अमेरिका संयुक्त विज्ञप्तियों' का पालन करने, 'ताइवान स्वतंत्रता' का समर्थन नहीं करने की अपनी प्रतिबद्धता का ईमानदारी से सम्मान करने की अपील करते हैं।"

प्रवक्ता ने कहा कि हम अमेरिका यह भी अपील करते हैं कि वह ताइवान को हथियार देना तुरंत बंद करे और ताइवान स्ट्रेट में शांति-स्थिरता को कमजोर करने वाले अपने खतरनाक कदमों को रोक दे। सिन्हुआ समाचार एजेंसी के अनुसार, उन्होंने ताइवान को चेतावनी देते हुए कहा कि अमेरिकी समर्थन के सहारे स्वतंत्रता की मांग करना नाकामी के सिवा कुछ नहीं। उन्होंने कहा कि चीनी मुख्यभूमि से विलय का विरोध करने के लिए ताकत का सहारा लेना भी किसी काम नहीं आएगा।

झांग ने कहा, "अमेरिकी हथियारों के टुकड़े 'जादुई तिनके' नहीं हैं जो डूबते हुए आदमी को बचा सकते हैं; वे युद्ध के मैदान में आसान टारगेट के अलावा और कुछ नहीं हैं।" प्रवक्ता कहा, "पीपुल्स लिबरेशन आर्मी अपनी युद्ध क्षमता में बड़ा सुधार करेगी और किसी भी 'ताइवान स्वतंत्रता' अलगाववादी साजिश और विदेशी हस्तक्षेप को मजबूती से कुचल देगी।" ताइवान को अमेरिका-चीन संबंधों में एक संभावित सैन्य टकराव के रूप में देखा जाता है। बीजिंग इस द्वीप को अपना हिस्सा मानता है। उसका मानना अगर जरूरी हुआ तो इसे बलपूर्वक मुख्य भूमि के साथ फिर से जोड़ा जा सकता है।

Published: undefined

पाकिस्तान में सरदार उधम सिंह की 125वीं जयंती मनाई गई

पाकिस्तान में पंजाब प्रांत के लाहौर शहर में शहीद उधम सिंह की 125वीं जयंती मनाई गई और इस अवसर पर केक काटा गया। उधम सिंह ने अमृतसर में 13 अप्रैल 1919 को हुए जलियांवाला बाग हत्याकांड का बदला लेने के लिए पंजाब के तत्कालीन लेफ्टिनेंट गवर्नर रहे माइकल ओड्वायर को लंदन जाकर 13 मार्च 1940 में गोली से उड़ा दिया था। बाद में, सिंह पर मुकदमा चलाया गया और उन्हें हत्या का दोषी ठहराया गया तथा 31 जुलाई 1940 को 40 साल की उम्र में उन्हें फांसी दे दी गई। संबंधित घटनाक्रम तब हुआ था जब भारत अविभाजित था।

लाहौर उच्च न्यायालय (एलएचसी) के डेमोक्रेटिक लॉन में भगत सिंह मेमोरियल फाउंडेशन पाकिस्तान द्वारा आयोजित कार्यक्रम में वरिष्ठ वकील शामिल हुए। सिंह अपनी उपनिवेशवाद-विरोधी भावना और भारत में तीन प्रमुख धर्मों का प्रतिनिधित्व करने के लिए अपना नाम ‘राम मोहम्मद सिंह आजाद’ बताते थे। भगत सिंह मेमोरियल फाउंडेशन के प्रमुख इम्तियाज रशीद कुरैशी ने कहा कि शहीद बैरिस्टर सरदार उधम सिंह आज भी उनके दिलों में जीवित हैं।

कुरैशी ने कहा, ‘‘सिंह बहुत बहादुर व्यक्ति थे जिन्होंने जलियांवाला बाग नरसंहार का बदला लिया।’’ उन्होंने मांग की कि सिंह की स्मृति में डाक टिकट और सिक्का जारी किया जाना चाहिए। उच्चतम न्यायालय के वकील राजा जुल्करनैन और पाकिस्तान-भारत बिजनेस फोरम के अध्यक्ष नूर मुहम्मद कसूरी ने सिंह को शिक्षा पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाने की मांग की। कसूरी ने यह भी मांग की कि एक प्रमुख राजमार्ग का नाम सिंह के नाम पर रखा जाना चाहिए।

Published: undefined

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia

Published: undefined