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बिहार चुनावः दूसरे चरण की 122 सीट पर मतदान, तीन दलों के प्रदेश अध्यक्ष समेत कई दिग्गजों के भाग्य का होगा फैसला

इस चरण में नीतीश सरकार के कई वरिष्ठ मंत्रियों समेत 12 मंत्रियों की सीटों पर भी चुनाव है। इसके अलावा इस चरण में तीन दलों के प्रदेश अध्यक्ष, दो पार्टियों के विधायक दल के नेता और कई बड़े नेताओं के परिजनों के अलावा 24 पूर्व मंत्री भी चुनाव लड़ रहे हैं।

दूसरे चरण की 122 सीट पर मतदान आज, तीन दलों के प्रदेश अध्यक्ष समेत कई दिग्गजों के भाग्य का होगा फैसला
दूसरे चरण की 122 सीट पर मतदान आज, तीन दलों के प्रदेश अध्यक्ष समेत कई दिग्गजों के भाग्य का होगा फैसला फोटोः सोशल मीडिया

बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे और अंतिम चरण 122 सीटों पर आज मतदान हो रहा है। इस चरण में 3.70 करोड़ मतदाता 1,302 उम्मीदवारों के राजनीतिक भाग्य का फैसला करेंगे। इस चरण में नीतीश सरका के एक दर्जन से अधिक मंत्रियों और तीन दलों के अध्यक्षों समेत कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर है। इन 122 सीटों पर 2020 के चुनाव में एनडीए को 66 और इंडिया गठबंधन को 49 सीटों पर जीत मिली थी।

दूसरे चरण में जिन 20 जिलों में मतदान होना है, उनमें पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया और किशनगंज शामिल हैं, ये सभी नेपाल की सीमा से सटे हुए जिले हैं। इनके अलावा इस चरण में शिवहर, पूर्णिया, कटिहार, भागलपुर, बांका, कैमूर, रोहतास, अरवल, जहानाबाद, औरंगाबाद, गया, नवादा और जमुई जिले में मतदान होना है।

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अधिकारियों ने बताया कि इस चरण में 122 सीटों पर कुल 3.7 करोड़ मतदाता हैं। इनमें 1,95,44,041 पुरुष मतदाता है, 1,74,68,572 महिला मतदाता हैं, जबकि 943 थर्ड जेंडर वोटर हैं। मतदान 45,399 मतदान केंद्रों पर होगा, जिनमें से 40,073 ग्रामीण क्षेत्रों में हैं। चुनाव के मद्देनज़र पूरे राज्य में सुरक्षा के व्यापक इंतज़ाम किए गए हैं और चार लाख से अधिक सुरक्षाकर्मी चुनाव ड्यूटी में तैनात किए गए हैं। हर बूथ पर सशस्त्र बल की तैनाती की गई है। साथ ही मतदान से 48 घंटे पहले ही नेपाल की सीमा सील कर दी गई है। वहीं झारखंड और यूपी से लगी सीमाओं पर भी चौकसी बढ़ा दी गई है।

इस चरण में कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। इस चरण में नीतीश सरकार के कई वरिष्ठ मंत्रियों समेत 12 मंत्रियों की सीटों पर भी चुनाव है। इसके अलावा इस चरण में तीन दलों के प्रदेश अध्यक्ष, दो पार्टियों के विधायक दल के नेता और कई बड़े नेताओं के परिजनों के अलावा 24 पूर्व मंत्री भी चुनाव लड़ रहे हैं। तीन दलों के प्रदेश अध्यक्षों में गोविंदगंज से एलजेपी (रामविलास) के प्रदेश अध्यक्ष राजू तिवारी, कुटुम्बा से कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम और टिकारी से हम के प्रदेश प्रमुख अनिल कुमार की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है।

