हालात

आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई पर पाकिस्तान का एक और झूठ बेनकाब, आतंकी हाफिज़ के संगठन पर नहीं लगाया बैन

पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान लागातार आतंकी संगठनों पर बैन लगाने की बात कर रहा था, लेकिन इस बीच पाक के एक और नापाक झूठ का पर्दाफाश हुआ है। पाकिस्तान ने जमात-उद-दावा फलाह-ए- इसानियत पर बैन नहीं लगाया है।

फोटो: सोशल मीडिया 
फोटो: सोशल मीडिया  

आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ने का फर्जी आश्वासन देने वाले पाकिस्तान का एक और झूठ से पर्दाफाश हुआ है। पुलवामा में आतंकी हमले के बाद अंतर्राष्ट्रीय दबाव के आगे पाकिस्तान ने मोस्ट वांटेड आतंकी हाफिज सईद के संगठन जमात-उद-दावा और फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन पर बैन लगाया था है। ऐसी खबर आई थी लेकिन यह खबर अब झूठी निकली है। खबरों के मुताबिक, पाकिस्तान ने मोस्ट वांटेड आतंकी हाफिज सईद के संगठन जमात-उद-दावा और फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन पर कोई बैन नहीं लगाया है।

इसका खुलासा पाकिस्तान के नेशनल काउंटर टेररिज्म अथॉरिटी के आंकड़ों से हुआ है। पाकिस्तान सरकार के इस वेबसाइट में कई आतंकी संगठनों पर कार्रवाई की गई है और इनमें से कुछ पर बैन भी लगाया गया है। लेकिन पाकिस्तान सरकार ने हाफिज सईद का जमात-उद-दावा और फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन पर कोई बैन नहीं लगाया है। लिस्ट के अनुसार इन पर बैन नहीं बल्कि निगरानी रखने की बात कही गई है।

Published: undefined

इसे लिंक के माध्यम से पाकिस्तान का झूठ का खुलासा हो रहा है। बता दें कि हाफिज सईद ही मुंबई में हुई 26/11 आतंकी हमले का जिम्मेदार है। इसके अलावा भी उसने कई आतंकी हमले हिंदुस्तान में करवाए। इतना ही नहीं हाफिज को ग्लोबल आतंकी भी घोषित किया जा चुका है। लेकिन इसके बावजूद पाकिस्तान सरकार की नजर में हाफिज सईद का जमात-उद-दावा और फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन पाक साफ है और उस पर बैन नहीं लगा है।

बता दें कि 14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आंतकी हमले में 49 से जवान शहीद हो गए थे। इस घटना के पाकिस्तान के गृह मंत्रालय के प्रवक्ता की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया था कि प्रधानमंत्री इमरान खान की अध्यक्षता में हुई राष्ट्रीय सुरक्षा कमेटी (एनएससी) की बैठक में जेयूडी और उसके संगठन पर पाबंदी लगाने का फैसला किया गया है। लेकिन सच्चाई यह है कि पाकिस्तान एक बार फिर से आंतकवाद के नाम पर धूल झोंकेने की कोशिश है।

Published: undefined

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia

Published: undefined