
बिहार विधानसभा चुनाव के लिए एनडीए गठबंधन ने अपना घोषणा पत्र, संकल्प पत्र के नाम से जारी कर दिया है। संकल्प पत्र में रोजगार, महिला सशक्तिकरण, कृषि और बुनियादी ढांचे को केंद्र में रखते हुए कई बड़े ऐलान किए गए हैं।
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एनडीए ने अपने संकल्प पत्र में कहा है कि सरकार बनने पर बिहार में एक करोड़ नौकरियां दी जाएंगी।
साथ ही, महिलाओं को दो लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता देने की योजना शुरू की जाएगी।
इसके अलावा गठबंधन ने राज्य की एक करोड़ महिलाओं को “लखपति दीदी” बनाने का लक्ष्य तय किया है।
अतिपिछड़ा वर्ग को ₹10 लाख की सहायता, उच्च स्तरीय समिति बनेगी।
एनडीए के संकल्प पत्र में अतिपिछड़ा वर्ग (EBC) के सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण पर विशेष ध्यान दिया गया है।
तांती, ततमा, निषाद, मल्लाह, केवट, गंगोता, बिंद, नोनिया, तेली, तमोली, बढ़ई, धानुक, लोहाड़, कुम्हार, नाई, शिल्पकार, ठठेरा, माली, चंद्रवंशी, हलवाई, कानू, दांगी, तुरहा, अमात, केवर्त, राजवंशी, गड़ेरिया जैसे समूहों को ₹10 लाख की सहायता देने की बात कही गई है।
इसके साथ ही यह घोषणा की है कि सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति गठित की जाएगी।
यह समिति अतिपिछड़े वर्ग की विभिन्न जातियों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति का आकलन करेगी और उनके सशक्तिकरण के लिए सुझाव देगी।
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एनडीए ने वादा किया है कि सरकार बनने पर ‘कर्पूरी ठाकुर किसान सम्मान निधि’ योजना शुरू की जाएगी।
इस योजना के तहत हर किसान को हर साल ₹3,000 की तीन किश्तों में कुल ₹9,000 की सहायता दी जाएगी।
संकल्प पत्र में यह भी कहा गया है कि कृषि क्षेत्र को मजबूती देने के लिए ₹1 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा।
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एनडीए ने घोषणा की है कि सरकार बनने पर ‘जुब्बा सहनी मत्स्य पालक सहायता योजना’ लागू की जाएगी।
इस योजना के तहत प्रत्येक मत्स्य पालक को ₹4,500 की दो किश्तों में कुल ₹9,000 की सहायता मिलेगी।
इसके अलावा, राज्य में दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए ‘बिहार दूध मिशन’ शुरू करने का भी ऐलान किया गया है।
मिशन के तहत हर प्रखंड में चिलिंग और प्रोसेसिंग सेंटर स्थापित किए जाएंगे, ताकि किसानों को बेहतर दाम और सुविधा मिल सके।
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एनडीए ने राज्य के इंफ्रास्ट्रक्चर विकास के लिए भी कई बड़े वादे किए हैं।
NDA ने कहा है कि अगले कार्यकाल में 7 नए एक्सप्रेसवे बनाए जाएंगे।
साथ ही, 3,600 किलोमीटर रेल ट्रैक का आधुनिकीकरण किया जाएगा।
इसके अलावा ‘अमृत भारत एक्सप्रेस’ और ‘नमो रैपिड रेल सेवा’ का विस्तार बिहार के कई जिलों तक किया जाएगा।
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इंडिया गठबंधन अपना घोषणा पत्र पहले ही जारी कर चुका है। तेजस्वी यादव ने उसमें युवाओं को रोजगार देने पर विशेष जोर दिया था। अब एनडीए के संकल्प पत्र में भी रोजगार और महिला सशक्तिकरण को प्रमुख मुद्दा बनाया गया है।
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अब सवाल यह है कि क्या NDA जिसकी प्रमुख दल बीजेपी है, उसके वादे पर बिहार की जनता भरोसा करेगी। यह सवाल इसलिए पूछे जा रहे हैं, क्योंकि देश के अलग-अलग हिस्सों में बीते विधानसभा चुनावों और लोकसभा चुनावों में बीजेपी ने कई वादे किए थे जो हवा हवाई साबित हुए हैं।
2014 के लोकसभा में चुनाव में देश में हर साल 2 करोड़ नौकरी देना का वादा बीजेपी ने किया था, जिसे उसने पूरा नहीं किया।
बीजेपी ने अपने 2019 के लोकसभा चुनाव घोषणापत्र में यह वादा किया था कि वे किसानों की आय को 2022 तक दोगुनी कर देंगे, लेकिन यह वादा भी पूरा नहीं हुआ।
अब बिहार में किसानों के लिए एनडीए ने कई वादे किए हैं।
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बीजेपी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में जनता से कई बड़े बड़े वादे किए थे, जिसे वह अब तक पूरी नहीं कर पाई है और ना ही उन वादों पर कोई चर्चा कर रही है।
महिलाओं को मासिक ₹2,500 की वित्तीय सहायता देना।
गर्भवती महिलाओं को ₹21,000 की सहायता और पोषण किट देने का वादा।
300 यूनिट तक मुफ्त बिजली देना।
यमुना नदी के किनारे विकास और अवैध कॉलोनियों के लोगों को स्वामित्व का अधिकार। उल्टे कॉलोनियों पर बुलडोजर चल गए।
यमुना की सफाई का वादा भी बीजेपी ने किया था।
24-घंटे पीने योग्य पानी देने का वादा।
ऊपर जो सूची आपने देखी यह तो सिर्फ दिल्ली की है। दिल्ली के अलावा, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और हरियाणा समेत कई जगहों पर बीजेपी ने लोकलुभावन वादे करके सरकार तो बना ली, लेकिन जनता से किए कई वादे अभी तक पूरे नहीं किए।
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