
डेमोक्रेटिक पार्टी की पूर्व नौसेना पायलट मिकी शेरिल ने न्यू जर्सी के गवर्नर चुनाव में जीत हासिल की है। मिकी आर्थिक मुद्दों और हाई टैक्स के मुद्दों पर चुनावी मैदान में उतरीं और रिपब्लिकन जैक सियाटारेली को हराकर जीत हासिल की।
मंगलवार को हुए पोल के शुरुआती नतीजों में शेरिल को लगभग 57 प्रतिशत वोट मिले, जबकि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप समर्थित रिपब्लिकन उम्मीदवार सियाटारेली को 43 प्रतिशत वोट मिले।
फिलहाल न्यू जर्सी के गवर्नर की जिम्मेदारी डेमोक्रेट फिलिप मर्फी संभाल रहे थे। उन्होंने अपने दो कार्यकाल पूरे कर लिए हैं और कानूनी तौर पर उन्हें दोबारा चुनाव लड़ने से रोक दिया गया। चुनाव में जीत के बाद अब ये जिम्मेदारी मिकी संभालेंगी।
चुनाव प्रचार के दौरान राज्य की आर्थिक स्थिति एक प्रमुख मुद्दा रही, जिसमें स्थानीय करों की अधिकता, महंगे बिजली बिल और आवास समेत रोजमर्रा की चीजों पर बढ़ते खर्च ने मतदाताओं की चिंता बढ़ा दी थी।
अपने अभियान के दौरान उन्होंने कहा था कि पदभार ग्रहण करने के पहले दिन ही वे बिजली की लागत पर "आपातकाल" की घोषणा कर देंगी।
रिपब्लिकन उम्मीदवार जैक सियाटारेली को 46% वोट मिले, जबकि उनकी प्रतिद्वंद्वी मिकी को 52% वोट मिले।
पिछले साल के राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप को न्यू जर्सी में 46% वोट मिले थे, जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी को 52% वोट मिले थे। आंकड़ों से साफ है कि सियाटारेली का प्रदर्शन ट्रंप के समान ही रहा है।
मिकी शेरिल ने नौसेना में हेलीकॉप्टर पायलट के रूप में कार्य किया और यूरोप में भी कार्य किया। इसके बाद उन्होंने कानून की डिग्री प्राप्त की और राजनीति में आने और कांग्रेस के लिए निर्वाचित होने से पहले एक संघीय अभियोजक के रूप में काम किया।
मिकी के पति इन्वेस्टमेंट बैंकर हैं। दोनों के चार बच्चे हैं। शेरिल ने चुनावी तैयारियों के दौरान अपने मदरहुड की तस्वीरों से सबका ध्यान खींचा था।
Published: undefined
पाकिस्तान में पहली बार डिजिटल जनगणना हुई और इसी आधार पर पता चल पाया कि यहां बेरोजगारी दर चरम पर है। 7.8 फीसदी युवाओं के पास नौकरी नहीं है यानि 24 करोड़ 15 लाख की आबादी वाले देश के करीब 1 करोड़ 87 लाख युवा बेरोजगारी का दंश झेल रहे हैं।
पाकिस्तान ऑब्जर्वर नाम के अखबार ने देश की इस दुखती नब्ज को टटोला है। ये रिपोर्ट बेबस पाकिस्तानियों और बेपरवाह हुक्मरानों की पोल खोलती है। सिस्टम को लचर बताते हुए कहती है कि ये बेरोजगारी दर उन पाकिस्तानियों की फिक्र नहीं करती जो नीट (एनईईटी) हैं। नीट से मतलब पढ़ाई (एजुकेशन), रोजगार (एम्पलाईमेंट), और प्रशिक्षण (ट्रेनिंग) से महरूम करना है।
इस आर्टिकल में बताया गया है कि बेरोजगारी का संकट जितना दिखता है उससे कहीं अधिक गहरा है। 15 से 35 साल की उम्र के एक-तिहाई पाकिस्तानी इस समय बेरोजगारी की मार झेल रहे हैं।
प्रकाशित रिपोर्ट की माने तो 'वर्किंग एज पापुलेशन' यानी काम करने की उम्र वाली आबादी की संख्या भी कुछ कम नहीं है। 17.17 करोड़ लोग जो काम करने में सक्षम हैं उनमें से 11 फीसदी के पास कोई नौकरी नहीं है।
आर्टिकल में कहा गया है कि 'नीट' ग्रुप में वे लोग शामिल हैं जिन्होंने पूरी तरह से काम ढूंढना बंद कर दिया है, जो बिना वेतन वाले या असंगठित उपक्रमों से जुड़े हैं, या ऐसे फैमिली बिजनेस में फंसे हैं जिसकी उत्पादन क्षमता कुछ खास नहीं है।
लेख में पाकिस्तानी महिलाओं की दयनीय स्थिति का भी विवरण है। रिपोर्ट के अनुसार महिला श्रम बल भागीदारी दर भी काफी कम है। 'नीट' की समस्या तो है ही, इसके साथ ही देश की आधी आबादी की कम भागीदारी दर ने परिस्थिति को और भी सोचनीय बना दिया है।
ये घटती दरें साफ इशारा करती हैं कि लेबर फोर्स का कौशल अर्थव्यवस्था से कदम ताल नहीं कर पा रहा और इसी वजह से स्ट्रक्चरल बेरोजगारी (संरचनात्मक बेरोजगारी जिसमें नियोक्ता और रोजगार की तलाश कर रहे शख्स का कौशल मेल नहीं खा पाता) बढ़ रही है।
