हालात

यूपी पंचायत चुनाव ड्यूटी में कोविड से मौत पर 2,020 परिवारों को मिलेगा मुआवजा, पहले योगी सरकार कर रही थी इनकार

'ड्यूटी पर मौत' की पूर्व परिभाषा के तहत योगी सरकार ने 74 कर्मचारियों की पहचान की थी, जिनकी मौत कोविड और गैर-कोविड कारणों से हुई थी। कर्मचारी संघों के विरोध के बाद सरकार ने चुनाव आयोग से महामारी प्रभाव को दर्शाने के लिए नियमों में संशोधन का अनुरोध किया था।

फोटोः IANS
फोटोः IANS 

उत्तर प्रदेश में हाल में संपन्न पंचायत चुनाव की ड्यूटी के दौरान कोविड से मरने वाले 2,020 सरकारी कर्मचारियों के परिवारों को प्रदेश सरकार की ओर से 30-30 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। इससे पहले योगी सरकार ने 'ड्यूटी पर मौत' की पूर्व परिभाषा के तहत केवल 74 सरकारी कर्मचारियों की ही कोविड या गैर-कोविड कारणों से मौत की बात मानी थी।

Published: undefined

पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने कहा कि कोविड से ड्यूटी पर मृत्यु का निर्धारण करने के लिए संशोधित प्रोटोकॉल के तहत 3,092 आवेदन प्राप्त हुए थे, जिनमें से 2,020 मामलों को मुआवजे के पात्र के रूप में अनुशंसित किया गया था। उन्होंने कहा, "अतिरिक्त 10 से 20 मामले हैं, जिन्हें कोविड पर राज्य सलाहकार बोर्ड को भेजा जाएगा। एक बार जब वे पात्रता की पुष्टि कर लेंगे, तो उनके परिवारों को भी मुआवजा मिलेगा।"

Published: undefined

इससे पहले 'ड्यूटी पर मौत' की पूर्व परिभाषा के तहत, सरकार ने 74 सरकारी कर्मचारियों की ही पहचान की थी, जिनकी मृत्यु कोविड और गैर-कोविड कारणों से हुई थी। नियमों में कहा गया है कि मुआवजा तभी दिया जाएगा जब कर्मचारी की ड्यूटी पर या ड्यूटी के स्थान से यात्रा के दौरान मृत्यु हो जाए, जो एक या अधिकतम दो दिन में होता है। यह इस बात पर निर्भर करता है कि कर्मचारी कितनी दूर यात्रा करता है।

Published: undefined

हालांकि, विभिन्न कर्मचारी संघों ने इसका विरोध किया और दावा किया कि ड्यूटी के दौरान इससे अधिक कर्मचारियों ने कोविड के कारण दम तोड़ दिया था। इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुख्य सचिव और पंचायती राज अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे चुनाव आयोग से महामारी के प्रभाव को दर्शाने के लिए नियमों में संशोधन करने का अनुरोध करें।

Published: undefined

इसके बाद राज्य मंत्रिमंडल ने 31 मई को बदले हुए नियमों को मंजूरी दी, जिनके तहत चुनाव ड्यूटी की तारीख के 30 दिनों के भीतर कोविड से मौत होने पर अनुग्रह राशि दी जाएगी। जिन लोगों ने निगेटिव टेस्ट किया, लेकिन एक समय सीमा के भीतर कोविड की जटिलताओं के बाद उनकी मृत्यु हो गई, उन्हें भी मुआवजे के लिए उपयुक्त माना जाएगा। सरकार ने पॉजिटिव आरटी-पीसीआर या एंटीजन टेस्ट, रक्त रिपोर्ट या छाती के सीटी स्कैन को कोविड संक्रमण का सबूत माना है।

Published: undefined

कोविड पर सलाहकार बोर्ड को समीक्षा के लिए भेजे गए मामलों को लेकर मनीष सिंह ने कहा कि आरटी-पीसीआर या एंटीजन रिपोर्ट गायब थे, लेकिन डॉक्टर के पर्चे, उच्च सीआरपी रेट दिखाने वाले ब्लड टेस्ट और इलाज के सबूत को कोविड के संभावित मामले के रूप में संलग्न किया गया था।

Published: undefined

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia

Published: undefined