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दुनियाः अमेरिका में शटडाउन शुरू, अनिश्चितता के बादल छाए और इथियोपिया में चर्च के ढहने से 25 लोगों की मौत

उत्तर-मध्य नाइजीरिया में नाइजर नदी में एक नौका के दुर्घटनाग्रस्त होने से कम से कम 26 लोगों की मौत हो गई। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा है कि कतर पर किसी भी सशस्त्र हमले को अमेरिका की शांति और सुरक्षा के लिए खतरा माना जाएगा और फिर अमेरिका एक्शन लेगा।

अमेरिका में शटडाउन शुरू, अनिश्चितता  के बादल छाए और इथियोपिया में चर्च के ढहने से 25 लोगों की मौत
अमेरिका में शटडाउन शुरू, अनिश्चितता के बादल छाए और इथियोपिया में चर्च के ढहने से 25 लोगों की मौत फोटोः IANS

अमेरिका में ‘शटडाउन’ शुरू, अनिश्चितता का दौर आरंभ

अमेरिका में सरकारी कार्यक्रम और सेवाएं जारी रखने को लेकर निर्धारित समय सीमा बुधवार को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और संसद के बीच कोई समझौता न हो पाने के बाद सरकारी वित्त-पोषण पर रोक (शटडाउन) शुरू हो गई, जिसके चलते अनिश्चितता का माहौल पैदा हो गया।शटडाउन के दौरान संघीय सरकार के लगभग 7,50,000 कर्मचारियों को छुट्टी पर भेजे जाने की आशंका है। शटडाउन के दौरान कई कार्यालय बंद हो जाएंगे। शटडाउन के कारण शिक्षा, पर्यावरण और अन्य सेवाएं ठप पड़ जाएंगी। इसका असर पूरे देश में पड़ने की उम्मीद है। समय सीमा पूरी होने से पहले ट्रंप ने व्हाइट हाउस में कहा, “हम शटडाउन नहीं चाहते।”

अमेरिकी शिक्षा विभाग में सरकारी वित्त पोषण रुकने से कामकाज ठप पड़ने की आशंका है। शिक्षा विभाग का कहना है कि बुधवार से शुरू हो रहे ‘शटडाउन’ के दौरान हालांकि उसके कई मुख्य कार्य जारी रहेंगे और संघीय वित्तीय सहायता जारी रहेगी, लेकिन छात्र ऋण भुगतान अब भी बकाया रहेंगे। वहीं, नागरिक अधिकारों से जुड़ी शिकायतों की जांच बंद हो जाएगी और विभाग नए संघीय अनुदान जारी नहीं करेगा। विभाग की एक आकस्मिक योजना के अनुसार, उसके लगभग 87 प्रतिशत कर्मचारियों को छुट्टी पर भेज दिया जाएगा।

प्रशासन ने संकेत दिया है कि ‘शटडाउन’ की स्थिति में संघीय एजेंसियों में और भी पद पूरी तरह से समाप्त हो सकते हैं। इस बार ‘व्हाइट हाउस’ के प्रबंधन एवं बजट कार्यालय ने संघीय कर्मचारियों को बड़े पैमाने पर नौकरी से निकालने की धमकी दी है। सांसदों के गतिरोध और सरकार को धन मुहैया कराने की समय-सीमा चूकने के कारण अमेरिका में लंबे समय तक ‘शटडाउन’ की आशंका है। रिपब्लिकन पार्टी के सांसदों ने 21 नवंबर तक सरकार को मौजूदा स्तर पर धन मुहैया कराने के लिए एक अल्पकालिक उपाय का समर्थन किया, लेकिन डेमोक्रेटिक पार्टी ने इसका विरोध किया और इस बात पर जोर दिया कि उपाय में स्वास्थ्य देखभाल पर उनकी चिंताओं का समाधान होना चाहिए।

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इथियोपिया में निर्माणाधीन चर्च के ढहने से 25 लोगों की मौत

