
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (एपेक) शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए दक्षिण कोरिया पहुंचे हैं। अमेरिकी टैरिफ से मचे घमासान के बीच अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुसान में चीनी समकक्ष शी जिनपिंग से मुलाकात की। दोनों नेताओं के बीच ये मुलाकात 6 साल बाद हुई है। माना जा रहा है कि शी जिनपिंग की यह यात्रा अमेरिका-चीन व्यापार और सुरक्षा प्रतिद्वंद्विता के बीच सियोल और वाशिंगटन के साथ बीजिंग के भविष्य के संबंधों की नींव रख सकती है।
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शी जिनपिंग से मुलाकात के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि हमारी मुलाकात बहुत सफल रहने वाली है। उन्होंने चीनी राष्ट्रपति को एक कठोर वार्ताकार ('टफ गॉय') के साथ ही एक महान देश का महान नेता भी कहा। हम एक-दूसरे को अच्छी तरह जानते हैं। हमारे बीच हमेशा से बहुत अच्छे संबंध रहे हैं। ट्रंप ने जिनपिंग से कहा, "मुझे लगता है कि हमारे बीच लंबे समय तक शानदार संबंध बने रहेंगे और आपका हमारे साथ होना सम्मान की बात है।"
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वहीं चीन के राष्ट्रपति ने कहा कि ट्रंप को देखकर अच्छा लग रहा है। उन्होंने ये भी कहा कि दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच कभी-कभी टकराव होना सामान्य बात है। उनका मानना है कि चीन का विकास ट्रंप के 'अमेरिका को फिर से महान बनाओ' नजरिए के साथ-साथ चलता है और वह अमेरिका-चीन संबंधों के लिए एक ठोस आधार बनाने के लिए आपके साथ काम करने के लिए तैयार हैं।
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2019 के बाद डोनाल्ड ट्रंप और चीनी राष्ट्रपति की यह पहली मुलाकात हो रही है। हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति ने चीन पर पहले से लगाए गए टैरिफ पर 100 फीसदी अतिरिक्त शुल्क लगाने की धमकी दी थी और कहा था कि चीन पर 157 फीसदी टैरिफ 1 नवंबर से लागू हो जाएंगे। पिछले हफ्ते, दोनों देशों के व्यापार वार्ताकारों ने मलेशिया में एक रूपरेखा समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिससे ट्रंप और शी के बीच आगामी शिखर सम्मेलन का मार्ग प्रशस्त हुआ।
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इससे पहले दक्षिण कोरिया जाते समय ‘एयर फोर्स वन’ में ट्रंप ने पत्रकारों से कहा कि वह फेंटानिल उत्पादन से जुड़े शुल्क में कमी करने पर विचार कर रहे हैं। उन्होंने कहा, मुझे उम्मीद है कि हम उस दर को घटाएंगे क्योंकि मुझे विश्वास है कि वे (चीन) हमें फेंटानिल की समस्या से निपटने में मदद करेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘चीन के साथ हमारे रिश्ते बहुत अच्छे हैं।
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बृहस्पतिवार को बैठक से ठीक पहले ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया मंच ‘ट्रुथ सोशल’ पर लिखा कि यह बैठक ‘‘जी2’’ होगी यानी अमेरिका और चीन की विश्व की सबसे बड़ी दो अर्थव्यवस्थाओं के रूप में पहचान। जैसे जी7 और जी20 औद्योगिक देशों के समूह हैं। हालांकि, अन्य वैश्विक शिखर सम्मेलनों की तरह यह बैठक किसी आलीशान जगह पर नहीं बल्कि एक साधारण इमारत में हुई, जो बुसान अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास एक सैन्य अड्डे पर स्थित है।
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वहीं इससे पहले एक मीडिया इंटरव्यू के दौरान वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने कहा कि 100 प्रतिशत टैरिफ की धमकी अब प्रभावी रूप से विचाराधीन नहीं है। बुधवार को आगामी वार्ता की घोषणा करते हुए, चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गुओ जियाकुन ने कहा, "दोनों नेता चीन-अमेरिका संबंधों से संबंधित रणनीतिक और दीर्घकालिक मुद्दों के साथ-साथ आपसी चिंता के प्रमुख मुद्दों पर गहन बातचीत करेंगे।
(IANS और पीटीआई के इनपुट के साथ)
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