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देश में बीजेपी ही असली टुकड़े-टुकड़े गैंग, सुखबीर बादल ने पंजाब को जलाने की साजिश का लगाया आरोप

पंजाब के पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि बीजेपी ने राष्ट्रीय एकता को टुकड़ों में तोड़ दिया है। पहले इसने बेशर्मी से मुसलमानों के खिलाफ हिंदुओं को उकसाया और अब सिख भाइयों और खासकर किसानों के खिलाफ शांतिप्रिय पंजाबी हिंदुओं को उकसाने में लगी है।

फोटोः सोशल मीडिया
फोटोः सोशल मीडिया 

मोदी सरकार के विवादित कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन के समर्थन में एनडीए गठबंधन से अलग होने वाले शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने बीजेपी पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने बीजेपी को देश का असली टुकड़े-टुकड़े गैंग बताया है। साथ ही उन्होंने बीजेपी और उसकी सरकार पर किसान आंदोलन के दौरान देश को तोड़ने का आरोप भी लगाया है।

Published: 15 Dec 2020, 6:30 PM IST

पंजाब के पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर सिंह बादल ने मंगलवार को कहा कि बीजेपी ने राष्ट्रीय एकता को टुकड़ों में तोड़ दिया है। इसने बेशर्मी से मुसलमानों के खिलाफ हिंदुओं को उकसाया और अब अपने सिख भाइयों और विशेष रूप से किसानों के खिलाफ शांतिप्रिय पंजाबी हिंदुओं को उकसाने में लगी है। वह देशभक्त पंजाब को सांप्रदायिकता की आग में धकेल रही है।

Published: 15 Dec 2020, 6:30 PM IST

लंबे समय तक बीजेपी के साथ रहे अकाली दल ने मोदी सरकार के कृषि कानूनों पर किसानों के गुस्से को देखते हुए विरोध में सरकार और बीजेपी से नाता तोड़ लिया है। किसान आंदोलन तेज होने पर मोदी सरकार में मंत्री रहीं सुखबीर बादल की पत्नी और अकाली नेता हरसिमरत कौर बादल ने किसानों के समर्थन में पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद सुखबीर बादल ने एनडीए से अलग होने का ऐलान कर दिया था। हाल ही में पंजाब के पूर्व सीएम और अकाली नेता प्रकाश सिंह बादल ने कृषि कानूनों के खिलाफ अपना पद्म विभूषण सम्मान लौटाने का ऐलान किया है।

Published: 15 Dec 2020, 6:30 PM IST

गौरतलब है कि कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब के किसानों ने ही नाराजगी जताते हुए आंदोलन की शुरुआत की थी। इसी के दबाव में अकाली दल लगातार पंजाब में क़षि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रही है। हालांकि, राज्य के सीएम और कांग्रेस नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह लगातार अकाली दल की नीयत पर सवाल उठा रहे हैं। अमरिंदर सिंह का कहना है कि विवादित कृषि कानून जब तैयार हुए थे, तब अकाली दल केंद्र सरकार में शामिल थी और इसके पास होने पर भी, तो आखिर तब ये विरोध क्यों नहीं किया गया।

Published: 15 Dec 2020, 6:30 PM IST

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Published: 15 Dec 2020, 6:30 PM IST