इथियोपिया के अमहारा क्षेत्र में बुधवार को एक निर्माणाधीन गिरजाघर के ढह जाने से कम से कम 25 लोगों की मौत हो गई। स्थानीय अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह घटना बुधवार को उत्तरी इथियोपिया के अमहारा में मेनजार शेनकोरा अर्रेती मरियम गिरजाघर में उस समय हुई, जब लोग सेंट मैरी के वार्षिक समारोह के लिए एकत्र हुए थे।

एक स्थानीय अस्पताल के चिकित्सक सेयूम अल्ताये ने बताया कि पीड़ितों में कुछ बच्चे और बुजुर्ग भी शामिल हैं। उन्होंने कहा, ‘‘अब तक हमने 25 लोगों की मौत होने और सौ से अधिक घायलों की पुष्टि की है।’’ उन्होंने कहा कि अस्पताल घायलों की देखभाल के लिए रेड क्रॉस से सहायता मांग रहा है। स्थानीय प्रशासक तेशाले तिलहुन ने चेतावनी दी कि मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है। उन्होंने कहा, ‘‘यह समुदाय के लिए एक बड़ी क्षति है।’’

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नाइजीरिया में नौका दुर्घटना में 26 लोगों की मौत

उत्तर-मध्य नाइजीरिया में नाइजर नदी में एक नौका के दुर्घटनाग्रस्त होने से कम से कम 26 लोगों की मौत हो गई। यह जानकारी एक अधिकारी ने बुधवार को दी। कोगी प्रांत के सूचना आयुक्त किंग्सले फानवो ने बताया कि यह दुर्घटना मंगलवार को प्रांत के इबाजी इलाके में हुई। उन्होंने बताया कि नौका में अधिकतर कारोबारी सवार थे जो पड़ोसी प्रांत एडो के एक बाजार जा रहे थे। दुर्घटना के कारण का फिलहाल पता नहीं चल पाया है।

फानवो ने एक बयान में कहा, ‘‘यह बेहद दुखद घटना है। दुख की इस घड़ी में हम दिवंगत लोगों के परिवारों और इबाजी की स्थानीय सरकार के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं।’’ उन्होंने कहा कि कोगी प्रांत सरकार जलमार्ग सुरक्षा में सुधार और ऐसी दुर्घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए संघीय एजेंसियों के साथ काम करेगी। अफ्रीका के सबसे अधिक आबादी वाले देश नाइजीरिया में बारिश के मौसम में इस तरह की दुर्घटनाएं होती रहती हैं।

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अब कतर पर हुआ हमला तो अमेरिका देगा जवाबः ट्रंप

मिडिल ईस्ट तनाव को कम करने की कोशिश के तहत अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक एग्जिक्यूटिव ऑर्डर पर हस्ताक्षर किया है। व्हाइट हाउस की ओर से जारी किए गए इस ऑर्डर में साफ कहा गया है कि कतर पर किसी भी सशस्त्र हमले को "संयुक्त राज्य अमेरिका की शांति और सुरक्षा के लिए खतरा" माना जाएगा और फिर अमेरिका एक्शन लेगा। यह आदेश दोहा में हमास नेताओं को निशाना बनाकर किए गए इजरायली हमले के लगभग तीन हफ्ते बाद प्रकाशित हुआ है। उस हमले की ट्रंप ने आलोचना की थी और कतर ने नाराजगी जताई थी।

कतर की नाराजगी को देखते हुए ट्रंप ने वादा किया कि ऐसा हमला दोबारा नहीं होगा, और इस हफ्ते उन्होंने प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को इस हमले के लिए अपने समकक्ष कतर के प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल-थानी से माफी मांगने के लिए राजी कर लिया था। बकायदा फोन करके इजरायली पीएम ने माफी मांगी थी। सोमवार को जारी यह कार्यकारी आदेश, गाजा में युद्ध समाप्त करने की ट्रंप की योजना के निर्माण के हिस्से के रूप में जारी किया गया था, जिसकी दोहा ने प्रशंसा की है और नेतन्याहू ने कहा कि उन्होंने इसे स्वीकार कर लिया है। यह आदेश संकेत देता है कि अमेरिका कतर पर भविष्य में होने वाले सशस्त्र हमलों का कड़ा जवाब देगा।