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इस चरण के प्रमुख उम्मीदवारों में जनता दल (यू) के वरिष्ठ नेता और राज्य मंत्रिमंडल के सबसे वरिष्ठ सदस्य बिजेंद्र प्रसाद यादव शामिल हैं, जो सुपौल सीट से लगातार आठवीं बार जीत दर्ज करने का प्रयास कर रहे हैं। बीजेपी के वरिष्ठ नेता और राज्य सरकार के मंत्री प्रेम कुमार भी गया टाउन सीट से लगातार आठवीं बार चुनाव मैदान में हैं। इनके अलावा बीजेपी की रेणू देवी (बेतिया), नीरेज कुमार सिंह ‘बबलू’ (छातापुर) और जेडीयू की लेशी सिंह (धमदहा), शीला मंडल (फुलपरास) और जामा खान (चैनपुर) की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी है।

बीजेपी के एक अन्य प्रमुख नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद कटिहार सीट से लगातार पांचवीं बार जीत दर्ज करने की कोशिश कर रहे हैं। कटिहार जिले की बलरामपुर और कदवा सीटों से क्रमशः सीपीआई (एमएल) लिबरेशन के महबूब आलम और कांग्रेस के शकील अहमद खान लगातार तीसरी जीत के प्रयास में हैं।

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दूसरे चरण का चुनाव एनडीए के दो सहयोगी दलों- हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) और राष्ट्रीय लोक मोर्चा (आरएलएम) की ताकत की भी परीक्षा माना जा रहा है। दोनों दलों को छह-छह सीटें मिली हैं। ‘हम’ की सभी छह सीटों पर इसी चरण में मतदान होना है। इनमें इमामगंज, बाराचट्टी, टेकारी और सिकंदरा सीटें पार्टी के पास हैं और मौजूदा विधायक फिर से मैदान में हैं। हम प्रमुख और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने इमामगंज सीट लोकसभा चुनाव में गया से जीतने से पहले छोड़ी थी। उपचुनाव में यह सीट उनकी बहू दीपा मांझी ने जीती थी, जबकि बाराचट्टी सीट दीपा की मां ज्योति देवी के पास है।

राष्ट्रीय लोक मोर्चा, जिसकी स्थापना दो वर्ष पहले हुई थी और अभी उसकी विधानसभा में कोई प्रतिनिधित्व नहीं है, इस बार छह उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं। इनमें पार्टी प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा की पत्नी स्नेहलता (सासाराम) और उनके करीबी सहयोगी माधव आनंद (मधुबनी) भी शामिल हैं, जो पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं।

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कई दलबदलू उम्मीदवार भी मैदान में हैं। इनमें मोहानिया की विधायक संगीता कुमारी शामिल हैं, जिन्होंने 2020 में आरजेडी के टिकट पर जीत हासिल की थी और अब बीजेपी से चुनाव लड़ रही हैं। नवादा की विधायक विभा देवी हाल ही में आरजेडी छोड़कर जेडीयू में शामिल हुई हैं।इसी तरह कांग्रेस कोटे से मंत्री रहे मुरारी गौतम ने पिछले वर्ष नीतीश कुमार के बीजेपी के साथ जाने के बाद एनडीए का रुख किया और अब वे लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के टिकट पर अपनी पुरानी सीट चेनारी से मैदान में हैं।

इस चरण में अधिकतर जिले सीमांचल क्षेत्र में आते हैं, जहां मुस्लिम आबादी का घनत्व अधिक है। ऐसे में यह चरण सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों के लिए बेहद अहम माना जा रहा है। एक ओर महागठबंधन अल्पसंख्यक समुदाय के समर्थन पर भरोसा कर रहा है, वहीं राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) विपक्ष पर तथाकथित घुसपैठियों की रक्षा का आरोप लगा रहा है। बता दें कि पहले चरण में 6 नवंबर को 121 सीटों पर 65 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ था, जिसे राज्य का “अब तक का सबसे अधिक” मतदान बताया गया।

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