कांग्रेस ने बिहार में रविवार को ‘पलायन रोको, नौकरी दो’ थीम वाली राज्यव्यापी ‘पदयात्रा’ शुरू की। इसमें राज्य में व्याप्त बेरोजगारी को रेखांकित किया गया और इसे बड़े पैमाने पर युवाओं के पलायन के लिए जिम्मेदार ठहराया गया।
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कांग्रेस की यह पदयात्रा पश्चिमी चंपारण जिले के भितिहरवा आश्रम से शुरू हुई। इस आश्रम की स्थापना महात्मा गांधी ने करीब एक सदी पहले तब की थी, जब उन्होंने देश में अपना पहला ‘सत्याग्रह’ शुरू किया था। उक्त आंदोलन के जरिये महात्मा गांधी ने उत्तर बिहार में नील की खेती करने वाले श्रमिकों के हितों की रक्षा की थी।
इस अवसर पर कांग्रेस की बिहार इकाई के अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह को पार्टी कार्यकर्ताओं ने प्रतीकात्मक रूप से राष्ट्रीय ध्वज भेंट किया। पदयात्रा में नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) के राष्ट्रीय प्रभारी कन्हैया कुमार, एनएसयूआई अध्यक्ष वरुण चौधरी, युवा कांग्रेस अध्यक्ष उदय भानु चिब और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के बिहार मामलों के प्रभारी कृष्ण अल्लावरु भी शामिल हुए।
‘पलायन रोको, नौकरी दो’ पदयात्रा को सियासी गलियारों में इस वर्ष के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस द्वारा खुद को मजबूत करने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। पार्टी संभवतः राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और वाम दलों के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ेगी। बिहार के विभिन्न जिलों से होते हुए पदयात्रा पटना में संपन्न होगी।
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