देशभर में आज मोदी सरकार के नीतियों के खिलाफ हल्ला बोल हो रहा है। 25 करोड़ से ज्यादा कर्मचारी सरकार की मजदूर-विरोधी, किसान-विरोधी सरकार के नीतियों के खिलाफ सड़कों पर उतरे हैं। इसके अलावा आज बिहार में महागठबंधन ने भी वोटर वेरिफिकेशन के खिलाफ चक्का जाम बुलाया है। इस चक्का जाम में तेजस्वी यादवे के साथ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी भी शामिल हो रहे हैं।
Published: undefined
देशभर में बैंकिंग, बीमा, कोयला खनन, राजमार्ग, निर्माण और कई अन्य क्षेत्रों में कार्यरत 25 करोड़ से ज्यादा कर्मचारी आम हड़ताल पर हैं। आपको बता दें, यह हड़ताल 10 केंद्रीय श्रमिक संगठनों और उनकी सहयोगी इकाइयों के मंच ने सरकार की मजदूर, किसान और राष्ट्र विरोधी नीतियों के विरोध में बुलाई है।
स्कूल, कॉलेज और निजी दफ्तरों के सामान्य रूप से खुले रहने की उम्मीद है, लेकिन परिवहन, बैंक और डाक सेवाओं में रुकावट के चलते आम जनजीवन प्रभावित हो सकता है।
Published: undefined
इस आंदोलन को संयुक्त किसान मोर्चा, कृषि मजदूर यूनियन, और कई क्षेत्रीय संगठनों का समर्थन भी मिला है। यूनियनों का कहना है कि यह विरोध प्रदर्शन श्रम कानूनों में बदलाव, सार्वजनिक क्षेत्रों के निजीकरण, संविदा नौकरियों के विस्तार और बेरोजगारी जैसे मुद्दों को लेकर है।
आंदोलन के केंद्र में पिछले साल श्रम मंत्री मनसुख मंडाविया को सौंपा गया 17 सूत्री मांग पत्र है। यूनियनों ने आरोप लगाया है कि सरकार ने उनकी चिंताओं को नजरअंदाज कर दिया है और एक दशक से अधिक समय से वार्षिक श्रम सम्मेलन आयोजित करने में विफल रही है। ये भी आरोप लगाया है कि काम के घंटे बढ़ाए जा रहे हैं और श्रमिकों के अधिकारों को कम किया जा रहा है।
इससे पहले श्रमिक संगठनों ने नवंबर 2020, मार्च 2022 और फरवरी 2024 में भी इसी तरह की देशव्यापी हड़तालें की थीं। आज प्रस्तावित यह आम हड़ताल सिर्फ एक प्रदर्शन नहीं, बल्कि देश की नीतियों और श्रमिक अधिकारों पर सवाल उठाने की एक बड़ी कोशिश है।
Published: undefined
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: undefined