
महाराष्ट्र में कई सालों से डबल इंजन की सरकार है, इसके बावजूद यहां किसान आत्महत्या करने को मजबूर हैं। देश की मीडिया भी ऐसे मुद्दों को कम ही उठाती है। ज्यादातर चैनल और अखबारों में हिंदू–मुस्लिम, जाति–धर्म और भारत–पाकिस्तान जैसे मुद्दे ही सुर्खियां बनी रहती है। हाल ही में महाराष्ट्र सरकार ने किसानों से संबंधित एक डेटा जारी किया है। जिसने पूरे देश को हैरान कर दिया। महाराष्ट्र सरकार के दिए गए डाटा के अनुसार जनवरी 2025 से मार्च द्वारा 2025 के बीच सिर्फ तीन महीने में 767 किसानों ने आत्महत्या कर ली। ज्यादा सुसाइड करने वाले किसान विदर्भ क्षेत्र से हैं।
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राहुल गांधी ने इस मुद्दे को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि ये सिस्टम किसानों को मार रहा है, लेकिन पीएम मोदी चुपचाप हैं और अपने ही पीआर का तमाशा देख रहे हैं। कांग्रेस नेता ने किसानों के मुद्दे पर सरकार की चुप्पी पर भी सवाल उठाए।
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "सोचिए.. सिर्फ 3 महीनों में महाराष्ट्र में 767 किसानों ने आत्महत्या कर ली। क्या ये सिर्फ एक आंकड़ा है? नहीं। ये 767 उजड़े हुए घर हैं। 767 परिवार जो कभी नहीं संभल पाएंगे। और सरकार? चुप है। बेरुख़ी से देख रही है।"
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राहुल गांधी ने कहा, "किसान हर दिन कर्ज़ में और गहराई तक डूब रहा है - बीज महंगे हैं, खाद महंगी है, डीज़ल महंगा है.. लेकिन एमएसपी की कोई गारंटी नहीं। जब वो कर्ज़ माफ़ी की मांग करते हैं, तो उन्हें नजरअंदाज़ कर दिया जाता है।
लेकिन जिनके पास करोड़ों हैं? उनके लोन मोदी सरकार आराम से माफ कर देती है। आज की ही खबर देख लीजिए - अनिल अंबानी का ₹48,000 करोड़ का एसबीआई “फ्रॉड”।"
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उन्होंने आगे कहा, "मोदी जी ने कहा था, किसान की आमदनी दोगुनी करेंगे - आज हाल ये है कि अन्नदाता की ज़िंदगी ही आधी हो रही है। ये सिस्टम किसानों को मार रहा है - चुपचाप, लेकिन लगातार और मोदी जी अपने ही पीआर का तमाशा देख रहे हैं।"
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गौर करने वाली बात यह है कि महाराष्ट्र में किसानों की आत्महत्या का सिलसिला खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार 2024 में महाराष्ट्र में लगभग 2635 किसानों ने आत्महत्या की थी। वही 2023 में लगभग 2851 किसानों ने आत्महत्या की थी।
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