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पंजाब चुनाव के लिए 22 किसान संघों ने बनाया मोर्चा, संयुक्त किसान मोर्चा ने किया किनारा, मंच के उपयोग की इजाजत नहीं

इस ऐलान के बाद संयुक्त किसान मोर्चा ने एक स्पष्टीकरण जारी किया कि पंजाब के कुछ किसान संगठनों द्वारा विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए 'संयुक्त समाज मोर्चा' बनाने की आज की घोषणा से उनका कोई लेना-देना नहीं है।

फोटोः ANI
फोटोः ANI 

केंद्र के तीन विवादित कृषि कानूनों के विरोध में संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) का हिस्सा रहे किसानों के 22 संगठनों ने शनिवार को पंजाब में 2022 का विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए एक राजनीतिक मोर्चा 'संयुक्त समाज मोर्चा' बनाने की घोषणा की। पंजाब की सभी 117 सीटों पर चुनाव लड़ने के उद्देश्य से यह मोर्चा बनाया गया है।

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मोर्चा के मुख्यमंत्री का चेहरा बलबीर सिंह राजेवाल ने स्पष्ट किया है कि अभी तक किसी भी राजनीतिक दल के साथ कोई गठबंधन नहीं है, यहां तक कि आम आदमी पार्टी (आप) के साथ भी किसी गठबंधन को लेकर बात नहीं हुई है। लेकिन साथ ही उन्होंने भविष्य की किसी भी संभावना से इनकार नहीं किया। राजेवाल ने मीडिया से कहा कि वे जनता की मांग पर ऐसा कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "कुछ यूनियन इसके खिलाफ हैं, लेकिन वे विरोध नहीं करेंगी।"

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हालांकि इस ऐलान के बाद संयुक्त किसान मोर्चा ने एक स्पष्टीकरण जारी किया कि पंजाब के कुछ किसान संगठनों द्वारा विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए 'संयुक्त समाज मोर्चा' बनाने की आज की घोषणा से उनका कोई लेना-देना नहीं है। मोर्चा ने कहा कि किसी भी राजनीतिक दल को अपने बैनर/मंच का उपयोग करने की अनुमति नहीं देने की अपनी नीति पर कायम है। एसकेएम ने कहा कि 15 जनवरी को होने वाली मोर्चा की बैठक में यह तय होगा कि चुनाव में भाग लेने वाले किसान संगठन और नेता एसकेएम के भीतर रह सकते हैं या नहीं।

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संयुक्त किसान मोर्चा का हिस्सा रही राज्य से संबंधित दस अन्य यूनियनों ने राजनीतिक मोर्चे का हिस्सा बनने से इनकार कर दिया है। इनमें क्रांतिकारी किसान यूनियन (दर्शन पाल), बीकेयू क्रांतिकारी (सुरजीत फूल) और बीकेयू सिद्धूपुर (जगजीत दल्लेवाल) शामिल थे। मोर्चे की घोषणा पर प्रतिक्रिया देते हुए किसान नेता दर्शन पाल ने कहा, "किसानों की अधिकांश मांगों जैसे एमएसपी को अभी स्वीकार नहीं किया गया है। राजनीतिक मोर्चा शुरू करने से किसानों का आंदोलन कमजोर हो सकता है।"

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उन्होंने कहा कि एसकेएम का गठन बड़े उद्देश्य के लिए किया गया था और उन्होंने सुझाव दिया है कि किसान नेताओं को राजनीति में प्रवेश करके किसानों के साथ अन्याय नहीं करना चाहिए।
दर्शन पाल ने कहा, "हर यूनियन को अपने फैसले लेने का अधिकार है। हमने देश भर के किसानों का विश्वास अर्जित किया है और हम राजनीति में नहीं आएंगे।"

बता दें कि इस महीने की शुरुआत में, बीकेयू (हरियाणा) के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने अपने राजनीतिक संगठन संयुक्त संघर्ष पार्टी की घोषणा करते हुए कहा था कि पार्टी आगामी पंजाब चुनाव लड़ेगी।

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