
उत्तर प्रदेश की रामपुर कोर्ट ने समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम को दो पासपोर्ट और पैन कार्ड से जुड़े फर्जीवाड़े के मामले में दोषी ठहराते हुए 7 साल की सजा सुनाई है। इसके साथ ही उन पर 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया।
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यह पूरा विवाद साल 2019 में शुरू हुआ था, जब बीजेपी विधायक आकाश सक्सेना ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई थी। आरोप था कि अब्दुल्ला आजम ने
धोखाधड़ी (IPC 420)
फर्जी दस्तावेज तैयार करने (IPC 467, 468)
फर्जी पहचान पत्र इस्तेमाल करने (IPC 471)
जैसी गंभीर धाराओं के तहत अपराध किया है।
शिकायत में कहा गया कि उन्होंने अपने नाम पर वैध दस्तावेज भी बनाए और एक अलग पहचान बनाकर दूसरे नाम से फर्जी पासपोर्ट और पैन कार्ड भी तैयार कराया। यह भी आरोप था कि नकली पहचान का इस्तेमाल बैंकिंग, मतदान और अन्य संवेदनशील कामों के लिए किया जा सकता था।
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अब्दुल्ला आजम आज अदालत में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश हुए। पूरी सुनवाई और सबूतों पर विचार करने के बाद कोर्ट ने उन्हें दोषी मानते हुए कहा कि फर्जी पहचान और दस्तावेज केवल कानून का मजाक नहीं उड़ाते, बल्कि ये समाज, सुरक्षा और पूरे तंत्र के लिए गंभीर खतरा बन सकते हैं। इसके बाद अदालत ने अधिकतम सजा सुनाते हुए 7 साल की कैद और जुर्माना तय किया।
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अब्दुल्ला आजम अभी रामपुर जिला जेल में पहले से ही एक पैन कार्ड से जुड़े मामले में सजा काट रहे हैं। ऐसे में इस नए फैसले ने उनकी कानूनी चुनौतियों को और कठिन बना दिया है।
उनके पिता और सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान भी इस समय जेल में बंद हैं, जिससे परिवार के राजनीतिक और कानूनी संकट और गंभीर हो गए हैं।
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राजनीतिक हलचल तेज
इस फैसले के बाद सियासी हलचल बढ़ना तय माना जा रहा है। माना जा रहा है कि बचाव पक्ष ऊपरी अदालत में अपील कर सकता है, लेकिन फिलहाल स्थानीय अदालत का यह फैसला उनके लिए बड़ा झटका है।
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