कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने पटना में पार्टी कार्य समिति की बैठक से पहले बुधवार को 1940 में हुई कार्य समिति की उस बैठक का उल्लेख किया जिसमें स्वतंत्र भारत के संविधान को लेकर प्रतिबद्धता जताई गई थी।
जयराम रमेश ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जो संगठन अब अपनी स्थापना एक शताब्दी वर्ष मना रहा है उसने संविधान का विरोध किया था। साल 1940 में कांग्रेस कार्य समिति की बैठक बिहार के रामगढ़ में हुई थी जो अब झारखंड में है।
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जयराम रमेश ने 'एक्स' पर पोस्ट किया, "विस्तारित कांग्रेस कार्य समिति की बैठक आज सुबह 10 बजे पटना में होगी। मार्च 1940 के मध्य में आयोजित अपने रामगढ़ सत्र में कार्य समिति ने अपना ऐतिहासिक प्रस्ताव पारित किया, जिसने पहली बार औपचारिक रूप से कांग्रेस को एक स्वतंत्र राष्ट्र और स्वतंत्र भारत के लिए संविधान बनाने और अंगीकार करने के लिए संविधान सभा के गठन का संकल्प लिया।"
उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का नाम लिए बैगर कहा कि जिस संस्था ने संविधान का विरोध किया था वो अपना शताब्दी वर्ष मना रही है।
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कांग्रेस नेता ने 'कांस्टीट्यूएंट असेंबली एंड और आवर डिमांड' नामक पुस्तक का उल्लेख किया जिसकी प्रस्तावना पंडित जवाहरलाल नेहरू ने लिखी थी।
उन्होंने कहा, "कार्य समिति की मार्च ,1940 की रामगढ़ बैठक के समय एक पुस्तक प्रकाशित हुई थी। यह जय गोपाल नारंग द्वारा लिखी गई थी और इसकी प्रस्तावना उस व्यक्ति द्वारा लिखी गई थी जो लगभग एक दशक तक ऐसी संविधान सभा का सबसे मजबूत समर्थक रहा था। यहां नेहरू की प्रस्तावना है।"
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