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सोने के गहनों के उपभोक्ता ध्यान दें! बिक्री को लेकर आया नया नियम, खरीदते समय इस नियम को न करें नजरअंदाज

उपभोक्ता मामलों के विभाग की अतिरिक्त सचिव निधि खरे के मुताबिक, 31 मार्च, 2023 के बाद बिना एचयूआईडी के हॉलमार्क वाले सोने के गहनों और सोने की कलाकृतियों की बिक्री की इजाजत नहीं दी जाएगी।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया 

देश में सोने के व्यापार से जुड़े व्यापारियों ओर इसके उपभोक्ताओं के लिए एक जरूरी खबर है। केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने सोने की बिक्री को लेकर नए नियम के बारे में जानकारी दी है। मंत्रालय के मुताबिक, 1 अप्रैल से देश में बिना हॉलमार्क यूनिक आइडेंटिफिकेशन (HUID) नंबर के सोने के आभूषण और सोने की कलाकृतियों की बिक्री की इजाजत नहीं दी जाएगी।

उपभोक्ता मामलों के विभाग की अतिरिक्त सचिव निधि खरे के मुताबिक, उपभोक्ता हित को ध्यान में रख्ते हुए यह फैसला लिया गया है। फैसले के अनुसार, 31 मार्च, 2023 के बाद बिना एचयूआईडी के हॉलमार्क वाले सोने के गहनों और सोने की कलाकृतियों की बिक्री की इजाजत नहीं दी जाएगी। उन्होंने बताया कि पहले HUID चार अंकों का होता था। अब तक बाजार में दोनों एचयूआईडी (4- और 6-अंकीय) का इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन अब यानी 31 मार्च के बाद सिर्फ 6 अंकों के अल्फान्यूमेरिक कोड की इजाजत होगी।

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HUID क्या है?

HUID एक 6 डिजिट यूनिक अल्फान्यूमेरिक कोड है। इसमें संख्याएं और अक्षर होते हैं। मंत्रालय के मुताबिक, हॉलमार्किंग के समय प्रत्येक आभूषण को HUID दिया जाएगा और यह प्रत्येक आभूषण के लिए यूनिक होगा। यूनिक संख्या को परखने और हॉलमार्किंग केंद्रों पर आभूषणों पर मैन्युअल रूप से मुहर लगाई जाती है।

उपभोक्ता मामलों के विभाग की अतिरिक्त सचिव निधि खरे ने बताया कि ऑपरेटिव बीआईएस पंजीकृत ज्वैलर्स की संख्या 2022-23 में 1,53,718 से बढ़ गई है। भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) के दिशानिर्देशों के मुताबिक, BIS हॉलमार्क में 3 प्रतीक होते हैं- BIS लोगो, शुद्धता/सुंदरता ग्रेड और 6 अंकों का अल्फान्यूमेरिक कोड, जिसे HUID के रूप में जाना जाता है।

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निधि खरे के मुताबिक, 2022-23 के बीच अब तक 10.56 करोड़ सोने के गहनों की हॉलमार्किंग की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि 256 जिलों को 23 जून 2021 से अनिवार्य हॉलमार्किंग के तहत कवर किया गया था। 1 जून 2022 से 32 और जिलों को अनिवार्य हॉलमार्किंग के तहत कवर किया गया, जिससे कुल जिलों की संख्या बढ़कर 288 हो गई। अतिरिक्त 51 नए जिले AHCs/OSCs के साथ स्थापित किए गए। इसके बाद कुल जिलों की संख्या 339 हो जाएगी।

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