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दुनिया की खबरें: जेलेंस्की शीर्ष यूरोपीय नेताओं के साथ ट्रंप से मिलने पहुंचे और पाक में बारिश से 657 लोगों की मौत

यह बैठक अमेरिका के अपने सबसे करीबी सहयोगियों के साथ संबंधों की भी परीक्षा है, क्योंकि यूरोपीय संघ और ब्रिटेन ने ट्रंप द्वारा शुल्क बढ़ाये जाने को आंशिक रूप से इसलिए स्वीकार किया था कि वे यूक्रेन पर उनका समर्थन चाहते थे।

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यूक्रेन का भविष्य सोमवार को व्हाइट हाउस में जल्दबाजी में बुलाई गई एक बैठक पर निर्भर कर सकता है, क्योंकि जेलेंस्की अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप को रूस के खिलाफ एकजुट मोर्चा प्रदर्शित करने के लिए यूरोपीय नेताओं का एक दल लेकर वाशिंगटन पहुंचे हैं।

पिछले शुक्रवार को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ ट्रंप की शिखर वार्ता में यूरोप के नेताओं को शामिल नहीं किया गया था। वे यूक्रेन और यूरोप को मॉस्को की ओर से किसी भी व्यापक आक्रमण से बचाने की कोशिश कर रहे हैं।

यूरोपीय नेता एक समूह में अमेरिका पहुंच कर, जेलेंस्की की फरवरी में ओवल ऑफिस (अमेरिकी राष्ट्रपति का कार्यालय) में हुई बैठक जैसी किसी भी विफलता से बचने की उम्मीद कर रहे हैं, जब ट्रंप ने अमेरिकी सैन्य सहायता के लिए पर्याप्त आभार नहीं जताने के लिए उन्हें फटकार लगाई थी।

यह बैठक अमेरिका के अपने सबसे करीबी सहयोगियों के साथ संबंधों की भी परीक्षा है, क्योंकि यूरोपीय संघ और ब्रिटेन ने ट्रंप द्वारा शुल्क बढ़ाये जाने को आंशिक रूप से इसलिए स्वीकार किया था कि वे यूक्रेन पर उनका समर्थन चाहते थे।

सोमवार का घटनाक्रम अलास्का बैठक से होने वाली प्रगति और संभावित संकट, दोनों का संकेत है क्योंकि यूरोप के कई नेता यूक्रेन के हितों की रक्षा के स्पष्ट लक्ष्य के साथ वाशिंगटन आ रहे हैं, जो कूटनीतिक शक्ति का एक दुर्लभ और व्यापक प्रदर्शन है।

जेलेंस्की ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘यह जरूरी है कि यूक्रेन और पूरे यूरोप के लिए सुरक्षा गारंटी प्रदान करने के लिए अमेरिका, यूरोप के साथ काम करने पर सहमत हो।’’

ट्रंप ने रविवार रात सोशल मीडिया पर लिखा, ‘‘यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की यदि चाहें तो रूस के साथ युद्ध को लगभग तुरंत समाप्त कर सकते हैं, या फिर वे लड़ाई जारी रख सकते हैं।’’ जेलेंस्की ने रविवार देर रात अपनी पोस्ट के जरिए जवाब देते हुए कहा, ‘‘हम सभी इस युद्ध को जल्द और मजबूती से समाप्त करने की प्रबल इच्छा रखते हैं।’’

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पाकिस्तान में मूसलाधार बारिश से अब तक 657 लोगों की मौत

पाकिस्तान अपने इतिहास में सबसे घातक मानसूनी बारिश से जूझ रहा है। स्थानीय मीडिया ने सोमवार को बताया कि जून के अंत से लगातार बारिश, बाढ़ और भूस्खलन के कारण कम से कम 657 लोगों की मौत हो गई है और करीब 1,000 लोग घायल हो गए हैं।

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के आंकड़ों के अनुसार, 26 जून से अब तक बारिश से संबंधित विभिन्न घटनाओं में मारे गए 657 लोगों में से 171 बच्चे और 94 महिलाएं थीं।सभी प्रांतों में, खैबर-पख्तूनख्वा (के-पी) सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है, जहां 390 लोगों की मौत हुई है, जिनमें 288 पुरुष, 59 बच्चे और 43 महिलाएं शामिल हैं।

इस बीच, पंजाब में 164 मौतें हुईं, जिनमें से ज्यादातर बच्चे थे, जबकि सिंध में 28, बलूचिस्तान में 20, पाकिस्तान अधिकृत गिलगित-बाल्टिस्तान (पीओजीबी) में 32, पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में 15 और इस्लामाबाद में बारिश से उत्पन्न आपदाओं में आठ लोगों की मौत हुई।

एनडीएमए के राष्ट्रीय आपातकालीन संचालन केंद्र (एनईओसी) ने पंजाब, के-पी, बलूचिस्तान, पीओके और सिंध के कुछ हिस्सों सहित कई क्षेत्रों में भारी बारिश की भविष्यवाणी करते हुए एक आपातकालीन अलर्ट जारी किया। यह चेतावनी खैबर पख्तूनख्वा में व्यापक विनाश के बाद जारी की गई है, जहां प्रांत में आई सबसे विनाशकारी बाढ़ में 300 से ज्यादा लोग मारे गए थे।

