
ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियान ने मंगलवार को कहा कि किसी भी हमले की स्थिति में उनका देश कड़ा जवाब देगा। ऐसा लगता है कि ईरान के परमाणु कार्यक्रम को फिर से शुरू करने के मामले में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की चेतावनी के जवाब में उनका यह बयान आया है।
पेजेशकियान ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘किसी भी क्रूर आक्रमण पर इस्लामिक गणराज्य ईरान का जवाब कठोर और हतोत्साहित करने वाला होगा।’’
ईरानी राष्ट्रपति ने इस बारे में विस्तार से नहीं बताया, लेकिन उनका यह वक्तव्य ट्रंप के बयान के एक दिन बाद आया है। ट्रंप ने कहा था कि अगर ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम को फिर से शुरू करने की कोशिश करता है, तो अमेरिका सैन्य हमले कर सकता है।
ट्रंप ने इजराइली प्रधानमंत्री नेतन्याहू के साथ भेंट के बाद उनके संग प्रेसवार्ता में कहा, ‘‘अब मैं सुन रहा हूं कि ईरान परमाणु कार्यक्रम फिर से शुरू करने की कोशिश कर रहा है और अगर वे ऐसा कर रहे हैं, तो हमें उन्हें रोकना होगा। हम उन्हें रोक देंगे। हम उनपर कड़ा प्रहार करेंगे, लेकिन उम्मीद है कि ऐसा नहीं हो रहा।’’
ट्रंप ने सोमवार को संकेत दिया कि वह ईरान के खिलाफ एक और अमेरिकी हमले का आदेश दे सकते हैं। पेजेशकियान ने शनिवार को कहा कि दोनों पक्षों के बीच तनाव पहले ही बढ़ चुका है।
ईरान का कहना है कि वह देश में किसी भी स्थल पर अब यूरेनियम संवर्धन नहीं कर रहा है। वह पश्चिमी देशों को यह संकेत देने की कोशिश कर रहा है कि वह अपने परमाणु कार्यक्रम पर संभावित बातचीत के लिए तैयार है।
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यमन की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त सरकार की प्रेसिडेंशियल लीडरशिप काउंसिल (पीएलसी) ने 90 दिनों की इमरजेंसी घोषित कर दी है। साथ ही, यूएई के साथ संयुक्त रक्षा समझौते को रद्द कर दिया गया और 72 घंटों के लिए हवाई, समुद्री और जमीनी रास्तों पर नाकाबंदी लगा दी गई।
यमन में दक्षिणी अलगाववादी गुट साउदर्न ट्रांजिशनल काउंसिल (एसटीसी) ने हाल ही में हदरामौत और महरा प्रांतों के बड़े हिस्सों पर कब्जा कर लिया, जो अमीरात (यूएई) समर्थित हैं। इसके जवाब में ही पीएलसी ने ये कदम उठाया। अलीमी ने इसे "अस्वीकार्य विद्रोह" बताया।
एक बयान में कहा गया, “यूनाइटेड अरब अमीरात के साथ जॉइंट डिफेंस एग्रीमेंट रद्द किया जाता है।”
प्रेसिडेंशियल लीडरशिप काउंसिल के प्रमुख रशद अल-अलीमी की यह घोषणा तब हुई जब बंटे हुए यमन में लड़ रहे सऊदी के नेतृत्व वाले गठबंधन ने कहा कि उसने अलगाववादियों के लिए भेजे जा रहे यूएई के हथियारों की शिपमेंट पर हमला किया है।
यूएई के सहयोग वाली सदर्न ट्रांजिशनल काउंसिल (एससीटी) की सेनाओं ने इस महीने यमन के दक्षिणी हिस्से में कब्जा कर लिया था, और संसाधन से भरपूर हद्रामावत प्रांत और पड़ोसी महरा के बड़े इलाकों पर कब्जा कर लिया था।
अलीमी ने एससीटी को सऊदी समर्थित सेनाओं को इलाका सौंपने का आदेश दिया, और टीवी पर दिए भाषण में अलगाववादियों की 'हिमाकत' को “मंजूर नहीं किया जा सकने वाला विद्रोह” कहा।
इस टकराव से पहले से ही टूटी-फूटी यमनी सरकार के टूटने का खतरा है, जिसके अलग-अलग गुटों को सऊदी अरब और यूएई का समर्थन हासिल है।
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बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के जीवन की कोई खास कीमत नहीं है; ये एक बार फिर जाहिर हो गया। एक और हिंदू शख्स को गोली मार दी गई, जिसकी बाद में अस्पताल में मौत हो गई। जांच में पता चला कि 40 साल के बजेंद्र बिश्वास पर उनके साथी ने यूं ही गोली चला दी थी।
