आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के जंतर-मंतर से बीजेपी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने आरएसएस चीफ से पांच सवाल पूछे। केजरीवाल ने कहा, "RSS वाले कहते हैं कि हम राष्ट्रवादी और देशभक्त हैं। पूरे सम्मान के साथ मैं मोहन भागवत जी से पांच सवाल पूछना चाहता हूं- 1. जिस तरह से मोदी जी पार्टियों को तोड़ रहे हैं और देशभर में सरकारों को लालच देकर या ED और CBI की धमकी देकर गिरा रहे हैं, क्या यह सही है?, 2. मोदी जी ने अपनी पार्टी में सबसे भ्रष्ट नेताओं को शामिल किया है, जिन्हें वे खुद भ्रष्ट कहते हैं, क्या आप ऐसी राजनीति से सहमत हैं?, 3. बीजेपी RSS की कोख से पैदा हुई है, बीजेपी को गुमराह न होने देना RSS की जिम्मेदारी है, क्या आपने कभी मोदी जी को गलत काम करने से रोका है?, 4. लोकसभा चुनाव के दौरान जेपी नड्डा ने कहा था कि उन्हें RSS की जरूरत नहीं है। क्या बेटा इतना बड़ा हो गया है कि वह मां को ही आंखे दिखाने लगा है? बेटा मातृ संस्था के प्रति अपनी नाराजगी दिखा रहा है। क्या आपको दुख नहीं हुआ जब उसने ऐसा कहा?, 5. आप लोगों ने कानून बनाया था कि नेता 75 साल के बाद रिटायर हो जाएंगे। अमित शाह कह रहे हैं कि यह नियम मोदी जी पर लागू नहीं होगा। जो बात आडवाणी जी पर लागू होती है, वह मोदी जी पर क्यों नहीं लागू होगी?।"
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली विधानसभा का आने वाला चुनाव कोई मामूली चुनाव नहीं है, यह चुनाव अरविंद केजरीवाल की अग्नि परीक्षा है। उन्होंने दिल्ली की जनता को संबोधित करते हुए कहा कि यदि आपको लगता है कि अरविंद केजरीवाल ईमानदार है तो हमें वोट देना। यदि आपको लगता है कि केजरीवाल बेईमान है तो मुझे कतई वोट मत देना।
अरविंद केजरीवाल ने अपने ऊपर लग रहे आरोपों पर कहा, "नेताओं को ऐसे आरोपों से कोई फर्क नहीं पड़ता, लेकिन मैं नेता नहीं हूं, मुझे फर्क पड़ता है। मुझे जब ये बीजेपी वाले चोर, भ्रष्टाचारी कहते हैं, मुझे जब ये गाली देते हैं तो मुझे फर्क पड़ता है। आज मैं बहुत दुखी हूं। मेरी आत्मा पीड़ित है। मैं अंदर से बहुत दुखी हूं और इसलिए मैंने इस्तीफा दिया, मैंने अपनी जिंदगी में केवल इज्जत, केवल ईमानदारी कमाई है। मेरे पास कोई पैसा नहीं है। आज मेरे पास दिल्ली में रहने के लिए अपना एक घर तक नहीं है।"
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अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमारी सरकार के कामों को देखते हुए केंद्र सरकार को लगा कि यदि इनसे जीतना है तो इन्हें बदनाम कर दो। इसके लिए षड्यंत्र रचा गया कि अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और पूरी आम आदमी पार्टी को बेईमान साबित करो। इसके लिए हमें जेल में डाल दिया गया।
उन्होंने आगे कहा कि मैंने जेल से बाहर आने के बाद इस्तीफा दे दिया। आपके मन में यह चल रहा होगा कि जेल से बाहर आने के बाद मैंने इस्तीफा क्यों दिया। मैंने इस्तीफा इसलिए दिया क्योंकि मैं ये सब करने के लिए नहीं आया था। मैं भ्रष्टाचार करने के लिए नहीं आया था। मुझे सत्ता या सीएम की कुर्सी का लोभ नहीं है। मैं पैसे कमाने नहीं आया। हम देश के लिए आए थे, भारत माता के लिए आए थे, देश की राजनीति बदलने के लिए आए थे।
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अरविंद केजरीवाल ने रविवार को जंतर मंतर पर मंच से बोलते हुए अपना चुनाव चिन्ह 'झाड़ू' दिखाया। उन्होंने कहा कि यह झाड़ू केवल आम आदमी पार्टी का चुनाव चिन्ह नहीं है, बल्कि यह झाड़ू आस्था का प्रतीक है। जब एक आदमी वोट डालने जाता है और झाड़ू का बटन दबाता है तब अपनी अपनी आंख बंद करके पहले भगवान का नाम लेता है। झाड़ू का बटन दबाता है तो वह मन में यह सोचता है कि मैं ईमानदारी का बटन दबा रहा हूं। मतदाता चुनाव के समय झाड़ू का बटन दबाते समय यह सोचता है कि मैं एक ईमानदार सरकार बनाने के लिए बटन दबा रहा हूं।
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