हालात

BJP जब से सत्ता में आई, तब से लोगों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा- अखिलेश यादव

अखिलेश ने कहा कि चुनाव खत्म होते ही खाद्य सामग्री लोगों की पहुंच से बाहर होने लगी है। अरहर दाल 30 रुपए महंगी हो गई। बेसन, चीनी, रसोई गैस के भी दाम बढ़ गए। किसान को फसल की लागत नहीं मिल रही है जबकि खाद, बीज, कीटनाशक आदि के दाम बढ़ रहे हैं। अब लोग क्या करें?

अखिलेश यादव ने आज कहा कि BJP जब से सत्ता में आई, तब से लोगों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है
अखिलेश यादव ने आज कहा कि BJP जब से सत्ता में आई, तब से लोगों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है फोटोः सोशल मीडिया

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि बीजेपी जब से सत्ता में आई है तब से लोगों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। समाज का हर वर्ग परेशान है। किसान और गरीब सभी महंगाई की मार झेल रहे हैं। परेशान जनता अब बीजेपी को सत्ता से बाहर करने का इंतजाम कर रही है।

Published: undefined

समाजवादी पार्टी मुखिया अखिलेश यादव ने शुक्रवार को अपने जारी बयान में कहा कि बीजेपी की केंद्र और राज्य की डबल इंजन सरकारें जनता को सिर्फ झूठे आश्वासन दे रही हैं। जनता अब समझ चुकी है और वह बीजेपी के बहकावे में आने वाली नहीं है। परेशान जनता अब बस चंद महीनों के बाद ही होने वाले 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को सत्ता से बाहर करने का इंतजाम कर रही है।

Published: undefined

उन्होंने आगे कहा कि जैसे ही चुनाव समाप्त हुए खाद्य सामग्री लोगों की पहुंच से बाहर होने लगी है। अरहर की दाल 30 रुपए महंगी हो गई। बेसन, चीनी, रसोई गैस के भी दाम बढ़ गए। किसान को फसल की लागत भी नहीं मिल रही है जबकि खाद, बीज, कीटनाशक आदि के दाम बढ़ रहे हैं। अब लोग क्या करें? कैसे अपनी जिंदगी चलाएं?

Published: undefined

अखिलेश यादव ने कहा कि किसान की तो बहुत ही बुरी दुर्दशा है। खेती-किसानी अब मुनाफे का धंधा नहीं रह गयी है। किसान हमेशा घाटे में रहते हैं। बीजेपी सरकार एमएसपी का बहाना क्यों करती है? जबकि किसानों को उसकी फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) कभी नहीं मिला है। गेहूं, धान के क्रय केंद्रों पर किसान की फसल की खरीद में तमाम अड़चने लगाई जाती हैं। घटतौली, समय से भुगतान न होने की शिकायतें आम हैं।

Published: undefined

एसपी प्रमुख ने कहा कि क्रय केंद्रों की अव्यवस्था के चलते निराश किसान अपनी फसल को बिचौलियों के हाथ औने-पौने दाम पर बेचने को मजबूर हो जाता है। बीजेपी सरकार द्वारा इस बार लक्ष्य से भी कम गेहूं की खरीद की गई है। किसान को अनावृष्टि, ओले से क्षति की मार भी झेलनी पड़ती है। खेत, खलिहानों में अग्निकांड की भी घटनाएं होती हैं। किसान की इस तबाही में राहत के नाम पर बीजेपी सरकार सिर्फ फरेब करती है।

Published: undefined

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia

Published: undefined