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संसद से पास होने के 24 घंटे के भीतर सवर्ण आरक्षण पर लटकी तलवार, आरक्षण के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में चुनौती

बुधवार देर शाम सवर्ण आरक्षण बिल राज्यसभा से पास हुआ था। अभी इस विधेयक पर राष्ट्रपति की मुहर लगनी बाकी है। लेकिन बिल के पास होने के 24 घंटे के भीतर ही इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया सवर्ण आरक्षण के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल

सवर्ण आरक्षण को लेकर कांग्रेस समेत दूसरे विपक्षी पार्टियों ने जो आशंका जताई थी वही हुआ है।गरीब सवर्णों को सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में 10 फीसदी आरक्षण देने के मोदी सरकार के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। यूथ फॉर इक्वालिटी ने सवर्ण आरक्षण के खिलाफ याचिका दायर की है। याचिका में कहा गया है कि यह आरक्षण संशोधन सुप्रीम कोर्ट के द्वारा तय किए गए 50 फीसदी सीमा का उल्लंघन करता है। ऐसे में इस आरक्षण को इजाजत नहीं दी जा सकती है। याचिका में सवर्ण आरक्षण को रद्द किए जाने की मांग की गई है।

Published: 10 Jan 2019, 5:07 PM IST

एनजीओं ने अपनी याचिका में ये दलीलें दी हैं:

  • सुप्रीम कोर्ट के 50 फीसदी से ज्यादा आरक्षण पर रोक के फैसले का उल्लंघन है
  • आर्थिक आधार पर आरक्षण नहीं दिया जा सकता
  • संसद ने 103वें संविधान संशोधन के जरिए आर्थिक आधार पर आरक्षण बिल पास किया
  • इसमें आर्थिक तौर पर कमजोर लोगों को सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में आरक्षण का प्रावधान है
  • ये समानता के संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है
  • आरक्षण के दायरे में उन प्राइवेट शिक्षण संस्थाओं को शामिल किया गया है, जिन्हें सरकार से अनुदान नहीं मिलता, ये सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ है

इससे पहले बुधवार देर शाम सवर्ण आरक्षण बिल राज्यसभा से पास हुआ था। अभी इस विधेयक पर राष्ट्रपति की मुहर लगनी बाकी है। लेकिन बिल के पास होने के 24 घंटे के भीतर ही इसे कोर्ट में चुनौती दी गई है। बिल पर चर्चा के दौरान राज्यसभा में कांग्रेस समेत कई दूसरी पार्टियों ने बिल की खामियों को लेकर मोदी सरकार को आगाह किया था और सरकार से इस बिल को सेलेक्ट कमेटी के पास भेजे जाने की वकालत की थी, ताकि इसके अंदर जो भी खामियां हैं उसे दूर किया जा सके, लेकिन सरकार बिल को सेलेक्ट कमेटी के पास भेजे जाने के पक्ष में नहीं थी और आखिरकार बिल को संसद से पास कर दिया गया।

राज्यसभा में सवर्ण आरक्षण बिल पर चर्चा के दौरान कांग्रेस सांसद कपिल सिब्बल ने कहा था कि संविधान बदलने जा रहे हैं, लेकिन सरकार तब भी इस बिल को सेलेक्ट कमेटी के पास भेजना नहीं चाहती। उन्होंने कहा था कि एक तरफ 2.5 लाख कमाने वाले को इनकम टैक्स देना पड़ता है और दूसरी ओर आप 8 लाख कमाने वाले को गरीब बता रहे हैं। आप इनकम टैक्स लिमिट को भी 8 लाख कर दीजिए।

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Published: 10 Jan 2019, 5:07 PM IST

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Published: 10 Jan 2019, 5:07 PM IST