बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में प्राणीशास्त्र विभाग के वरिष्ठ आनुवंशिकीविद् प्रोफेसर ज्ञानेश्वर चौबे ने कहा है कि कोरोना वायरस की तीसरी लहर कम गंभीर और घातक होगी। खासकर उन लोगों के लिए जिन्हें टीका लगाया गया है और जो इस वायरस से ठीक हो चुके हैं।
उन्होंने कहा कि जिन लोगों को कोविड-19 का टीका लगाया गया है और वे ठीक हो गए हैं, वे तीसरी लहर के दौरान संरक्षित समूह के अंतर्गत आएंगे।
Published: 14 Sep 2021, 1:39 PM IST
उन्होंने कहा कि लहर की संभावना कम से कम तीन महीने बाद आएगी, लेकिन चल रहे कोरोनावायरस टीकाकरण से लोगों की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी और उन्हें लहर का विरोध करने में मदद मिलेगी।
उन्होंने आगे कहा, "जैसा कि हर तीन महीने में एंटीबॉडी का स्तर गिरता है, तीसरी लहर की संभावना होती है। इस मायने में, अगर अगले तीन महीनों में एंटीबॉडी का स्तर गिरता है, तो तीसरी लहर आ सकती है। लेकिन मौजूदा टीकाकरण अभियान से वायरस के खिलाफ लड़ाई में मदद मिलेगी। अगर हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता 70 प्रतिशत से ज्यादा है तो उस समूह में कोविड का प्रभाव कम होगा और धीरे-धीरे इसकी आवृत्ति कम होने लगेगी।"
Published: 14 Sep 2021, 1:39 PM IST
प्रो चौबे ने आगे कहा कि जहां वायरस को रोका नहीं जा सकता, वहीं मृत्यु दर को कम किया जा सकता है।
उन्होंने कहा, "समय-समय पर, कोरोना अपना सिर उठाएगा लेकिन अंतत: कम हो जाएगा। एक बार एंटीबॉडी का स्तर कम हो जाने पर, कोविड को पकड़ने की संभावना बढ़ जाएगी। फिर भी, संरक्षित समूह में मृत्यु दर बहुत कम है।"
Published: 14 Sep 2021, 1:39 PM IST
ऐसे में अगर दो से चार लाख लोगों में से एक से दो लोगों की मौत भी हो जाए तो भी यह एक बड़ी बात मानी जाएगी। उन्होंने कहा, "यहां तक कि अगर हमारी पूरी आबादी कोरोनावायरस से संक्रमित हो जाती है और हम मृत्यु दर को 0.1 या 1 प्रतिशत से भी कम रखते हैं, तो हम यह युद्ध जीतेंगे।"
Published: 14 Sep 2021, 1:39 PM IST
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Published: 14 Sep 2021, 1:39 PM IST