संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने अडानी मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा और व्यापारिक समूह पर लगे आरोपों की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच कराने की विपक्ष की मांग के समर्थन में प्रदर्शन करने की धमकी दी।
किसानों के कई संगठनों के संयुक्त संगठन एसकेएम ने एक बयान जारी कर कहा कि उत्तर प्रदेश में बिजली क्षेत्र का निजीकरण करने के प्रस्ताव के खिलाफ चार दिसंबर को प्रदर्शन किया जाएगा।
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एसकेएम ने केंद्र की एनडीए सरकार पर उद्योगपति गौतम अडानी को बचाने का आरोप लगाया। अमेरिका की एक अदालत में अडानी और उनके समूह पर रिश्वतखोरी का आरोप लगाया है।
एसकेएम ने कहा, ‘‘अमेरिका में अदाणी समूह के खिलाफ दर्ज किया गया मामला एसकेएम की इस मांग का पूरी तरह समर्थन करता है कि बिजली क्षेत्र का निजीकरण नहीं किया जाना चाहिए और प्रीपेड स्मार्ट मीटर लागू करने से लोगों का भारी शोषण होगा।’’ं
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बयान में कहा गया, ‘‘एनडीए सरकार ने 9 दिसंबर, 2021 को एसकेएम के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे और एसकेएम से परामर्श किए बिना बिजली संशोधन विधेयक 2020 पर कोई भी फैसला न लिए जाने का आश्वासन दिया था। प्रधानमंत्री ने इसका उल्लंघन किया और बिजली क्षेत्र का व्यावसायीकरण करने के लिए अपने कॉरपोरेट मित्रों के साथ सहमति जताई, जिससे उत्पादन और सेवा दोनों क्षेत्रों का विकास प्रभावित हुआ।’’
इसमें कहा गया, ‘‘यदि संसद में अडानी मुद्दे पर चर्चा नहीं की गई और व्यापारिक समूह पर लगे आरोपों की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच कराने की विपक्ष की मांग नहीं मानी गई तो एसकेएम इसके खिलाफ बड़े पैमाने पर प्रदर्शन करेगा।’’
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