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कर्नाटक के बीजेपी सरकार को बड़ा झटका...1,500 करोड़ रुपये की जमीन सौदे का क्या है सच?

कर्नाटक में सत्तारूढ़ बीजेपी को झटका देते हुए मानवाधिकार संरक्षण और भ्रष्टाचार उन्मूलन मंच के राज्य अध्यक्ष डॉ. राघवेंद्र एसआर ने बेंगलुरू में 1,500 करोड़ रुपये के जमीन सौदे के मुद्दे पर हमला बोल दिया है।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया 

कर्नाटक में सत्तारूढ़ बीजेपी को झटका देते हुए मानवाधिकार संरक्षण और भ्रष्टाचार उन्मूलन मंच के राज्य अध्यक्ष डॉ. राघवेंद्र एसआर ने बेंगलुरू में 1,500 करोड़ रुपये के जमीन सौदे के मुद्दे पर हमला बोल दिया है। डॉ. राघवेंद्र ने इस बारे में प्रधानमंत्री कार्यालय यानी पीएमओ और राज्यपाल कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई है। शिकायतकर्ता डॉ. राघवेंद्र एसआर ने शनिवार को कहा कि, सत्तारूढ़ बीजेपी अपने फायदे के लिए निजी पार्टियों को 75 एकड़ जमीन सौंपने के लिए तैयार है। विवादित जमीन बेंगलुरू अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा सड़क पर बेंगलुरू शहर के बीच में स्थित जक्कुर हवाई अड्डे की है। एयरोड्रम में 221 एकड़ जमीन है जो तत्कालीन मैसूर महाराजाओं की तरफ से पायलटों को सस्ती कीमतों पर ट्रेनिंग देने के लिए दान की गई थी।

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राघवेंद्र ने आरोप लगाया कि, कर्नाटक खेल मंत्रालय केवल 50 एकड़ में वाणिज्यिक परियोजना के लिए सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) और निजी पार्टियों के साथ 25 एकड़ में एक एयरो-क्लब का समर्थन करने के लिए लगातार विमान लैंडिंग और टेक-ऑफ कर रहा है। उन्होंने विस्तार से कहा, इस तरह के कदम को लागू करने से राज्य के खजाने को भारी नुकसान के अलावा, जक्कुर हवाई अड्डे के आसपास रहने वाले हजारों लोगों के जीवन को बड़ा खतरा होगा।

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राघवेंद्र ने कहा, 18 जुलाई को प्रशिक्षण-विमान दुर्घटना को जक्कुर फ्लाइंग स्कूल ने दबा दिया था। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) इसकी जांच कर कर रहा है। जक्कुर हवाई अड्डा किसी भी विमान के उतरने के लिए किसी खतरे से कम नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि जक्कुर हवाई अड्डा के आसपास रहने वाले हजारों लोगों की जान पर खतरे के बावजूद खेल मंत्रालय के तहत आने वाला हवाई अड्डा जारी रखने पर अमादा है। उन्होंने कहा कि इसकी पत्र लिखकर शिकायत भी की गई।

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शिकायतकर्ता डॉ. राघवेंद ने आगे बताया, जनवरी 2014 में, एनएच 44 पर एलिवेटेड कॉरिडोर का निर्माण बैंगलोर सिटी-सेंटर और केम्पेगौड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के बीच कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए किया गया था। राघवेंद्र ने दावा किया कि, जक्कुर फ्लाइंग स्कूल ने रनवे के पश्चिम की ओर 12 मीटर (39 फीट) से अधिक ऊंचा एलिवेटेड कॉरिडोर (फ्लाईओवर), रनवे की प्रभावी लंबाई को 950 मीटर से घटाकर 450 मीटर कर दिया। इसलिए जक्कुर मे हवाई अड्डा किसी बड़े हादसे को दावत दे रहा है यानी असुरक्षित है।

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शिकायतकर्ता ने कहा, रनवे को पहले की तरह बढ़ाने का निर्णय लेने के बाद भी जरुरी जमीन का अधिग्रहण नहीं किया जा सका। रनवे का विस्तार करने के लिए निजी भूमि के अधिग्रहण की अन्य कोशिश भी अमल में नहीं लाई गई। नवंबर 2019 में, सरकारी फ्लाइंग स्कूल के निदेशक ने आखिर में अदालत के निदेशरें पर सहमति प्राप्त अधिग्रहण के विचार को छोड़ दिया। इसलिए वर्तमान में, जक्कुर फ्लाइंग स्कूल रनवे का विस्तार नहीं कर सकता है।

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पहले में कही हुई जमीन को जक्कुर फ्लाइंग स्कूल से सभी आवश्यक एनओसी के साथ शोभा एमराल्ड जैसे विला टाउनशिप के रूप में विकसित किया गया है। इस बस्ती पर 15 साल से अधिक समय से कब्जा है। राघवेंद्र ने विस्तार से बताया, यदि 170 मीटर तक बढ़ाया जाता है, तो रनवे मौजूदा विकास में विस्तारित होगा, जिससे निवासियों को खतरा होगा। इसलिए, पड़ोस में सभी मौजूदा विकासों को देखते हुए रनवे का विस्तार करना असंभव है।

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इसके अलावा, बैंगलोर मेट्रो (बीएमआरसीएल) हवाई अड्डे की लाइन को पश्चिम में जक्कुर फ्लाइंग स्कूल की सीमा से लगे एलिवेटेड एक्सप्रेस कॉरिडोर के साथ चलाने के लिए अंतिम रूप दिया गया है, जिसके लिए 3 सितंबर 2021 को जक्कुर फ्लाइंग स्कूल द्वारा एनओसी जारी की गई है। राघवेंद्र ने जोर देकर कहा कि, इससे रनवे की लंबाई 450 मीटर से कम होकर 350 मीटर हो जाती है जिससे सुरक्षित विमान उतरना असंभव हो जाता है।

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जक्कुर हवाई अड्डे के ठीक बगल में बने शोभा एमराल्ड अपार्टमेंट में रहने वाले लोगों ने अपने जीवन के खतरे के बारे में एक शिकायत भी दर्ज कराई थी। लेकिन उसके बावजूद, जक्कुर फ्लाइंग स्कूल ट्रेनिंग देने का काम जारी रखता है। इससे साफ है कि, जानबूझकर ट्रेनिंग ले रहे पायलटों और आसपास के निवासियों के जीवन को खतरे में डाला रहा है। शिकायतकर्ता ने मांग है कि, आस-पास रहने वाले एक बड़े समुदाय के जीवन को खतरे में डालकर फ्लाइंग स्कूल को फिर से शुरु करने की कोशिश तर्कहीन और जीवन के लिए खतरा है। इसलिए, जक्कुर फ्लाइंग स्कूल के संचालन को तुरंत रोक दिया जाना चाहिए।

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18 जुलाई को एक विमान दुर्घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि शोभा एमराल्ड विला से चंद मीटर की दूरी पर बड़ा हादसा होने से बच गया, नहीं तो उस दिन कई लोगों की जान चली जाती। राघवेंद्र ने कहा कि, जक्कुर फ्लाइंग स्कूल ने इस घटना को दबाने की कोशिश की, जिसकी डीजीसीए अभी जांच कर रहा है। यह इस तथ्य को और मजबूत करता है कि हवाई अड्डे का संचालन जारी नहीं रहना चाहिए और इसे तुरंत बंद कर दिया जाना चाहिए।

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