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इलाहाबाद के सांसद ने महाकुंभ में भगदड़ की जांच के लिए JPC की मांग उठाई, आंकड़े छिपाने का लगाया आरोप

उज्ज्वल रमण सिंह ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश सरकार ने पूरी व्यवस्था को राम भरोसे छोड़ दिया है। भगदड़ में कितने लोग मारे गए, यह नहीं बताया जा रहा है। कितने लोग लापता हैं यह नहीं बताया जा रहा है। सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार के दावे खोखले साबित हुए।

इलाहाबाद के सांसद ने महाकुंभ में भगदड़ की जांच के लिए JPC की मांग उठाई, आंकड़े छिपाने का लगाया आरोप
इलाहाबाद के सांसद ने महाकुंभ में भगदड़ की जांच के लिए JPC की मांग उठाई, आंकड़े छिपाने का लगाया आरोप फोटोः सोशल मीडिया

उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस सांसद उज्ज्वल रमण सिंह ने सोमवार को आरोप लगाया कि प्रयागराज महाकुंभ में भगदड़ के कारण मारे गए लोगों की वास्तविक संख्या छिपाई जा रही है और यह घटना सरकार की अव्यवस्था के कारण हुई। उन्होंने कहा कि भगदड़ की घटना की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) का गठन होना चाहिए।

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लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुए सांसद उज्ज्वल रमण सिंह ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश सरकार ने पूरी व्यवस्था को राम भरोसे छोड़ दिया है। उन्होंने कहा, ‘‘भगदड़ में कितने लोग मारे गए, यह नहीं बताया जा रहा है। कितने लोग लापता हैं यह नहीं बताया जा रहा है।’’ सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार के दावे खोखले साबित हुए।

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कांग्रेस सांसद ने कहा, ‘‘मैं जेपीसी की मांग करता हूं। सभी सांसद जाएं और देखे कि किस तरह की दुर्व्यवस्था है।’’ उन्होंने कहा कि बीजेपी को हर जगह साजिश नजर आती है, जबकि उसे अपनी कमियों को देखना चाहिए। उज्जवल रमण सिंह ने कहा, ‘‘केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार को देश से माफी मांगनी चाहिए।’’

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डीएमके सांसद कनिमोझि ने भी सदन में महाकुंभ की भगदड़ की घटना का उल्लेख किया और कहा कि उत्तर प्रदेश की बीजेपी सरकार ने लोगों की रक्षा नहीं की। उन्होंने कहा कि जब धर्म और राजनीति को एक साथ मिलाया जाता है तो लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है, यह भगदड़ इसी बात का एक उदाहरण है। डीएमके सांसद के अनुसार, उनकी पार्टी जाति जनगणना का समर्थन करती है, लेकिन जनसंख्या के आधार पर परिसीमन के पक्ष में नहीं है।

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