
महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष अलका लांबा ने गुरुवार को आरोप लगाया कि ओडिशा में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सरकार का पिछला एक साल बेटियों के लिए खौफनाक रहा है और पिछले 11 माह के दौरान प्रदेश की लगभग 28,000 महिलाओं पर अत्याचार हुआ।अलका लांबा ने यह भी कहा कि प्रदेश में रोजाना दुष्कर्म के औसतन 15 मामले सामने आ रहे हैं।
अलका लांबा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ओडिशा में जो भी घटनाएं घट रही हैं, वे बेहद चिंतित करने वाली हैं। प्रदेश में बीजेपी सरकार को बने हुए एक साल पूरा हुआ है। लेकिन ये साल भर का समय ओडिशा की बहन, बेटियों और महिलाओं के लिए बेहद ही खतरनाक और खौफनाक रहा है।’’ ओडिशा में दो दशक से सत्तारूढ़ नवीन पटनायक नीत बीजू जनता दल को हटाकर पिछले साल बीजेपी सत्ता में आई थी।
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उन्होंने दावा किया, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी खुद ओडिशा के चुनाव प्रचार में उतरते हैं और आधी आबादी को उनकी सुरक्षा का वादा देकर वोट हासिल करते हैं, लेकिन ओडिशा के 11 महीने का रिपोर्ट कार्ड देखेंगे तो यहां रोजाना 15 दुष्कर्म के मामले सामने आ रहे हैं। 10 महीने में राज्य के विभिन्न स्थानों पर 4,500 बेटियों ने न्याय की गुहार लगाई और 11 महीने में प्रदेश की 28,000 महिलाएं और बेटियां अत्याचार का शिकार हुई हैं।’’ कांग्रेस नेता ने सवाल किया कि आख़िर अपराधियों में इतनी हिम्मत आ कहां से रही है?
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ओडिशा विधानसभा में कांग्रेस सदस्य सोफिया फिरदौस ने कहा कि प्रदेश में महिलाओं को समर्पित 'रज पर्व' मनाया जाता है, लेकिन दुख की बात है कि रज पर्व के दौरान ही हमारे राज्य में सामूहिक बलात्कार की तीन घटनाएं हुई हैं। सोफिया ने कहा, ‘‘गोपालपुर में रज पर्व के दिन जब एक लड़की अपने दोस्त के साथ 'बीच' पर जाती है, तो वहां 10 लोग उसका सामूहिक बलात्कार कर देते हैं। ऐसे में ओडिशा की हर लड़की का एक ही सवाल है कि हमें न्याय कब मिलेगा?’’
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उन्होंने बताया, ‘‘मैंने विधानसभा में पूछा था कि जब से नई सरकार आई है, महिलाओं के खिलाफ अपराध के कितने मामले दर्ज किए गए हैं? इसका जवाब बेहद चौंकाने वाला था कि नई बीजेपी सरकार बनने के बाद ओडिशा में 18001 मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें सिर्फ 217 मामलों का निस्तारण हुआ है।’’ सोफिया ने दावा किया कि जब भी कोई घटना होती है तो एक ही आवाज आती है कि जांच चल रही है, लेकिन पिछले 12 महीने में एक भी जांच की रिपोर्ट सामने नहीं आई है। उनका कहना था, ‘‘अगर सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया तो अपराध के ये आंकड़े और बढ़ सकते हैं।’’
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