अब तक जहां विपक्ष बिहार में कानून व्यवस्था पर नीतीश सरकार को घेरने का प्रयास कर रहा था, वहीं अब एनडीए में सहयोगी चिराग पासवान भी नीतीश सरकार को निशाने पर ले रहे हैं। एनडीए में शामिल केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने आज कहा कि राज्य में आपराधिक घटनाओं की एक श्रृंखला बन गई है और प्रशासन अपराधियों के सामने पूरी तरह से नतमस्तक दिख रहा है। चिराग ने यहां तक कह दिया कि मुझे दुख है कि मैं ऐसी सरकार का समर्थन कर रहा हूं, जहां अपराध बेकाबू हैं। वहीं जेडीयू ने चिराग के बयान पर पलटवार करते हुए उन्हें गिरेबान में झांकने की नसीहत दी है।
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चिराग पासवान ने पटना में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि यह बात सही है कि इन घटनाओं पर कार्रवाई भी हुई है, लेकिन सवाल है कि ऐसी घटनाएं घट क्यों रही हैं? अब तो लगता है कि प्रशासन पूरी तरह इन घटनाओं को रोकने में नाकामयाब है। अगर ऐसा ही चलता रहा तो प्रदेश के लिए आने वाले दिनों में ये बहुत भयावह परिस्थिति पैदा कर देगा।
उन्होंने कहा कि मान लिया जाए कि अगर सरकार को बदनाम करने की साजिश के तहत भी इन घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है, तो भी इसे नियंत्रित करने की ज़िम्मेदारी प्रशासन की ही बनती है। उन्होंने इसके लिए प्रशासन की मिलीभगत की भी संभावना जताई। उन्होंने बिहार सरकार से आग्रह करते हुए कहा कि जरूरी है कि समय रहते हम लोग इस पर कार्रवाई करें। उन्होंने कहा, "मुझे इस बात का दुख होता है कि मैं ऐसी सरकार का समर्थन कर रहा हूं, जहां पर अपराध पूरी तरह से बेलगाम हो चुका है। इस पर नियंत्रण पाना जरूरी है।"
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चिराग के बयान पर जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के प्रवक्ता नीरज कुमार ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि बिहार की जनता कानून व्यवस्था के सवाल पर नीतीश सरकार में निश्चिंत है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को नीतीश कुमार पर भरोसा है। अगर आपका मन विचलित हो रहा हो तो अलग बात है। उन्होंने चिराग पर तंज कसते हुए कहा कि शरीर कहीं और आत्मा कहीं और है। बिहार में कानून का राज है।
वहीं जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने चिराग पासवान को निशाने पर लेते हुए कहा कि राजनेताओं को बयान देने से पहले अपने गिरेबान में भी झांकना चाहिए। जो लोग बिहार की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रहे हैं। पहले यह तो सुनिश्चित करें कि उनके दल में आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों को शामिल नहीं किया जाएगा। आलोचना करना और नसीहत देना बहुत आसान होता है। देश में अपराध मुक्त राज्य की कल्पना करना आज के दौर में काफी मुश्किल है। दूसरे राज्यों की तुलना में हम बिहार की कानून व्यवस्था को बेहतर मानते हैं।
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वहीं, कांग्रेस नेता शकील अहमद ने कहा कि चिराग पासवान एनडीए में शामिल हैं। वह तो खुद को पीएम मोदी का 'हनुमान' बताते हैं। मीडिया सवाल करती है तो बिहार सरकार पर निशाना साधते हैं। अगर विरोध करना है तो सीधे तौर पर कीजिए। सरकार में भी बने रहना है और विरोध भी करना है। यह दोहरा चरित्र है। चिराग को विरोध करना है तो इस्तीफा सौंप दे और खुलेतौर पर विरोध करें।
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