यूक्रेन अमेरिकी समर्थन के बिना रूस के खिलाफ लगभग छह महीने तक संघर्ष करने की क्षमता रखता है। आरबीसी-यूक्रेन ऑनलाइन मीडिया आउटलेट ने मंगलवार को संसद के एक वरिष्ठ सदस्य के हवाले से यह जानकारी दी।
संसद की रक्षा समिति के सदस्य फेदिर वेनिस्लावस्की ने कहा, "पिछले तीन वर्षों में हमारे सैन्य-औद्योगिक परिसर में उल्लेखनीय विस्तार हुआ है। यह खतरों और जोखिमों का सामना करने में सक्षम है।"
हालांकि, उन्होंने माना कि यूक्रेन कुछ हथियारों के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका पर निर्भर है, जिसमें वायु रक्षा प्रणाली और लंबी दूरी की बहु-प्रक्षेपण रॉकेट प्रणाली शामिल हैं।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, वेनिस्लावस्की ने कहा कि महत्वपूर्ण हथियारों की आपूर्ति के लिए वैकल्पिक स्रोतों को सुरक्षित करने के प्रयास चल रहे हैं।
कई मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया है कि वाशिंगटन ने यूक्रेन के लिए सैन्य मदद रोकने का फैसला किया है। इससे कुछ दिनों पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के बीच ओवल ऑफिस में सार्वजनिक रूप से तीखी बहस हो गई।
अमेरिकी विदेश विभाग के अनुसार, फरवरी 2022 और जनवरी 2025 के बीच, वाशिंगटन ने यूक्रेन को 65.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर की सैन्य सहायता प्रदान की।
यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने मंगलवार को यूरोप के रक्षा उद्योग को मजबूत करने और सैन्य क्षमताओं को बढ़ाने के लिए एक योजना पेश की। उन्होंने कहा, "हम फिर से हथियारों के युग में हैं, और यूरोप अपने रक्षा खर्च को बड़े पैमाने पर बढ़ाने के लिए तैयार है।"
डेर लेयेन ने कहा कि 'रीआर्म यूरोप प्लान', नाटो के साझेदारों के साथ मिलकर काम करते हुए यूरोप के लिए करीब 800 बिलियन यूरो जुटा सकता है।
डेर लेयेन ने कहा, "हम पुनः शस्त्रीकरण के युग में हैं और यूरोप अपने रक्षा व्यय को बड़े पैमाने पर बढ़ाने के लिए तैयार है। न केवल यूक्रेन को समर्थन देने और कार्रवाई करने की मौजूदा जरूरत को पूरा करने के लिए, बल्कि अपनी यूरोपीय सुरक्षा के लिए और अधिक जिम्मेदारी लेने की दीर्घकालिक आवश्यकता को पूरा करने के लिए भी।"
इसके अलावा यूरोपीय नेता यूक्रेन और रूस के बीच शांति समझौते को लागू करने और मदद करने के प्रस्ताव के तहत 'इच्छुक लोगों के गठबंधन' में यूक्रेन में सेना भेजने पर भी विचार कर रहे हैं। रूस ने पहले कहा था कि वह जमीन पर यूरोपीय सैनिकों की मौजूदगी का विरोध करेगा।
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सर्बिया की संसद में मंगलवार को हुए हंगामे के दौरान तीन सांसद घायल हो गए। इस दौरान ‘स्मोक बम’ फेंके गए। इस घटना के बाद बाल्कन देश में राजनीतिक तनाव और बढ़ गया है।
सदन की कार्यवाही के दौरान सांसदों को विश्वविद्यालय शिक्षा के लिए वित्त पोषण बढ़ाने वाले कानून पर मतदान करना था, लेकिन विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ पक्ष दर्जनों अन्य निर्णयों को भी मंजूरी दिलाने की योजना बना रहा है।
उन्होंने कहा कि यह अवैध है और सांसदों को पहले प्रधानमंत्री मिलोस वुसेविक और उनकी सरकार के इस्तीफे की पुष्टि करनी चाहिए। सर्बिया के कानून के तहत प्रधानमंत्री के इस्तीफे की पुष्टि संसद से होनी आवश्यक है।
संसद का सत्र शुरू होने के करीब एक घंटे बाद अराजकता की स्थिति पैदा हो गई। विपक्षी सांसदों ने सदन में सीटियां बजाईं और एक बैनर लहराया जिस पर लिखा था ‘‘सर्बिया का उत्थान हुआ है, इसलिए शासन का पतन होगा।’’ सत्र के दौरान सैकड़ों सरकार विरोधी संसद भवन के बाहर एकत्र थे।
संसद से प्राप्त तस्वीरों और वीडियो में दिख रहा है कि पहले सांसदों के बीच झड़प हुई और बाद में ‘स्मोक बम’ फेंके गए। सर्बियाई मीडिया ने बताया कि अंडे और पानी की बोतलें भी फेंकी गईं। अधिकारियों ने बाद में बताया कि हंगामे के दौरान तीन लोग घायल हो गए।
सदन की अध्यक्ष एना ब्रनाबिक ने विपक्ष को ‘‘आतंकवादी गिरोह’’ करार दिया। उन्होंने बताया कि घायलों में से एक की हालत गंभीर है।
यह घटना सर्बिया में गहराते राजनीतिक संकट को दर्शाती है, जहां महीनों से चल रहे भ्रष्टाचार विरोधी प्रदर्शनों की वजह से सरकार मुश्किल में फंसी हुई है।
