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अमरनाथ यात्रा: बम-बम भोले की गूंज के साथ जम्मू से पहला जत्था रवाना, जानें कब होंगे बाबा बर्फानी के दर्शन

3 जुलाई से बाबा अमरनाथ यात्रा का शुभारंभ हो रहा है। पहला जत्था आज जम्मू के भगवती नगर से रवाना हुआ है। इस बार सुरक्षा के अभूतपूर्व इंतजाम किए गए हैं।

फोटो: IANS
फोटो: IANS  

बाबा अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई से शुरू हो रही है। बुधवार सुबह 5 बजे जम्मू के भगवती नगर से श्रद्धालुओं का पहला जत्था बम-बम भोले के जयकारों के साथ रवाना हुआ। इस पहले जत्थे को जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस जत्थे में 3500 से अधिक तीर्थयात्री शामिल हैं, जिनमें से अधिकांश बालटाल मार्ग से अमरनाथ गुफा के दर्शन करेंगे।

श्रद्धालुओं का उत्साह देखते ही बनता है, इस बार सुरक्षा बेहद कड़ी की गई है है। "ऑपरेशन सिंदूर" के बाद इस यात्रा को लेकर प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों ने चप्पे-चप्पे पर चौकसी बढ़ा दी है। लेकिन इसके बावजूद श्रद्धालुओं के जोश में कोई कमी नहीं है। इस साल यात्रा को लेकर भारी उत्साह देखा जा रहा है , अब तक 3.3 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराया है, जबकि 4000 से ज्यादा यात्रियों ने काउंटर से टोकन हासिल किए हैं।

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पहला जत्था 3 जुलाई की शाम तक 14,500 फुट की ऊंचाई पर विराजित बाबा अमरनाथ के दर्शन करेगा। ट्रांजिट कैंप पहुंच रहे इन श्रद्धालुओं की एक ही ख्वाहिश है कि बस पहले से पहले बाबा बर्फानी के दर्शन कर सकें।

इस बार की यात्रा में सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए गए हैं। पहलगाम में हुए आतंकी हमले और "ऑपरेशन सिंदूर" के बाद पूरे रूट पर सुरक्षा बलों की तैनाती और सख्ती बढ़ा दी गई है। जम्मू-कश्मीर पुलिस, सीआरपीएफ, एसएसबी और आईटीबीपी के जवान हर मोर्चे पर तैनात हैं। इस बार पैरा मिलिट्री फोर्स की 581 कंपनियां सुरक्षा में लगी हैं, जबकि पिछले साल यह संख्या 514 थी। सिर्फ सीआरपीएफ की ही 221 कंपनियां तैनात की गई हैं, बाकी 360 कंपनियां अन्य बलों की हैं। बालटाल और पहलगाम के रास्तों की निगरानी का जिम्मा सीआरपीएफ के पास है, जबकि अमरनाथ गुफा की सुरक्षा ITBP के हवाले है।

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श्रद्धालुओं को अब हाईटेक सिक्योरिटी जांच से होकर गुजरना होगा। हर यात्री को ट्रांजिट कैंप से आगे जाने से पहले सुरक्षा की कई परतों से गुजरना होगा। यात्रा मार्ग पर हाई-टेक कैमरे, फेस रिकॉग्निशन सिस्टम, ड्रोन, स्नाइपर डॉग्स और बम स्क्वॉड तैनात किए गए हैं। इसके अलावा कई जगहों पर स्कैनिंग उपकरण भी लगाए गए हैं, ताकि सुरक्षा में कोई चूक न हो।

इस बार रोजाना 15,000 श्रद्धालुओं को पहलगाम और बालटाल दोनों रास्तों से यात्रा की अनुमति दी गई है। अब तक करीब सवा तीन लाख यात्री पंजीकरण करवा चुके हैं और ऑन-स्पॉट रजिस्ट्रेशन की सुविधा भी दी जा रही है।

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