हालात

गुजरात चुनाव जीतते ही पीएम मोदी ने दिए सख्त फैसलों के संकेत, आर्थिक हालत ठीक नहीं होने का दिया इशारा

एक तरह से पीएम मोदी ने इशारा दे दिया कि सरकार आने वाले दिनों में कई कड़े फैसले ले सकती है। जिसकी झलक अगले साल फरवरी में पेश होने वाले केंद्रीय बजट में दिख सकती है। इसमें करों में बढ़ोतरी से लेकर नौकरियों की कमी तक शामिल हो सकती है।

फोटोः @BJP4India
फोटोः @BJP4India 

पीएम मोदी ने गुजरात चुनाव में बीजेपी की जीत के तुरंत बाद ‘रेवड़ी’ कल्चर पर हमला बोलते हुए सख्त आर्थिक फैसलों के संकेत दिए हैं। उन्होंने ‘आमदनी अठन्नी, खर्चा रुपया’ कहावत से देश की सरकार की आर्थिक हालत ठीक नहीं होने का इशारा देते हुए कहा कि हमें अपने आसपास के देशों की हालत को देखते हुए याद रखना होगा कि चुनावी हथकंडों से किसी का भला नहीं हो सकता।

Published: undefined

गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद पीएम गुरुवार को दिल्ली में पार्टी मुख्यालय में बीजेपी कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने गुजरात की जीत पर कहा कि मैं लोगों के आगे नतमस्तक हूं। उन्होंने कहा कि बीजेपी अपने कार्यकर्ताओं की संगठन शक्ति पर भरोसा करके अपनी रणनीति बनाती है और सफल होती है।

Published: undefined

इसी दौरान चुनावों के दौरान किए जाने वाले लोकलुभावन वादों पर भी पीएम मोदी ने इशारों में हमला बोला। उन्होंने आम आदमी पार्टी और कांग्रेस पर निशाना साधते हुए रेवड़ी कल्चर पर कहा कि एक कहावत है कि ‘आमदनी अठन्नी, खर्चा रुपया’। अगर यही हिसाब रहेगा तो क्या हालत होगी। उन्होंने कहा कि हम अपने आस-पास के देशों में देख रहे हैं। इसलिए देश आज सतर्क है। देश के हर दल को यह याद रखना होगा कि चुनावी हथकंडों से किसी का भला नहीं हो सकता है।

Published: undefined

पीएम मोदी ‘मुफ्त वादों’ पर हमला करते हुए यहीं नहीं रुके और आगे कहा कि देश का मतदाता आज इतना जागरूक है कि वह अपना हित और अहित जानता है। उन्होंने कहा कि देश का मतदाता जानता है कि ऐसी शॉर्टकट की राजनीति का कितना बड़ा नुकसान देश को उठाना होगा।

एक तरह से पीएम मोदी ने गुजरात चुनाव जीतते ही इशारों-इशारों में सरकार की आर्थिक हालत ठीक नहीं होने के संकेत दे दिए हैं। और यह इस बात का भी इशारा है कि सरकार आने वाले दिनों में कई कड़े फैसले ले सकती है। जिसकी झलक अगले साल फरवरी में पेश होने वाले केंद्रीय बजट में दिख सकती है। इसमें करों में बढ़ोतरी से लेकर नौकरियों की कमी तक शामिल हो सकती हैं।

Published: undefined

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia

Published: undefined