पहलगाम हमले को अंजाम देने वाले तीन आतंकवादियों को भारतीय सेना ने मार गिराया है। इसका ऐलान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को लोकसभा में किया। बताया कि कैसे 'ऑपरेशन महादेव' ने आतंकियों को उनके अंजाम तक पहुंचाया। सदन में शाह ने बताया कि सेना, सीआरपीएफ और जम्मू कश्मीर पुलिस ने 'ऑपरेशन महादेव' के जरिए तीन आतंकवादियों को मारा है, जिनमें सुलेमान उर्फ फैजल, अफगान और जिबरान शामिल हैं।
गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में बताया कि सुलेमान लश्कर-ए-तैयबा का कमांडर था, जो गगनगीर आतंकी हमले में शामिल था। इसके सारे सबूत एजेंसियों के पास हैं। आतंकी अफगान और जिबरान, लश्कर के 'ए' श्रेणी के आतंकी थे। अमित शाह ने स्पष्ट तौर पर कहा कि तीनों आतंकवादी बैसरन घाटी हमले में शामिल थे।
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अमित शाह ने कहा कि पहलगाम हमले के बाद 23 अप्रैल को एक सुरक्षा मीटिंग की गई। सबसे पहले फैसला लिया गया कि आतंकी देश छोड़कर पाकिस्तान भाग न पाएं। इसकी पूरी पुख्ता व्यवस्था की और आतंकियों को भागने नहीं दिया।
गृह मंत्री ने बताया कि 22 मई को आईबी के पास सूचना आई थी। डाचीगाम क्षेत्र में आतंकियों की मौजूदगी की जानकारी मिली थी। सेना और आईबी ने सिग्नल कैप्चर करके 22 आतंकवादियों के बारे में जानकारी पुख्ता की। 22 जुलाई को सेंसर के जरिए आतंकियों के मौजूद होने की पुष्टि हुई। सेना के 4 पैरा के जवान, सीआरपीएफ और जम्मू कश्मीर पुलिस के जवान एक साथ आतंकियों को घेरने का काम किया। सोमवार को ऑपरेशन हुआ, उसमें पहलगाम हमले के तीनों आतंकवादी मौत के घाट उतार दिए गए।
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अमित शाह ने लोकसभा में जानकारी दी है कि पहलगाम हमले के दौरान मिले कारतूस के खोखे और आतंकवादियों की राइफल के खोखे का मिलान हुआ है। आतंकवादियों के पास से एक एम-9 अमेरिकन और दो एके-47 राइफल बरामद की गई थीं। गृह मंत्री ने लोकसभा में जानकारी दी कि चंडीगढ़ एफएसएल की रिपोर्ट में कारतूस के मिलान हुए हैं। 6 वैज्ञानिकों ने क्रॉस चेक किया है। वैज्ञानिकों ने पुष्टि की है कि यह वही गोलियां हैं जो पहलगाम में चलाई गई थीं।
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