2025 में बेरोजगारी दर बढ़कर करीब 8 प्रतिशत हो गई है, जिसमें कुल लेबर फोर्स 8 करोड़ 51 लाख 80 हजार और बेरोजगारों की संख्या 68 लाख 10 हजार है। रिपोर्ट कहती है कि रोजगार दर लगभग 52.2 प्रतिशत है, जो बताता है कि काम करने की उम्र वाली लगभग आधी आबादी या तो बेरोजगार है या अल्प-रोजगार (योग्यता के मुताबिक नौकरी न मिलना) की समस्या झेल रही है।
महंगाई, विदेशी मुद्रा संकट, 2022 और हाल ही में 2025 की बाढ़ के असर ने छोटे बिजनेस और लोकल जॉब मार्केट को तबाह कर दिया है। विश्व बैंक के आपदा-पश्चात आवश्यकता आकलन (पोस्ट-डिजास्टर नीड्स असेस्मेंट) में अरबों डॉलर के नुकसान और लाखों लोगों के दोबारा गरीबी में चले जाने की बात सामने आई। रिपोर्ट सोच समझ कर नीति बनाने की सलाह देती है और आगाह करती है कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो ये युवाओं और मुल्क को लंबे समय तक आर्थिक नुकसान पहुंचा सकते हैं।
Published: undefined
अमेरिका के केंटकी में लुईविल मुम्मद अली इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर प्लेन क्रैश का खौफनाक मंजर सामने आया है। मंगलवार शाम को लुईविल मुम्मद अली इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर यूपीएस कार्गो प्लेन टेकऑफ करने के कुछ ही सेकेंड बाद क्रैश हो गया और इस दुर्घटना में तीन क्रू मेंबर्स की जान चली गई।
प्लेन क्रैश के बाद आग की लपटें ऊपर उठने लगीं और आसपास की जगहों तक फैल गईं। प्लेन में करीब 2.5 लाख गैलन फ्यूल था, इस वजह से क्रैश होते ही आग इतनी तेजी से फैल गई। संघीय उड्डयन प्रशासन (एफएए) के अनुसार, यूपीएस एमडी-11 विमान केंटकी के लुइसविले हवाई अड्डे के पास उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
एफएए के एक बयान के अनुसार, यूपीएस उड़ान संख्या 2976 स्थानीय समयानुसार शाम 5 बजे के बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गई। विमान होनोलूलू के डैनियल के. इनौये अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे की ओर जा रहा था। एफएए राष्ट्रीय परिवहन सुरक्षा बोर्ड (एनटीएसबी) के साथ मिलकर इस दुर्घटना की जांच कर रहा है। एफएए ने मंगलवार को कहा कि एनटीएसबी जांच की जिम्मेदारी संभालेगा।
Published: undefined
सीपीएन (माओवादी केंद्र) और सीपीएन (एकीकृत समाजवादी) सहित नौ वामपंथी दलों ने बुधवार को विलय कर नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी का गठन किया। यह घोषणा पांच मार्च को होने वाले आम चुनावों से कुछ महीने पहले की गई है।
दलों के विलय की घोषणा यहां ‘भृकुटीमंडप’ में एक जनसभा में की गई। औपचारिक विलय समारोह से पहले, एक भव्य जुलूस निकाला गया। यह नया दल देश में भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद और राजनीतिक अव्यवस्था के खिलाफ हाल ही में युवाओं के नेतृत्व वाले ‘जेन-जेड’ आंदोलन की पृष्ठभूमि में बनाया गया है।
सीपीएन (माओवादी केंद्र) के अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री पुष्पकमल दाहाल ‘प्रचंड’ नयी पार्टी के समन्वयक होंगे, जबकि सीपीएन (एकीकृत समाजवादी) प्रमुख माधव कुमार नेपाल सह-समन्वयक होंगे।
पार्टी मार्क्सवाद-लेनिनवाद को अपनी मार्गदर्शक विचारधारा के रूप में अपनाएगी और छह महीने के भीतर अपना राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित करेगी।
सीपीएन (माओवादी केंद्र) और सीपीएन (एकीकृत समाजवादी) के अलावा, विलय में शामिल होने वाले दलों में नेपाल समाजवादी, सीपीएन (समाजवादी), जनसमाजवादी पार्टी नेपाल, नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी, सीपीएन (माओवादी समाजवादी), सीपीएन साम्यवादी और गोपाल किराती के नेतृत्व वाला देशभक्त समाजवादी मोर्चा शामिल हैं।
Published: undefined
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: undefined