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राज्यसभा से अपनी विदाई के मौके पर भावुक हुए गुलाम नबी आजाद, बोले- मुझे भारतीय मुसलमान होने पर है गर्व

राज्यसभा में आजाद ने कहा कि मैं कभी पाकिस्तान नहीं गया, लेकिन मुझे उस देश की समस्याओं और परिस्थितियों का पता है और मुझे उम्मीद है कि उन समस्याओं को भारत के मुसलमानों को सामना नहीं करना पड़ेगा और कई देशों में मुसलमानों की स्थिति को देखने के बाद मुझे एक हिंदुस्तानी मुस्लिम होने पर गर्व महसूस होता है।

फोटो: राज्य सभा
फोटो: राज्य सभा 

राज्यसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने मंगलवार को कहा कि मैं गर्व से भरा एक भारतीय मुसलमान हूं। मुस्लिमों को इस देश पर गर्व होना चाहिए लेकिन बहुसंख्यक समुदाय को भी अल्पसंख्यक समुदाय की दिशा में एक कदम आगे बढ़ाना चाहिए। आजाद का राज्यसभा कार्यकाल इस महीने समाप्त हो रहा है।

आजाद ने कहा, "मैं कभी पाकिस्तान नहीं गया, लेकिन मुझे उस देश की समस्याओं और परिस्थितियों का पता है और मुझे उम्मीद है कि उन समस्याओं को भारत के मुसलमानों को सामना नहीं करना पड़ेगा और कई देशों में मुसलमानों की स्थिति को देखने के बाद मुझे एक हिंदुस्तानी मुस्लिम होने पर गर्व महसूस होता है।" उन्होंने कहा, "मैं 41 साल से संसद और राज्य विधानसभा में हूं और पार्टी अध्यक्ष के रूप में इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, सोनिया गांधी और राहुल गांधी के साथ काम करने का मौका मिला है।"

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उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने उन्हें ज्योति बसु सहित कई बड़े नेताओं के साथ संवाद करने का मौका दिया। जम्मू और कश्मीर से सेवानिवृत्त हो रहे राज्यसभा सदस्यों ने सदन से आग्रह किया कि जम्मू-कश्मीर के मुद्दों पर विचार किया जाना चाहिए और राज्य के लोगों के लाभ के लिए जल्द ही राज्य की बहाली की जानी चाहिए।

आजाद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनके भावपूर्ण शब्दों के लिए धन्यवाद दिया और यह भी कहा कि वह संजय गांधी, फिर इंदिरा गांधी और बाद में राजीव गांधी की असमय मृत्यु के बाद रोये थे और ओडिशा में चक्रवात के बाद भी उनके आंसू निकल गए थे। प्रधानमंत्री मोदी भी आजाद की विदाई करते हुए भावुक हो गए और राज्यसभा में उन्हें सलामी दी। आजाद इस महीने उच्च सदन से सेवानिवृत्त होने वाले चार सदस्यों में से एक हैं।

प्रधानमंत्री ने राजनीति और सदन में आजाद के योगदान की चर्चा करते हुए कहा, "आप सदन से सेवानिवृत्त हो रहे हैं, लेकिन मैं आपको सेवानिवृत्त नहीं होने दूंगा और मेरे दरवाजे आपके लिए खुले हैं और मुझे आपके योगदान और सलाह की आवश्यकता होगी।"

मोदी ने कहा कि जो भी व्यक्ति आजाद की जगह लेगा, उसके योगदान के बराबर काम करना उनके लिए एक कठिन काम होगा। मोदी ने कहा, "वह अपनी पार्टी के बारे में चिंतित रहते हैं, लेकिन सदन और देश के बारे में ज्यादा चिंतित हैं।" मोदी ने कांग्रेस नेता के साथ अपने संबंधों को भी याद किया जब वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे।

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मोदी ने कहा, "जब कश्मीर में गुजराती पर्यटकों पर हमला हुआ था, तो आजाद ने मुझे सूचित किया था और लगभग रो रहे थे।" अपने भाषण के दौरान आजाद भी इस घटना का उल्लेख करते समय भावुक हो गए और कहा कि वह प्रार्थना करते हैं कि देश में आतंकवाद समाप्त हो।

राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने भी कहा कि आजाद सदन से सेवानिवृत्त हो रहे हैं, लेकिन सार्वजनिक सेवा से नहीं। उन्होंने उम्मीद जताई कि 'वह जल्द ही सदन के लिए फिर से चुने जाएंगे।'

इस अवसर पर बोलते हुए, एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि आजाद देश के सबसे अनुभवी नेता हैं और उन्होंने कई मंत्रालयों को संभाला। उन्होंने यह भी कहा कि आजाद ने सदन में विपक्ष के नेता के कद को बढ़ाया। पवार ने कहा, "जब वह संसदीय मामलों के मंत्री थे, तो विपक्ष और अन्य सभी राजनीतिक दलों के साथ उनके अच्छे संबंध थे।"

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