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बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में कल्याण सिंह पर साजिश-वैमनस्यता फैलाने का आरोप तय, निजी मुचलके पर मिली जमानत

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता कल्याण सिंह के खिलाफ बाबरी मस्जिद गिराए जाने के मामले में आरोप तय हो गया है। लखनऊ की विशेष सीबीआई अदालत में कल्याण सिंह के खिलाफ इस मामले में साजिश और वैमनस्यता फैलाने का आरोप तय किया गया है।

फोटोः सोशल मीडिया
फोटोः सोशल मीडिया 

बाबरी मस्जिद गिराए जाने के मामले में शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के लखनऊ की विशेष सीबीआई अदालत में पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ बीजेपी नेता कल्याण सिंह के खिलाफ साजिश रचने और वैमनस्यता फैलाने समेत कई धाराओं में आरोप तय हो गया। आज सुनवाई के दौरान अदालत में कल्याण सिंह भी पेश हुए। आरोप तय होने के बाद कल्याण सिंह के आवेदन पर अदालत ने उन्हें 2 लाख के निजी मुचलके पर जमानत दे दी।

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लखनऊ की विशेष सीबीआई अदालत में सर्वोच्च अदालत के निर्देश पर इस मामले की रोजाना सुनवाई हो रही है। बीते दिनों सीबीआई ने अदालत में याचिका दायर कर कल्याण सिंह की पेशी के लिए अदालत से समन जारी करने का अनुरोध किया था। जिस पर अदालत ने कल्याण सिंह को हाजिर होने का आदेश दिया था। बता दें कि इससे पहले तक राज्यपाल के पद पर रहने के कारण कल्याण सिंह को अनुच्छेद 361 के तहत पेशी से छूट मिली हुई थी। लेकिन बीते दिनों राज्स्थान के राज्यपाल के तौर पर उनका कार्यकाल पूरा होने के बाद सीबीआई ने उनके खिलाफ कोर्ट में पहल की थी।

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बाबरी विध्वंस मामले में कल्याण सिंह के खिलाफ आईपीसी की धाराएं 153a, 153b, 295, 295a, 505 लगाई गई हैं। इन्हीं धाराओं के आधार पर आज उनके खिलाफ आपराधिक साजिश रचने और दो समुदाय के बीच वैमनस्यता फैलाने समेत अन्य अपराध में आरोप तय किए गए हैं। हालांकि, इस मामले में कल्याण सिंह पर धारा 149 नहीं लगाई गई है, क्योंकि वह घटना के वक्त वहां मौजूद नहीं थे। इस मामले में कल्याण सिंह के साथ बीजेपी के दिग्गज नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती भी आरोपी हैं।

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गौरतलब है कि 6 दिसंबर 1992 को उत्तर प्रदेश के तत्कालीन फैजाबाद जिले के अयोध्या में बाबरी मस्जिद को कारसेवकों की भारी भीड़ ने गिराय दिया था। उस समय प्रदेश में बीजेपी की सरकार थी और कल्याण सिंह मुख्यमंत्री थे। घटना के बाद कल्याण सिंह ने पद से इस्तीफा दे दिया था। उसके बाद इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई। साल 2017 में सीबीआई की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने मामले में केस दर्ज करने का आदेश दिया था। याचिका में कल्याण सिंह के साथ ही लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, साध्वी ऋतंभरा, महंत नृत्यगोपाल दास समेत अन्य कई लोगों को आरोपी बनाया गया था। फिलहाल सभी अन्य आरोपी जमानत पर हैं।

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