खैबर पख्तूनख्वा प्रांतीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (पीडीएमए) के अनुसार, रविवार तक, शुक्रवार को बादल फटने, बिजली गिरने और अचानक आई बाढ़ से मरने वालों की संख्या 323 हो गई, जिसमें से 209 मौतें बुनेर जिले में हुईं, जो इस आपदा का केंद्र था। मृतकों में 273 पुरुष, 29 महिलाएं और 21 बच्चे शामिल हैं, जबकि घायलों में 123 पुरुष, 23 महिलाएं और 10 बच्चे शामिल हैं।

पीडीएमए ने बताया कि इस आपदा में अब तक 336 घर क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिनमें से 230 आंशिक रूप से नष्ट हो गए हैं और 106 पूरी तरह से ध्वस्त हो गए हैं।

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उत्तर-पश्चिमी नाइजीरिया में नौका पलटने से कम से कम 40 लोग लापता

उत्तर-पश्चिमी नाइजीरिया में एक नदी में नौका पलटने से कम से कम 40 लोग लापता हो गए। अधिकारियों ने यह जानकारी।

नाइजीरिया की राष्ट्रीय आपातकालीन प्रबंधन एजेंसी ने रविवार देर रात एक बयान में कहा कि यह दुर्घटना रविवार को सोकोटो राज्य के गोरोन्यो क्षेत्र में उस समय हुई जब यात्री नौका में सवार होकर बाजार जा रहे थे।

आपातकालीन एजेंसी ने कहा कि केवल 10 लोगों को बचाया जा सका है, तथा टीम क्षेत्र में खोज एवं बचाव कार्य जारी रखे हुए हैं।

बरसात के मौसम में दूरदराज के इलाकों में ऐसी दुर्घटनाएं आम हैं। पिछले महीने, उत्तर-मध्य नाइजीरिया के एक बाजार में यात्रियों को ले जा रही एक नौका पलट गई थी जिसमें कम से कम 25 लोगों की मौत हो गई।

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ईरान 20 लाख अवैध अफगान प्रवासियों को करेगा देश से बाहर, तैयारी शुरू

ईरान ने घोषणा की है कि वह करीब 20 लाख अवैध अफगान प्रवासियों को देश से वापस भेजने की तैयारी कर रहा है। ईरान ने आश्वासन दिया है कि यह प्रक्रिया कानूनी तरीके से पूरी की जाएगी।

ईरान के गृहमंत्री इस्कंदर मोमेनी ने सोमवार को मशहद में पत्रकारों से कहा कि एक नया कार्यक्रम शुरू किया गया है, जिसके तहत बिना किसी वैध दस्तावेज के ईरान आए अफगानों को पहले चरण में उनके वतन भेजा जाएगा। उन्होंने बताया कि वर्तमान में छह मिलियन से अधिक अफगान नागरिक ईरान में रह रहे हैं और इतनी बड़ी आबादी को संभालने के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता है।

गृहमंत्री ने कहा कि इस कार्यक्रम को "प्रवासी विरोधी" नहीं समझा जाना चाहिए, बल्कि हर देश के अपने कानून और नियम होते हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस प्रक्रिया की निगरानी नेशनल माइग्रेशन ऑर्गनाइजेशन करेगी और सुनिश्चित करेगी कि सभी को अफगानिस्तान वापस भेजने की प्रक्रिया कानूनी और सम्मानजनक तरीके से पूरी हो।

मोमेनी ने बताया कि अधिकांश अफगानों की वापसी खोरासान रजवी सीमा से होगी, जो लंबे समय से दोनों देशों के बीच प्रमुख बिंदु रहा है। यह घोषणा ऐसे समय में हुई है जब पाकिस्तान भी सितंबर से अफगान प्रवासियों की वापसी की मुहिम शुरू करने की तैयारी कर रहा है।

मानवीय संगठनों ने ईरान और पाकिस्तान से बड़े पैमाने पर हो रही वापसी पर चिंता जताई है। उनका कहना है कि अफगानिस्तान लौटने वाले लोगों को गरीबी, बेरोजगारी और तालिबान शासन के तहत पाबंदियों का सामना करना पड़ेगा।

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सीमा पर शांति ही भारत-चीन संबंधों की कुंजी: जयशंकर

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोमवार को कहा कि भारत-चीन संबंधों में किसी भी सकारात्मक प्रगति का आधार सीमा क्षेत्रों में शांति और स्थिरता बनाए रखने की क्षमता पर टिका हुआ है। उन्होंने यह भी जोर दिया कि सीमा पर तनाव कम करने की प्रक्रिया आगे बढ़नी चाहिए।

चीनी विदेश मंत्री वांग यी के साथ हुई बैठक में जयशंकर ने कहा, “आप हमारे विशेष प्रतिनिधि और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ सीमा मुद्दों पर चर्चा करेंगे। यह बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि हमारे संबंधों में किसी भी सकारात्मक गति का आधार सीमा क्षेत्रों में शांति और स्थिरता बनाए रखने की क्षमता है। साथ ही, तनाव कम करने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाना भी आवश्यक है।”

चीनी विदेश मंत्री वांग यी के नई दिल्ली आगमन के कुछ ही समय बाद यह बैठक हुई, जिसमें विदेश सचिव विक्रम मिस्री और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।

जयशंकर ने कहा कि जब दुनिया के दो सबसे बड़े देश मिलते हैं तो अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य पर चर्चा होना स्वाभाविक है। उन्होंने कहा, “हम एक न्यायसंगत, संतुलित व्यवस्था चाहते हैं। जि

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