लोकसभा चुनाव पास है। इसके साथ ही जांच एजेंसियों की कार्रवाई में भी जोरदार तेजी देखी जा रही है। दिल्ली से लेकर बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल में पूछताछ का दौर जारी है। इसी बीच बुधवार को झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को कथित जमीन घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने गिरफ्तार कर लिया। उनकी गिरफ्तारी के बाद विपक्षी दलों ने केंद्र की बीजेपी सरकार पर जोरदार हमला बोला है। साथ ही राहुल गांधी से लेकर लालू यादव और अरविंद केजरीवाल तक सभी हेमंत सोरेन के पक्ष से खड़े दिख रहे हैं। इनका कहना है कि बीजेपी विपक्षी नेताओं को फर्जी मामलों में फंसा कर परेशान कर रही है।
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राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के अध्यक्ष लालू यादव ने भी इस मामले को लेकर बीजेपी पर निशाना साधा है। लालू यादव ने गुरुवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स के जरिए बीजेपी पर हेमंत सोरेन को प्रताड़ित करने के आरोप लगाए हैं। उन्होंने लिखा, “झारखंड की लोकप्रिय सरकार के जनप्रिय आदिवासी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को केंद्र की तानाशाह सरकार प्रताड़ित कर रही है। बीजेपी के यह घिनौने हथकंडे अल्प समय के लिए परेशान तो कर सकते हैं पर पिछड़े, दलित, आदिवासी, अल्पसंख्यक और हाशियों पर रहने वाले समूहों के संकल्प और महत्वाकांक्षाओं को पराजित नहीं कर सकते। बीजेपी का डर जग-ज़ाहिर है और जनता भी यह बात अब समझ चुकी है। हम मजबूती से हेमंत के साथ हैं।“
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समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी झारखंड मामले को लेकर बीजेपी पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि झारखंड में बीजेपी का आदिवासी विरोधी चेहरा सामने आ रहा है।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गुरुवार को सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा कि झारखंड के साहसी योद्धा हेमंत सोरेन बीजेपी के आदिवासियों और आदिवासी क्षेत्रों की रक्षा के लिए सदैव वचनबद्ध रहे हैं और भाजपाई भ्रष्ट राजनीतिज्ञों व पूंजीपतियों के सामने इसलिए दीवार बनकर खड़े रहे, जिससे झारखंड को शोषण से बचाया जा सके। इसीलिए उनके साथ ऐसा बुरा व्यवहार किया जा रहा है। ये झारखंड के जनमत का अपमान है। इसीलिए हर एक झारखंड निवासी इस बार बीजेपी के ख़िलाफ़ वोट डालेगा और बीजेपी को ऐतिहासिक पराजय का सामना करना पड़ेगा।
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अखिलेश यादव ने कहा, दरअसल बीजेपी महंगाई, बेरोज़गारी और भ्रष्टाचार के बड़े मुद्दों के सामने अपने को बुरी तरह से हारा हुआ मान रही है, तभी तो वो कहीं सरकारें गिरा कर, कहीं चयनित मुख्यमंत्री को गिरफ़्तार कर और कहीं मतपत्रों में जालसाज़ी कर अपनी सत्ता बचाए रखना चाहती है।
उन्होंने आगे लिखा कि बीजेपी नैतिक रूप से 2024 का चुनाव पहले ही हार चुकी है अब तो बस उसकी राजनीतिक हार होने की घोषणा होना बाक़ी है। बीजेपी की ऐसी अलोकतांत्रिक हरकतें देखकर उनको वोट देनेवाले भी इस बार पहले से पीछे हट गए हैं।
सपा मुखिया ने आगे कहा कि हम लगातार जिस पीडीए की बात कर रहे हैं उसमें आदिवासी समाज भी पिछड़ों, दलितों, अल्पसंख्यकों व आधी आबादी मतलब महिलाओं व अगड़ों में पीड़ित-दुखी लोगों सहित शामिल है। बीजेपी पीडीए विरोधी है। पीडीए कुल मिलाकर हमारे देश की 90 फीसदी जनसंख्या की एकता का नाम है, बीजेपी इसी एकता से डरी है और छापे-गिरफ़्तारी का डर दिखाकर हमें बांटना चाहती है।
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इससे पहले बुधवार को तेजस्वी ने भी केंद्र सरकार पर जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए कहा कि अहंकार से चूर बीजेपी की हेकड़ी अब जनता तोड़ेगी। आरजेडी के नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने बुधवार की देर रात अपने एक्स हैंडल पर लिखा कि बिहार, चंडीगढ़ और अब झारखंड। बीजेपी ने एक ही हफ्ते में लोकतंत्र और संघवाद को तार-तार कर दिया।
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उन्होंने आगे लिखा कि चुनाव में हार के डर से जांच एजेंसियों की निष्पक्षता खत्म कर एजेंसियों को बीजेपी का प्रकोष्ठ बनाकर, केंद्र सरकार क्या-क्या कर रही है अब यह बात किसी से छुपी नहीं है। यादव ने कहा कि अहंकार से चूर बीजेपी की हेकड़ी अब जनता तोड़ेगी। आरजेडी हेमंत सोरेन के साथ खड़ी है।
गौरतलब है कि बीजेपी के साथ जाने से पहले कई ऐसे नेता हैं जिनपर भ्रष्टाचार के आरोप लगे। जांच एजेंसियों ने उनसे पूछताछ भी की, लेकिन पाला बदलते ही उनपर कार्रवाई रोक दी गई। अजित पवार से लेकर असम के मुख्यमंत्री तक इन पर बीजेपी ने भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। लेकिन जब ये नेता बीजेपी के साथ हो गए उसके बाद इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। और अब कोई मुख्यमंत्री है तो कोई उपमुख्यमंत्री।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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