आदेश में कहा गया है, “ऐसे किसी भी हमले की स्थिति में अमेरिका, संयुक्त राज्य अमेरिका और कतर राज्य के हितों की रक्षा और शांति एवं स्थिरता बहाल करने के लिए सभी वैध और उचित उपाय करेगा – जिसमें राजनयिक, आर्थिक और यदि आवश्यक हो, तो सैन्य उपाय भी शामिल हैं।” कतर क्षेत्र में अमेरिका का एक सैन्य अड्डा है, जिस पर इस वर्ष की शुरुआत में ईरान ने हमला किया था। कतर ने गाजा युद्ध में युद्धविराम के लिए मध्यस्थ की भूमिका भी निभाई है, और कार्यकारी आदेश में कहा गया है, “विदेश मंत्री व्यापक राजनयिक और मध्यस्थता अनुभव को मान्यता देते हुए, संघर्ष समाधान और मध्यस्थता के लिए जब भी उचित होगा, कतर के साथ साझेदारी जारी रखेंगे।”

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सुशीला कार्की की अंतरिम सरकार पर भड़की नेपाली कांग्रेस पार्टी

नेपाल में जेन-जी के उग्र विरोध प्रदर्शन के बाद अंतरिम सरकार ने पूर्व पीएम केपी शर्मा ओली समेत अन्य पूर्व नेताओं पर शिकंजा कस दिया। इस बीच नेपाली कांग्रेस पार्टी ने सुशीला कार्की की अंतरिम सरकार को चेतावनी दी है। नेपाली कांग्रेस ने कार्की सरकार को बदले की राजनीति न करने की चेतावनी दी है। दरअसल, नेपाली कांग्रेस पार्टी कार्यालय के मुख्य सचिव कृष्ण प्रसाद पौडेल ने एक बयान जारी कर सरकार को ऐसी गतिविधियों को लेकर आगाह किया। नेपाली कांग्रेस पार्टी ने आरोप लगाया कि 8 और 9 सितंबर के विरोध प्रदर्शनों की जांच करने के बजाए, सरकार बदले की भावना से काम कर रही है। नेपाली कांग्रेस ने जांच आयोग बनाने के नाम पर पासपोर्ट ब्लॉक करने और घरेलू यात्रा पर प्रतिबंध लगाने के कदम की आलोचना करते हुए इसे अन्यायपूर्ण बताया।

मुख्य सचिव कृष्ण प्रसाद पौडेल की ओर से जारी बयान में कहा गया है, "घटना की जांच शुरू किए बिना ही, एक तथाकथित आयोग के बहाने राजनीतिक दलों के नेताओं और कार्यकर्ताओं को पूर्वाग्रह से ग्रसित और बदले की भावना से निशाना बनाया जा रहा है।" उन्होंने आगे कहा कि यह सरकार गैरकानूनी और असंवैधानिक कार्रवाइयों में लिप्त है, जिसने आयोग को अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर सीधे तौर पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया। यह सीधे तौर पर मानवाधिकारों और व्यक्तिगत स्वतंत्रता को कमजोर करती है। पासपोर्ट ब्लॉक करने और देश के भीतर स्वतंत्र आवाजाही को प्रतिबंधित करने का निर्णय स्पष्ट रूप से राजनीतिक प्रतिशोध को दर्शाता है।

बता दें, बीते दिन नेपाल की अंतरिम सरकार ने पूर्व पीएम केपी ओली समेत अन्य प्रमुख नेताओं के देश से बाहर जाने पर रोक लगा दी। यह प्रतिबंध पूर्व गृह सचिव गोकर्णमणि दुवादी, राष्ट्रीय जांच विभाग के पूर्व प्रमुख हुतराज थापा और काठमांडू के पूर्व मुख्य जिला अधिकारी छबी रिजाल पर लगाया गया है। नेपाल में 8-9 सितंबर को हुए जेन-जी प्रोटेस्ट के लिए बनाई गई तीन सदस्यीय जांच कमेटी ने यह फैसला लिया और इस कमेटी के प्रमुख सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज गौरी बहादुर कार्की हैं।

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