वारदात मैमनसिंह जिले के भालुका उपजिला की है। स्थानीय मीडिया ने मंगलवार को इसकी जानकारी दी। बताया कि भालुका उपजिला स्थित एक गारमेंट फैक्ट्री के भीतर सुरक्षा ड्यूटी के दौरान हिंदू समुदाय से ताल्लुक रखने वाले अंसार सदस्य बजेंद्र बिस्वास की गोली लगने से मौत हो गई। आरोपी का नाम नोमान मिया है।
बांग्लादेश अंसार और विलेज डिफेंस फोर्स, जिसे 'अंसार बाहिनी' नाम से भी जाना जाता है, गृह मंत्रालय के तहत एक अर्धसैनिक सहायक बल है, जो देश में अंदरूनी सुरक्षा और कानून लागू करने के लिए जिम्मेदार है।
यह घटना सोमवार शाम को उपजिला के मेहरबाड़ी इलाके में सुल्ताना स्वेटर्स लिमिटेड फैक्ट्री में हुई। पुलिस और स्थानीय सूत्रों के हवाले से, बांग्लादेशी मीडिया आउटलेट आरटीवी ऑनलाइन ने बताया कि सुल्ताना स्वेटर्स लिमिटेड फैक्ट्री में कुल 20 अंसार सदस्य काम कर रहे थे।
रिपोर्ट्स से पता चलता है कि जब यह वारदात हुई तो अंसार सदस्य नोमान और बजेंद्र एक साथ बैठे थे। नोमान की शॉटगन से निकली गोली बजेंद्र की बाईं जांघ में जाकर लगी। बाद में बजेंद्र को उपजिला हेल्थ कॉम्प्लेक्स ले जाया गया, जहां ऑन-ड्यूटी डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
चश्मदीद, लैबिब ग्रुप के इंचार्ज और अंसार सदस्य एपीसी अजहर अली ने कहा, "घटना के समय अंसार सदस्य नोमान मिया और बजेंद्र मेरे कमरे में एक साथ बैठे थे। अचानक, नोमान ने बजेंद्र की जांघ पर बंदूक (शॉटगन) तान दी और कहा, 'क्या मैं गोली चलाऊं?' और फिर गोली चला दी। उसके बाद, नोमान भाग गया।" उन्होंने यह भी कहा कि घटना से पहले दोनों के बीच कोई बहस नहीं हुई थी।
यह हत्या एक हफ्ते से भी कम समय में ऐसी तीसरी घटना है और मैमनसिंह में दूसरी घटना है।24 दिसंबर को, बांग्लादेशी मीडिया ने एक हिंदू युवक की हत्या की खबर दी थी, जिसकी पहचान 29 साल के अमृत मंडल के तौर पर हुई थी। बांग्लादेश में कालीमोहर यूनियन के हुसैन डांगा इलाके में भीड़ ने कथित तौर पर उसे मार डाला था।
इससे पहले 18 दिसंबर को, 25 साल के एक हिंदू युवक, दीपू चंद्र दास को मैमनसिंह के भालुका उपजिला में उसकी फैक्ट्री में एक साथी ने झूठे ईशनिंदा का आरोप लगाया और बाद में उसकी मॉब लिंचिंग कर दी गई।
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इजराइल ने कहा है कि वह गाजा में काम कर रहे अंतरराष्ट्रीय संगठनों की जांच के लिए बनाए गए अपने नए नियमों का पालन न करने पर कई मानवीय संगठनों की गतिविधियां निलंबित करेगा, जिनमें ‘डॉक्टर्स विदआउट बॉर्डर्स’ भी शामिल है।
प्रवासी मामलों के मंत्रालय ने बताया कि जिन संगठनों पर एक जनवरी से प्रतिबंध लगाया जाएगा, वे कर्मचारियों, वित्त पोषण और संचालन से जुड़ी जानकारी साझा करने से संबंधित नई शर्तों को पूरा नहीं कर पाए हैं। मंत्रालय ने डॉक्टर्स विदआउट बॉर्डर्स पर आरोप लगाया कि उसने उन कुछ कर्मचारियों की भूमिकाओं को स्पष्ट नहीं किया, जिन पर इजराइल ने हमास और अन्य चरमपंथी संगठनों के साथ सहयोग का आरोप लगाया है।
डॉक्टर्स विदआउट बॉर्डर्स ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की। हालांकि, अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने कहा है कि इज़राइल के ये नियम मनमाने हैं और इससे उनके कर्मचारियों की सुरक्षा को खतरा हो सकता है।
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