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मानसून सत्र में 24 नए बिल हो सकते हैं पेश, विपक्ष ने कड़े किए तेवर, इन मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी

विपक्ष ने अपने तेवरों से साफ कर दिया है कि संसद के मानसून सत्र में महंगाई, बेरोजगारी, अर्थव्यवस्था, सीमा पर चीनी घुसपैठ से लेकर सेना की नई भर्ती स्कीम अग्निपथ के खिलाफ सरकार पर तगड़े प्रहार में वह कोई कसर नहीं छोड़ेगा।

फोटो: Getty Images
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संसद का मानसून सत्र 18 जुलाई से शुरू हो रहा है। सत्र 18 जुलाई को आरंभ होकर 12 अगस्त तक चलेगा। इसमें कुल 26 दिनों की अवधि में 18 बैठकें होंगी। सरकार संसद के मानसून सत्र में 24 बिल पेश कर सकती है।

सरकार देश में आवाज दबाने की कोशिश कर रही है

संसद के आगामी मानसून सत्र में 24 नए बिल पेश किए जाएंगे, जिसमें प्रेस एंड रजिस्ट्रेशन ऑफ पीरियोडिकल्स बिल, 2022 शामिल हैं। जिसमें प्रेस एंड रजिस्ट्रेशन ऑफ पीरियोडिकल्स बिल, 2022 शामिल हैं। यह विधेयक मध्यम व छोटे प्रकाशकों के दृष्टिकोण से मौजूदा अधिनियम की प्रक्रियाओं को सरल बनाएगा और प्रेस की स्वतंत्रता के मूल्यों को बनाए रखते हुए मौजूदा अधिनियम के गैर-अपराधीकरण द्वारा प्रेस और पुस्तकों के पंजीकरण (पीआरबी) अधिनियम, 1867 को प्रतिस्थापित करने का प्रयास करेगा।

विधेयक का कड़ा विरोध हो सकता है, क्योंकि कहा जाता है कि यह विधेयक छोटे प्रकाशकों और डिजिटल मीडिया को नियंत्रित करने के लिए लाया जा रहा है। विपक्ष पहले ही आरोप लगा चुका है कि सरकार देश में आवाज दबाने की कोशिश कर रही है।

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ये बिल पेश किए जा सकते हैं

  • प्रेस एंड रजिस्ट्रेशन ऑफ पीरियोडिकल्स बिल

  • भारतीय अंटार्कटिक विधेयक, 2022

  • बाल विवाह निषेध (संशोधन) विधेयक, 2021

  • डीएनए टेक्नोलॉजी विनियमन विधेयक, 2019

  • समुद्री समुद्री डकैती रोधी विधेयक, 2019

  • माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण और कल्याण (संशोधन) विधेयक, 2019

  • राष्ट्रीय डोपिंग रोधी विधेयक, 2021

  • वन्यजीव (संरक्षण) संशोधन विधेयक, 2021

  • जैविक विविधता (संशोधन) विधेयक, 2021

  • व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक, 2019

  • लोकसभा की ओर से पारित अंतर-राज्यीय नदी जल विवाद (संशोधन) विधेयक, 2019

  • संविधान (अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति) आदेश (दूसरा संशोधन) विधेयक, 2022

  • सामूहिक विनाश के हथियार और उनकी वितरण प्रणाली (गैरकानूनी गतिविधियों का निषेध) संशोधन विधेयक, 2022

  • संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (संशोधन) विधेयक, 2019

  • मध्यस्थता विधेयक, 2021

  • सिनेमैटोग्राफ (संशोधन) विधेयक, 2019

  • अनिवासी भारतीय विवाह का रजिस्ट्रेशन विधेयक, 2019

  • संविधान (एक सौ पच्चीसवां संशोधन) विधेयक, 2019

  • कीटनाशक प्रबंधन विधेयक, 2020

  • अनुपूरक अनुदान मांग (सामान्य) और संबंधित विनियोग विधेयक

  • ऊर्जा संरक्षण (संशोधन) विधेयक

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सरकार को झेलने पड़ेंगे विपक्ष के तल्ख तेवर

विपक्ष खासकर कांग्रेस के तेवरों से साफ है कि संसद का यह सत्र बेहद गर्म रहने वाला है। ईडी का दुरुपयोग, परेशान करने के लिए जाच एजेंसी का इस्तेमाल, महंगाई, बेरोजगारी, अग्निवीर योजना और अन्य अहम मुद्दों को लेकर सरकार को घेर सकती है। इसके अलावा अर्थव्यवस्था, सीमा पर चीनी घुसपैठ से लेकर सेना की नई भर्ती स्कीम अग्निपथ के खिलाफ सरकार पर तगड़े प्रहार में वह कोई कसर नहीं छोड़ेगा।

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सरकार को देने होंगे इन मुद्दों पर जवाब

  • ईडी का दुरुपयोग

  • परेशान करने के लिए जांच एजेंसी का इस्तेमाल

  • महंगाई

  • बेरोजगारी

  • अग्निवीर योजना

  • अर्थव्यवस्था

  • सीमा पर चीनी घुसपैठ

  • रुपयों की गिरती कीमत

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मानसून सत्र से पहले ही बवाल!

दूसरी ओर संसद सत्र से पहले लोकसभा सचिवालय की ओर से ऐसे शब्दों ऐसी सूची जारी की गई है, जिसका सदन में इस्तेमाल अंससदीय माना गया है। वहीं लोकसभा सचिवालय के अन्य एडवाइजरी में संसद में धरना, प्रदर्शन, पोस्टर, पर्चे और तख्तियां दिखाने पर रोक लगा दी गई है। इन दोनों सर्कलूर पर सत्र से पहले ही बवाल मच चुकी है।

राज्यसभा के महासचिव पीसी मोदी के आदेश में कहा गया था, "सदस्य किसी भी प्रदर्शन, धरना, हड़ताल, उपवास या किसी धार्मिक समारोह को करने के उद्देश्य से संसद भवन के परिसर का उपयोग नहीं कर सकते हैं।" उन्होंने सदस्यों से सहयोग की अपील की है। । इससे इससे पहले लोकसभा सचिवालय की तरफ से एक लिस्ट जारी किया गया था जिसमें कई शब्दों को असंसदीय शब्द बताकर उनपर पाबंदी लगा दी गई है, इन शब्दों को माननीय संसद के अंदर नहीं बोल पाएंगे।

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गौरतलब है कि मानसून सत्र के दौरान जहां सरकार अपनी नीतियों को धार देने की कोशिश करेगी... वहीं विपक्ष सरकार पर हमले का कोई भी मौका नहीं छोड़ेगा।

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