वुसेविक ने जनवरी में अपने पद से इस्तीफा दे दिया था, क्योंकि प्रशासन को नवंबर में देश के उत्तरी हिस्से में एक कंक्रीट की छत गिरने की घटना के कारण बढ़ते विरोध का सामना करना पड़ रहा था। उक्त घटना में 15 लोगों की मौत हो गई थी और आलोचकों ने इसके लिए बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार को जिम्मेदार ठहराया था।
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दक्षिणी नेपाल में मादक पदार्थों की तस्करी के आरोप में तीन भारतीयों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने यह जानकारी दी।
पुलिस के अनुसार, बिहार निवासी गौतम कुशवाहा (35), रंजन कुमार सिंह (30) और संजीव कुमार राम (40) को सोमवार को जीतपुर सिमारा उपमहानगरपालिका से गिरफ्तार किया गया और उनके पास से 170 ग्राम ब्राउन शुगर बरामद की गई। पुलिस ने एक होटल पर छापेमारी के बाद संदिग्धों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने तीनों को हिरासत में ले लिया है और जांच शुरू कर दी है।
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चीन ने मंगलवार को अपना रक्षा बजट बढ़ाने का संकेत देते हुए कहा कि शांति और संप्रभुता की सिर्फ ‘‘ताकत से रक्षा’’ की जा सकती है।
चीन बुधवार को अपने रक्षा व्यय का ब्योरा प्रस्तुत करेगा जो संसद (नेशनल पीपुल्स कांग्रेस) में प्रधानमंत्री ली कियांग द्वारा प्रस्तुत किए जाने वाले मुख्य बजट का एक हिस्सा है।
पिछले साल चीन ने अपने रक्षा बजट को 7.2 प्रतिशत बढ़ाकर लगभग 232 अरब अमेरिकी डॉलर (1.67 ट्रिलियन युआन) कर दिया था जो भारत के बजट से तीन गुना से अधिक है। चीन अपने सभी सशस्त्र बलों का बड़े पैमाने पर आधुनिकीकरण करने का काम जारी रखे हुए है।
चीन के रक्षा बजट के आंकड़ों को उसके द्वारा विमानवाहक पोतों के निर्माण, उन्नत नौसैनिक जहाजों और आधुनिक स्टील्थ विमानों के तेजी से निर्माण सहित बड़े पैमाने पर सैन्य आधुनिकीकरण के मद्देनजर संदेह की दृष्टि से देखा जाता है।
खर्च का बचाव करते हुए नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (एनपीसी) के प्रवक्ता लू किनजियान ने यहां मीडिया से कहा कि ‘‘शांति की रक्षा के लिए ताकत जरूरी है।’’
उन्होंने कहा कि मजबूत राष्ट्रीय रक्षा क्षमताओं के साथ, चीन अपनी संप्रभुता, सुरक्षा और विकास से जुड़े हितों की बेहतर ढंग से रक्षा कर सकता है, एक प्रमुख देश के रूप में अपनी अंतरराष्ट्रीय जिम्मेदारियों को बेहतर ढंग से निभा सकता है और विश्व शांति और स्थिरता की रक्षा कर सकता है।
उन्होंने कहा कि सकल घरेलू उत्पाद के प्रतिशत के रूप में चीन का रक्षा व्यय वैश्विक औसत से कम है। वर्ष 2016 से चीन के वार्षिक रक्षा खर्च में लगातार नौ वर्षों से एकल अंक में वृद्धि हो रही है। उन्होंने कहा कि चीन का रक्षा खर्च जीडीपी के हिस्से के रूप में पिछले कई सालों से डेढ़ फीसदी से कम रहा है।
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पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के स्वास्थ्य के बारे में रिपोर्ट सामने आने के बाद पाकिस्तानी चिकित्सकों की एक टीम ने अडियाला जेल में उनकी चिकित्सीय जांच की । मीडिया में आयी खबरों में इसकी जानकारी दी गयी है।
खान अगस्त, 2023 से जेल में बंद हैं और उनकी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी (पीटीआई) ने उनके स्वास्थ्य को लेकर चिंता जतायी थी।
‘डॉन’ अखबार की खबर में बताया गया है कि पाकिस्तान इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (पीआईएमएस) की एक टीम ने पूर्व प्रधानमंत्री की चिकित्सीय जांच करने के लिए सोमवार को अडियाला जेल का दौरा किया।
चार सदस्यीय टीम का नेतृत्व ईएनटी विशेषज्ञ डॉ. अल्ताफ हुसैन ने किया, जबकि टीम के अन्य सदस्यों में अस्पताल के दंत चिकित्सा विभाग से डॉ. उमर फारूक, जनरल मेडिसिन से डॉ. मोहम्मद अली आरिफ और जनरल सर्जरी से डॉ. तशफीन इम्तियाज शामिल थे। जांच 30 मिनट तक की गई।
यह जांच हाल में पीटीआई द्वारा लगाए गए आरोपों के बाद की गई है। विशेष रूप से पार्टी के सूचना सचिव शेख वक्कास अकरम ने दावा किया है कि सरकार ने इमरान खान को एकांत कारावास में रखा है।
पीटीआई के एक अन्य नेता ने दावा किया था कि खान को उनकी बहनों या अन्य रिश्तेदारों से भी मिलने नहीं दिया जा रहा है। पीटीआई के एक नेता ने कहा कि खान के पारिवारिक चिकित्सक को उनसे मिलने नहीं दिया जा रहा है, जिससे उनके स्वास्थ्य को लेकर चिंताएं बढ़ रही हैं। उनके स्वास्थ्य की स्थिति के बारे में चिकित्सकों की रिपोर्ट तुरंत जारी नहीं की गई।
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