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सरकार कह रही देश में वैक्सीन की कमी नहीं, लेकिन सर्वे में सामने आई सच्चाई, लोगों को नहीं मिली वैक्सीन!

अप्रैल के पहले 10 दिनों में जब लोग टीकाकरण के लिए गए तो करीब पांच में एक (18 प्रतिशत) नागरिकों या उनके सामाजिक नेटवर्क में से कोविड-19 की खुराक नहीं मिल सकी। लोकलसर्कल सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है।

फोटो: IANS
फोटो: IANS 

अप्रैल के पहले 10 दिनों में जब लोग टीकाकरण के लिए गए तो करीब पांच में एक (18 प्रतिशत) नागरिकों या उनके सामाजिक नेटवर्क में से कोविड-19 की खुराक नहीं मिल सकी। लोकलसर्कल सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है।

यह आंकड़ा ऐसे समय पर सामने आया है, जब देश भर में कोविड-19 की दूसरी लहर चल रही है और भारत में अब दैनिक तौर पर 1,50,000 से अधिक मामले सामने आ रहे हैं। संक्रमण का आंकड़ा 2020 में एक ही दिन में 97,400 मामलों के उच्चतम स्तर से भी काफी आगे चला गया है।

Published: 11 Apr 2021, 5:17 PM IST

भारत 45 वर्ष से अधिक आयु के सभी लोगों को उपलब्ध होने वाले टीके के साथ अपने टीकाकरण अभियान का विस्तार कर रहा है और प्रत्येक दिन 50 लाख लोगों को टीका लगाने की योजना बना रहा है, इस बीच देश में कुछ राज्यों के नेता वैक्सीन की कमी बता रहे हैं।

मुंबई और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के कुछ हिस्सों के नागरिकों ने लोकलसर्कल पर अपनी प्रतिक्रिया साझा करते हुए कहा है कि कुछ अस्पतालों में यह संकेत मिलता है कि उनके पास या तो सीमित खुराक है या किसी विशेष दिन पर कोई खुराक उपलब्ध नहीं है। हालांकि, स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने संकेत दिया है कि देश में पर्याप्त खुराक है।

Published: 11 Apr 2021, 5:17 PM IST

यह समझने के लिए कि वास्तव में जमीनी स्थिति क्या है, लोकलसर्कल इसके लिए एक सर्वेक्षण किया है। सर्वेक्षण में भारत के 255 जिलों में स्थित नागरिकों से 24,000 से अधिक प्रतिक्रियाएं प्राप्त हुईं।

इस सर्वे में पाया गया कि 18 प्रतिशत नागरिक या उनके सामाजिक नेटवर्क में आने वाले व्यक्ति, जो अप्रैल के पहले 10 दिनों में टीकाकरण के लिए गए थे, उन्हें वैक्सीन प्राप्त नहीं हो सकी।

इस साल 16 जनवरी को टीकाकरण अभियान शुरू होने के बाद से भारत ने अपने नागरिकों को 10 करोड़ से अधिक वैक्सीन की खुराक दी है

Published: 11 Apr 2021, 5:17 PM IST

इसने वैक्सीन मैत्री कार्यक्रम के साथ-साथ सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा प्रत्यक्ष आपूर्ति समझौतों के तहत दुनिया भर के 80 से अधिक देशों में कोविड-19 की 4.81 करोड़ से अधिक खुराक की आपूर्ति की है।

सर्वेक्षण के अनुसार, चिंताजनक तथ्य यह है कि भारत भर के कोविड मामलों में हो रही वृद्धि के बावजूद, राज्यों की मीडिया ग्राउंड रिपोर्ट यह संकेत दे रही है कि वर्तमान में केवल पांच दिनों के वैक्सीन का स्टॉक शेष बचा हैं, जबकि एक अतिरिक्त सप्ताह की आपूर्ति पाइपलाइन में है।

Published: 11 Apr 2021, 5:17 PM IST

सर्वेक्षण में कहा गया है कि आंध्र प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों में मौजूदा स्टॉक दो दिनों से कम का बचा हुआ है, जबकि ओडिशा में मुश्किल से चार दिनों का स्टॉक है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा है कि टीकों के निर्यात पर भारत का कदम घरेलू आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए किया जाएगा।

टीकाकरण केंद्रों के बारे में भारत भर के लोगों से पोस्ट और टिप्पणियां प्राप्त हुई हैं, जो उनके वर्तमान स्टॉक स्तर को प्रदर्शित कर रही हैं। यह सामने आया है कि कुछ लोग टीकाकरण केंद्रों से बिना टीका लगवाए वापस लौट रहे हैं।

Published: 11 Apr 2021, 5:17 PM IST

सर्वेक्षण में नागरिकों से यह सवाल पूछा गया कि क्या उनके या उनके सामाजिक नेटवर्क में किसी को इस प्रकार की स्थिति का सामना करना पड़ा है कि अप्रैल के पहले 10 दिनों में वे या उनके नेटवर्क में कोई व्यक्ति टीका लगवाने गया हो और टीकाकरण केंद्र पर वैक्सीन का स्टॉक ही न हो।

इसके जवाब में 6 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उनके सामाजिक नेटवर्क में 4 या अधिक व्यक्तियों के साथ ऐसा हुआ है। वहीं 6 प्रतिशत ने कहा कि उनके सामाजिक नेटवर्क में 2-3 व्यक्तियों के साथ ऐसा हुआ, जबकि अन्य 6 प्रतिशत ने कहा कि उनके जानने वाले लोगों एक व्यक्ति ऐसा रहा, जिसे इस तरह की समस्या का सामना करना पड़ा।

हालांकि 76 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उनके जानने वाले लोगों में किसी के साथ ऐसा नहीं हुआ।

Published: 11 Apr 2021, 5:17 PM IST

जबकि 6 फीसदी लोगों ने कहा कि वह इस बारे में कुछ नहीं कह सकते। समग्र प्रतिक्रिया से संकेत मिला कि 18 प्रतिशत नागरिकों के पास उनके सामाजिक नेटवर्क में ऐसा कोई न कोई व्यक्ति जरूर था, जो अप्रैल के पहले 10 दिनों में टीकाकरण के लिए गया, मगर उसे वैक्सीन नहीं मिल पाई। सर्वेक्षण में इस सवाल को 9,016 प्रतिक्रियाएं मिलीं।

यह ध्यान देने वाली बात है कि मार्च के पहले 10 दिनों में काफी वरिष्ठ नागरिकों ने अपनी पहली खुराक प्राप्त की थी और अप्रैल के पहले 10 दिनों के दौरान ही उन्हें दूसरी खुराक प्राप्त करनी थी।

Published: 11 Apr 2021, 5:17 PM IST

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Published: 11 Apr 2021, 5:17 PM IST